RJD
BJP
Nota
NOTA
IND
JSP
AAP
IND
NCP
AHFB(K)
JSJD
RJSBP
JDR
JTAWP
BJUSP
Bihar Election Result 2025 Live: राघोपुर विधानसभा सीट पर RJD को दोबारा मिली जीत
Bihar Election Result 2025 Live: राघोपुर विधानसभा सीट पर RJD को दोबारा मिली जीत
Raghopur Assembly Election Results Live: Bihar की Raghopur सीट पर मुकाबला एकतरफा! RJD ने ली बड़ी बढ़त
Raghopur Election Results 2025 Live: राघोपुर सीट पर उलटफेर! BJP भारी अंतर से पीछे
Bihar Election Results Live: बिहार चुनाव में राजनीतिक गठबंधनों का प्रदर्शन कैसा है?
Raghopur Vidhan Sabha Result Live: राघोपुर विधानसभा सीट पर RJD विशाल जीत की ओर! जानिए BJP कितना पीछे?
1995 से पहले, राघोपुर बिहार के राजनीतिक नक्शे पर एक अपेक्षाकृत अनजान क्षेत्र था, हालांकि यह विधानसभा क्षेत्र 1951 से अस्तित्व में था. लेकिन लालू प्रसाद यादव द्वारा सोनपुर सीट छोड़कर, जहां से उन्होंने 1980 और 1985 में जीत हासिल की थी, राघोपुर से चुनाव लड़ने का फैसला इस क्षेत्र को राजनीतिक सुर्खियों में ले आया.
हालांकि राघोपुर पहले भी यादव बहुल क्षेत्र था और आज भी है, लेकिन लालू प्रसाद यादव का इससे पहले कोई सीधा जुड़ाव नहीं था. यह क्षेत्र वैशाली जिले की हाजीपुर लोकसभा सीट के छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक है, जबकि लालू प्रसाद यादव मूल रूप से सारण जिले के रहने वाले हैं.
राघोपुर का गौरवशाली इतिहास रहा है कि इसने दो मुख्यमंत्री - लालू प्रसाद यादव (1995 और 2000) और उनकी पत्नी राबड़ी देवी (2000 उपचुनाव और दो बार 2005 में) - और एक उपमुख्यमंत्री, उनके पुत्र तेजस्वी यादव (2015 और 2020) को चुना है.
2010 के झटके को छोड़कर, जब जनता दल (यूनाइटेड) के उम्मीदवार सतीश कुमार यादव ने राबड़ी देवी को हरा दिया था, राघोपुर ने हमेशा लालू प्रसाद यादव के परिवार के प्रति वफादारी दिखाई है. लेकिन इस वफादारी के बावजूद, राघोपुर की स्थिति और किस्मत में कोई खास बदलाव नहीं आया है. यह क्षेत्र आज भी विकास की मुख्यधारा से कटा हुआ है और हर साल लगभग छह महीने तक बाकी दुनिया से अलग-थलग रहता है.
भौगोलिक रूप से, राघोपुर बिहार की राजधानी पटना के अधिक करीब है, बजाय इसके कि यह वैशाली जिले के मुख्यालय हाजीपुर के नजदीक हो. राघोपुर के निवासियों को पटना पहुंचने के लिए लगभग डेढ़ किलोमीटर चौड़ी गंगा नदी को पार करना पड़ता है, जिसके लिए उन्हें देसी नावों पर निर्भर रहना पड़ता है. पहले यह परेशानी पूरे साल बनी रहती थी, लेकिन बिहार सरकार द्वारा एक पॉन्टून पुल (अस्थायी पुल) बनाने से स्थिति थोड़ी बेहतर हुई. हालांकि, गंगा के जलस्तर में वृद्धि होते ही इस पुल को हटा दिया जाता है.
