अमेरिका के 35वें राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की हत्या से जुड़ी फाइलें डीक्लासिफाई कर दी गईं, यानी वे लोगों के सामने हैं. यूएस आर्काइव की फाइल्स के अनुसार खुद CIA ने अपने ही नेता की हत्या करवा दी. ये दस्तावेज लगभग 6 दशक बाद खुले हैं. एक पूरा सिस्टम इसपर काम करता है कि कौन सी फाइल्स कितने अंधेरे में रखी जाएं और कब उन्हें खोला जाए.
महीनों से स्पेस में फंसी सुनीता विलियम्स को वापस लाने में नासा के साथ एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने भी खूब काम किया. अब मस्क पूरी तरह से मिशन मार्स पर ध्यान दे सकते हैं. वे काफी समय से मंगल पर इंसानी बस्ती की बात करते रहे, और इसके लिए एक टर्म भी इस्तेमाल करते हैं- टाइप 1 सिविलाइजेशन. हम अभी टाइप जीरो पर ही हैं.
सर्बिया में पिछले साल हुए रेलवे स्टेशन हादसे के बाद से लोग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. लापरवाही और करप्शन के आरोपों से घिरी सरकार पर अब एक और आरोप लगा कि उसने प्रोटेस्टर्स को तितर-बितर करने के लिए खतरनाक सोनिक हथियार इस्तेमाल किए. इसका असर इतना ज्यादा होता है कि कई लोग सुनने की क्षमता ही खो देते हैं.
इस्लाम में कब्र को लेकर सबसे जरूरी बात कही गई है, वह है कब्र का खुला या कच्चा होना. इस्लाम में खुली हुई कब्र ही सही बताई गई है. ऐसी कब्र जिसमें बारिश की नमी और गीलापन हो. ऐसी कब्र विनम्रता और सादगी की मिसाल मानी जाती हैं. खुली कब्र का मतलब है कि वह मिट्टी से ढकी होती है, लेकिन उस पर कोई पक्का ढांचा या छत नहीं होती.
औरंगजेब के मकबरे पर देश में भारी सियासत हो रही है. कई संगठन चाहते हैं कि कथित तौर पर हिंदुओं पर अत्याचार कर चुके मुगल बादशाह की कोई यादगार नहीं रखी जानी चाहिए. महाराष्ट्र के संभाजीनगर स्थित इस कब्र को सरकारी संरक्षण मिला हुआ है, और राज्य सरकार चाहकर भी मकबरे से सुरक्षा नहीं हटा सकती.
डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने घुसपैठ रोकने की कड़ी में 40 से ज्यादा देशों की लिस्ट बनाई है, जहां के नागरिकों पर हल्के से सख्त स्तर का ट्रैवल बैन हो सकता है. भूटान इसमें रेड लिस्ट में है, यानी उसके लोगों को अमेरिका में बेहद मुश्किल से एंट्री मिलेगी. अफगानिस्तान और सीरिया जैसे मुल्कों की सूची में भूटान का आना चौंकाता है, जबकि उसे खुशहाल देशों में गिना जाता रहा.
अमेरिकी राष्ट्रपति अगर कोर्ट को नजरअंदाज करें तो उनके खिलाफ क्या एक्शन हो सकता है? ये सवाल तब से ही बना हुआ था, जब से डोनाल्ड ट्रंप ने वाइट हाउस में कदम रखे. ट्रंप एग्जीक्यूटिव ऑर्डर के जरिए ऐसे फैसले ले रहे हैं, जिन्हें आमतौर पर अदालत नहीं मानती. हाल में उन्होंने जजों के इनकार के बाद भी वेनेजुएला के नागरिकों को डिपोर्ट करवा दिया. तो अब क्या होगा?
एलन मस्क का वैसे तो दुनिया में डंका बज रहा है लेकिन वैज्ञानिक संस्थान ही मस्क से नाराज दिख रहे हैं. हाल में ब्रिटेन की रॉयल सोसाइटी ने मस्क की सदस्यता खत्म करने के संकेत दिए. सबसे प्रतिष्ठित वैज्ञानिक संस्थाओं में से एक, इस सोसायटी का कहना है कि मस्क ने कई नियम तोड़े हैं. लेकिन सदस्यता जाना मस्क पर नहीं, बल्कि दो देशों के रिश्ते पर असर डाल सकता है.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग चाहते हैं कि इस साल के आखिर तक देश की 85 फीसदी आबादी मेंडेरिन बोलने वाली बन जाए. बीजिंग का ये लक्ष्य अपने देश तक ही सीमित नहीं, बल्कि वो तिब्बत के लिए भी यही सपना देखता है. हाल में एक तिब्बती एक्टिविस्ट ने आरोप लगाया कि चीन भाषा और किताबों के जरिए तिब्बत की नई पीढ़ी को अपने ही देश से दूर कर रहा है.
जैसे ही लगता है कि डोनाल्ड ट्रंप अब चौंकाना बंद कर देंगे, कोई नया फैसला एकदम से फिर हैरान कर देता है. डिपोर्टेशन के क्रम में उन्होंने बड़ा निर्णय लेते हुए एलियन एनीमीज एक्ट लागू कर दिया, वो भी कोर्ट के मना करने के बाद. रविवार को इसके तहत वेनेजुएला के सैकड़ों लोगों को अल-सल्वाडोर भेज दिया गया, जो कथित तौर पर एक आतंकी गुट से जुड़े हुए थे.
सरकार का मानना है कि वक्फ संशोधन बिल से वक्फ संपत्तियों को रेगुलेट करने और ऐसी संपत्तियों से संबंधित विवादों को निपटाने का अधिकार मिलेगा. साथ ही सरकार का मत है कि बिल के जरिए वक्फ की संपत्ति का बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा और मुस्लिम महिलाओं को भी मदद मिल पाएगी.
पाकिस्तान से अलग होने की बलूचिस्तान की मांग अब बेहद हिंसक रूप ले चुकी. बलूच लिबरेशन आर्मी ने पिछले हफ्ते ट्रेन हाईजैक करके हड़कंप मचा दिया था. अब वो पाकिस्तानी सेना पर भी हमलावर हो चुकी. आशंका है कि बलूचों के बाद यहां कई और अलगाववादी आंदोलन तेज हो सकते हैं.
युधिष्ठिर के इस तरह के गूढ़ तत्व वाले उदाहरणों को मान्यता देते हुए ऋषि व्यास ने उसे मान्य किया साथ ही राजा द्रुपद को द्रौपदी, पांचों पांडवों, कुंती और खुद द्रुपद के पूर्व जन्म की कथा सुनाई. व्यासमुनि ने बताया कि द्रौपदी को साधारण कन्या मत समझो. यह स्वर्ग में इंद्र के बगल में बैठने वाली देवी शची के रूप में स्वर्ग लक्ष्मी हैं, जो नारायण की नारायणी लक्ष्मी का ही एक रूप हैं.
बलूचिस्तान में जो कुछ हो रहा है अगर बात उसके निदान की आती है तो इससे चीन, अफगानिस्तान और कबीलाई पहचान रहने वाले बलोच और पश्तून विद्रोहियों को अलग नहीं किया जा सकता है. इन सभी के हित बलूचिस्तान से जुड़े हैं. पाकिस्तान लॉ एंड ऑर्डर और महज क्षेत्रीय तनाव की बात कर बलूचिस्तान की समस्या का समाधान नहीं कर सकता है.
सीरिया में अलावी समुदाय सेना और चरमपंथी गुटों के निशाने पर है. कुछ समय पहले ही वहां बशर-अल-असद का तख्तापलट हुआ था. इसके बाद से सुन्नी समुदाय अलावियों पर हावी है. माना जा रहा है कि कुछ ही दिनों के भीतर वहां इससे जुड़े हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके. ये वही कम्युनिटी है, जो दशकों तक सीरिया की रीढ़ बना रहा.
कटौती करने के क्रम में डोनाल्ड ट्रंप देश के एजुकेशन डिपार्टमेंट को ही बंद करने की बात कर रहे हैं. इसके लिए वे जल्द ही एग्जीक्यूटिव ऑर्डर दे सकते हैं. विभाग स्कूल-कॉलेजों की फंडिंग से लेकर कई जरूरी कामकाज देखता रहा. तो क्या इसके बंद होने से अमेरिकी बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर भी असर होगा, या फिर ये वाकई गैरजरूरी विभाग है?
ऐसा नहीं है कि औरंगजेब शुरू से ही जेब-उन-निसा के खिलाफ था, बल्कि वह तो उसे बहुत चाहता भी था. वह उसके तेज दिमाग, हाजिरजवाबी और इस्लाम की राह में उसकी रुचि के कारण वह उसका बहुत मान करता था. बड़ी शहज़ादी होने के नाते जागीर के तौर पर उसे तीस हज़ारी बाग दिया गया था जहां उसका एक आलीशान महल था.
फरवरी में डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा को नए सिरे से बसाने की योजना शेयर की थी. उसपर खूब हो-हल्ला मचा कि ये पहले से तकलीफ झेलते फिलिस्तीनियों को उनके ही घर से हटाने की साजिश है. अब इजिप्ट ने भी गाजा पट्टी का रीकंस्ट्रक्शन प्लान दिया है. ये अलग बात है कि अमेरिका और इजरायल ने उसे एक सुर में रिजेक्ट कर दिया.
मुंबई कई संस्कृतियों और विविधतापूर्ण पहचान का शहर है. इस वक्त मुंबई की आबादी 2 करोड़ 20 लाख है. मराठी महाराष्ट्र की आधिकारिक भाषा है और मुंबई में सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा है. लेकिन हिंदी बड़ी तेजी से आगे बढ़ रही है.
उत्तरप्रदेश की शहजादी खान पर दुबई में एक बच्चे की हत्या का आरोप था, जिसके बाद संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की कोर्ट ने उन्हें मौत की सजा सुनाई और 15 फरवरी को फांसी दे दी गई. हाल ही में केरल के दो युवकों को भी इसी देश में मृत्युदंड मिला, जिससे गल्फ में फांसी पाने वाले भारतीयों पर बहस छिड़ गई.
1658 के बाद की तारीख़ कहती है कि हिंदुस्तान की सरज़मीं पर दौरे-ए-मुग़ल कायम था और सल्तनत-ए-तैमूरिया के तख़्त पर औरंगज़ेब बैठ चुका था. अपने बाप शाहज़हां को क़ैद कर उसने अपने परबाबा अक़बर की सारी दीनपनाही, दीन-ए-इलाही की इस छ्ठे मुग़ल ताजदार ने मट्टीपलीत कर दी थी. इसके बाद वही सिलसिला शुरू हो गया जिसे रोकने के लिए कभी नए-नए तुर्क हुए अक़बर ने बैरम खां को जबरन ही हज करने भेज दिया था.