मूलभूत सुविधाओं और विकास की कमी के कारण, राघोपुर की साक्षरता दर बिहार के सबसे कम साक्षरता दर वाले क्षेत्रों में से एक है- मात्र 39 प्रतिशत. यह पूरी तरह से ग्रामीण क्षेत्र है, जहां कोई शहरी क्षेत्र नहीं है.
दिलचस्प बात यह है कि राघोपुर ने दो मुख्यमंत्रियों और एक उपमुख्यमंत्री के अलावा तीन केंद्रीय मंत्रियों को भी चुना है. राम विलास पासवान, उनके पुत्र चिराग पासवान और उनके छोटे भाई पशुपति कुमार पारस हाजीपुर से सांसद चुने गए और केंद्रीय मंत्री बने. इसके बावजूद, राघोपुर को उसके निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा लगातार उपेक्षित किया गया है.
यादव समुदाय की 31 प्रतिशत से अधिक मतदाता संख्या को देखते हुए, यह माना जाता है कि लालू प्रसाद यादव ने इस सीट को चुना था. क्षेत्र में उच्च अशिक्षा दर और गरीबी भी ऐसे कारक थे, जिनके कारण राघोपुर के मतदाता लालू प्रसाद यादव की राजनीतिक रणनीतियों से प्रभावित होते रहे.
यादव मतदाताओं के अलावा, 18.56 प्रतिशत अनुसूचित जाति और 3.3 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता पारंपरिक रूप से लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार का समर्थन करते आए हैं, जिससे यह सीट उनके लिए सुरक्षित बनी रही. 2010 को छोड़कर, जब सतीश कुमार यादव ने राबड़ी देवी को 13,000 से अधिक मतों से हराया था, राघोपुर ने हमेशा लालू परिवार का समर्थन किया है. तेजस्वी यादव ने भी अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत इसी क्षेत्र से की और मतदाताओं ने उन्हें लगातार समर्थन दिया, इस उम्मीद में कि वे मुख्यमंत्री बनकर क्षेत्र का विकास करेंगे. लेकिन अब तक उनकी एकमात्र उपलब्धि केवल अस्थायी पॉन्टून पुल का निर्माण रहा है, जिससे स्थानीय लोगों में उनके प्रति असंतोष बढ़ रहा है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, जो खुद यादव समुदाय से आते हैं और वैशाली जिले के निवासी हैं, पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि भाजपा आगामी बिहार चुनाव में राघोपुर सीट पर दावा करेगी.
2020 के चुनावों में यादव मतदाताओं की संख्या 1.30 लाख थी, जो इस सीट पर दबदबा बनाए रखते हैं. इसके अलावा, लगभग 40,000 राजपूत, 22,000 मुस्लिम और 18,000 पासवान मतदाता भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
2025 में होने वाले बिहार चुनावों में राघोपुर एक बार फिर चर्चा में रहने वाला है, क्योंकि तेजस्वी यादव को अपने खराब ट्रैक रिकॉर्ड के कारण कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है. 1 जनवरी 2024 तक, इस विधानसभा क्षेत्र में 3,45,163 मतदाता थे, हालांकि 2025 के लिए अद्यतन मतदाता सूची का अभी इंतजार है.
(अजय झा)
Sathish Kumar Yadav
BJP
Rakesh Raushan
LJP
Nota
NOTA
Rajeshwar Ray
IND
Sameer Raja Yadav
JAP(L)
Ramswaroop Ray
IND
Raju Kumar
IND
Meghanath Paswan
IND
Rajesh Raushan
BMP
Madhu Sudhan Paswan
IND
Nathu Bhagat
IND
Jaymala Devi
SHS
Aun Ray
IND
Paramhans Singh
AMJP(S)
Raghopur Vidhan Sabha Chunav Results Tejashwi Yadav: राघोपुर विधानसभा सीट तेजस्वी यादव जीत गए हैं. शुरुआती राउंड में पिछड़ने के बाद तेजस्वी ने कमबैक किया और 14532 वोट से सतीश कुमार कोे हराया.
तेजस्वी यादव के लिए इससे बुरा हाल क्या होगा कि महागठबंधन तो चुनाव हार ही गया, अपनी सीट पर भी कड़ा संघर्ष करना पड़ा है. लेकिन, तेजस्वी यादव इस हालत के लिए अकेले ही जिम्मेदार नहीं हैं - और जिम्मेदार लोगों में राहुल गांधी भी शामिल हैं.
राघोपुर सीट की बड़ी खबर में तेजस्वी यादव अब आगे चल रहे हैं. शुरुआती दौर में थोड़े पीछे रहने के बाद तेजस्वी यादव अपनी बहुमत में आगे बढ़ गए हैं.
बिहार चुनाव में लालू यादव को घर का झगड़ा बहुत महंगा पड़ा है. तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के झगड़े की भारी कीमत चुकानी पड़ी है. तेज प्रताप के पास तो गंवाने के लिए कुछ था भी नहीं, लेकिन राघोपुर में तेजस्वी यादव का जो हाल हुआ है, वो तो पूरी कहानी कह रहा है.
लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को केंद्र सरकार द्वारा Y+ कैटेगरी की सुरक्षा दिए जाने पर बिहार की सियासत गरमा गई है. आरजेडी से निकाले जाने के बाद अपनी पार्टी 'जनशक्ति जनता दल' बनाकर महुआ से चुनाव लड़ रहे तेज प्रताप ने कहा है कि 'क्योंकि मेरे ऊपर खतरा है ना, मेरा हत्या भी लोग करा देगा. अब दुश्मन सब लगा हुआ है.'
बिहार चुनाव का रिजल्ट तेजस्वी यादव का भविष्य तय करेगा, और तेजस्वी यादव का प्रदर्शन तेज प्रताप यादव का. राघोपुर से तेजस्वी यादव और महुआ से तेज प्रताप यादव की जंग केवल केवल विधानसभा सीटों की नहीं, बल्कि लालू यादव की राजनीतिक विरासत का भविष्य भी तय करेगा.
बिहार की कई अहम विधानसभा सीटों पर मतदान जारी है, जहां सबकी निगाहें मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव की राघोपुर सीट और चिराग पासवान के गढ़ हाजीपुर पर टिकी हैं. राघोपुर के वोटरों का कहना है, 'अगर हम किसी को जिताते हैं तो सीएम ही चुनते हैं.' यह सीट ऐतिहासिक रूप से लालू परिवार के लिए भाग्यशाली रही है, जहां से लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी दोनों मुख्यमंत्री के तौर पर प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
बिहार में मतदान के दौरान आरजेडी ने चुनाव प्रक्रिया को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे सियासी माहौल गरमा गया है. पार्टी का आरोप है कि जानबूझकर मतदान की गति धीमी की जा रही है और इसके लिए कई इलाकों में बिजली तक काटी जा रही है. आरजेडी ने कहा है, ‘वोटिंग सुस्त करने के लिए बिजली काटी जा रही है’. यह आरोप विशेष रूप से ग्रामीण और अल्पसंख्यक बहुल इलाकों के लिए लगाए गए हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में आज दिग्गजों की किस्मत EVM में कैद हो रही है, जिनमें राघोपुर से तेजस्वी यादव, मोकामा से अनंत सिंह और अलीनगर से पहली बार चुनाव लड़ रहीं गायिका मैथिली ठाकुर प्रमुख हैं. मोकामा की महिला मतदाता क्या बोलीं. सुनिए.
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 121 सीटों पर मतदान जारी है, जिसमें कई दिग्गजों की किस्मत दांव पर लगी है. इनमें उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव शामिल हैं. इस चुनाव में एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है, जहाँ एक तरफ लालू प्रसाद यादव का परिवार रोजगार के मुद्दे पर सरकार बनाने का दावा कर रहा है, वहीं एनडीए विकास के कामों पर वोट मांग रही है.