BJP
RJD
IND
Nota
NOTA
AIMIM
JSP
IND
IND
VIP
IND
MMM
IND
RJWP(S)
Gaura Bauram Chunav Results Live: गौरा बौराम निर्वाचन क्षेत्र का रिजल्ट घोषित, Sujit Kumar ने 5669 वोटों के अंतर से दर्ज की जीत
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Gaura Bauram Chunav Results Live: गौरा बौराम सीट पर BJP का वर्चस्व, 7402 वोटों के विशाल अंतर से RJD को पछाड़ा
गौरा बौराम बिहार के दरभंगा जिले में स्थित एक विधानसभा क्षेत्र है. यह क्षेत्र 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिशों के आधार पर बनाया गया था और तब से अब तक तीन विधानसभा चुनावों में हिस्सा ले चुका है. यह विधानसभा क्षेत्र गौरा बौराम और किरातपुर प्रखंडों के साथ-साथ बीरौल प्रखंड के 12 ग्राम पंचायतों को शामिल करता है. यह दरभंगा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है.
यह क्षेत्र समतल और ग्रामीण है. कमला नदी पास से बहती है और स्थानीय कृषि को सहारा देती है. क्षेत्र में मौसमी बाढ़ की समस्या रहती है, जो खेती और बुनियादी ढांचे दोनों को प्रभावित करती है. स्थानीय अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित है और हालिया सर्वेक्षणों में कोई औद्योगिक इकाई नहीं पाई गई है. गौरा बौराम को कम औद्योगीकृत ब्लॉक के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिससे आर्थिक स्थिरता की कमी और पलायन की प्रवृत्ति देखी जाती है.
2020 के विधानसभा चुनाव में गौरा बौराम में 2,52,306 पंजीकृत मतदाता थे, जिनमें 43,926 अनुसूचित जाति (17.41%) और 62,571 मुस्लिम मतदाता (24.80%) शामिल थे. यह पूरी तरह से ग्रामीण क्षेत्र है और इसमें कोई शहरी मतदाता नहीं हैं. 2020 में मतदाता turnout 57.20 प्रतिशत रही. 2024 तक पंजीकृत मतदाताओं की संख्या बढ़कर 2,61,037 हो गई.
जनता दल (यूनाइटेड) ने 2010 और 2015 के पहले दो चुनाव जीते. 2010 में डॉ. इज़हार अहमद ने आरजेडी के डॉ. महावीर प्रसाद को 10,602 वोटों से हराया. 2015 में, JD(U) ने आरजेडी नेतृत्व वाले महागठबंधन में भाग लिया और बहादुरगंज के विधायक मदन साहनी को मैदान में उतारा, जिन्होंने बीजेपी समर्थित LJP उम्मीदवार विनोद साहनी को 14,062 वोटों से परास्त किया.
2020 में, जब JD(U) NDA में वापस आया, तो विकासशील इंसान पार्टी (VIP) ने गौरा बौराम से चुनाव लड़ा. VIP की स्वर्णा सिंह ने आरजेडी के अफज़ल अली खान को 7,280 वोटों से हराया. मई 2022 में उन्होंने बीजेपी में शामिल हो गईं, जो उनके पिता और ससुर के बीजेपी विधायक रहने के अनुभव को देखते हुए एक प्राकृतिक बदलाव माना गया. 2020 में उनकी जीत का संकीर्ण अंतर LJP उम्मीदवार की उपस्थिति का नतीजा भी था.
लोकसभा चुनावों में भाजपा ने गौरा बौराम विधानसभा क्षेत्र में लगातार बढ़त बनाई है. 2024 में भाजपा ने 20,986 वोटों की बढ़त बनाई, जो 2019 की 30,685 वोटों की बढ़त से कम थी. आगामी 2025 के विधानसभा चुनावों में भाजपा की स्थिति मजबूत मानी जा रही है.
गौरा बौराम राष्ट्रीय राजमार्ग NH527B और NH27 से जुड़ा हुआ है. यह जिला मुख्यालय दरभंगा से लगभग 45 किमी पूर्व और राज्य राजधानी पटना से 158 किमी की दूरी पर स्थित है. आसपास के प्रमुख शहरों में झंझारपुर (25 किमी), सुपौल (42 किमी), सहर्सा (55 किमी) और रोसड़ा (48 किमी) शामिल हैं. गौरा बौराम में रेलवे स्टेशन नहीं है.सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन दरभंगा जंक्शन है, जो लगभग 45 किमी दूर स्थित है.
गौरा बौराम विधानसभा क्षेत्र अपने ग्रामीण परिवेश, कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था और राजनीतिक महत्व के कारण दरभंगा जिले का एक महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र माना जाता है.
(अजय झा)
Afzal Ali Khan
RJD
Rajeev Kumar Thakur
LJP
Izhar Ahmad
JAP
Rajni Mahto
IND
Md Israfil
IND
Saroj Kumar Chaudhary
MMM
Chandan Kumar Mishra
IND
Ajay Yadav
IND
Tamanna Khan
NCP
Nota
NOTA
Kundan Prasad Shah
AJP
Kamlesh Ray
PP
Subh Kant Sada
RJKPS
Satya Narayan Paswan
MEK
Vishwambhar Yadav
JAP(L)
Rahul Kumar Jha
IND
Khawaja Mohammad Fakhruddin
BRD
Shyam Sada
IND
Baiju Sahu
WAP
Gaurav Kumar Singh
IND
Ramesh Kumar Pandit
JD(S)
Ranjit Sahni
BMP
Randheer Kumar
IND
Sanjay Kumar Yadav
IND
बिहार विधानसभा चुनाव की गूंज यूपी की सियासी जमीन पर भी सुनाई पड़ रही है. इसकी वजह यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ बिहार में एनडीए को जिताने के लिए मशक्कत कर रहे थे तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने महागठबंधन के लिए पूरी ताकत झोंक दी. ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार का यूपी कनेक्शन क्या है?
इंडिया टुडे ने चुनाव आयोग के डेटा की गहराई से जांच की और पाया कि SIR और चुनाव नतीजों के बीच कोई सीधा या समझ में आने वाला पैटर्न दिखता ही नहीं. हर बार जब एक ट्रेंड बनता लगता है, तुरंत ही एक दूसरा आंकड़ा उसे तोड़ देता है. बिहार चुनाव में NDA ने 83% सीटें जीतीं, पर SIR से जुड़े नतीजे अलग कहानी कहते हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में एक दिलचस्प पैटर्न सामने आया है. जहां सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से जीती गई पांचों सीटें NDA के खाते में गईं, वहीं बेहद कम मार्जिन वाली सीटों पर अलग-अलग दलों की जीत दर्ज हुई. चुनावी आंकड़े बताते हैं कि भारी अंतर वाली सीटों पर NDA का दबदबा स्पष्ट दिखा जबकि कम अंतर वाली सीटों पर मुकाबला बेहद करीबी रहा.
jamui result shreyasi singh: जमुई विधानसभा सीट से दूसरी बार श्रेयसी ने राजद के मोहम्मद शमसाद आलम को 54 हजार वोटों से हराकर जीत हासिल की हैं.
बिहार चुनाव में महागठबंधन का प्रदर्शन बुरी तरह फ्लॉप रहा और RJD-कांग्रेस गठबंधन सिर्फ 35 सीटों पर सिमट गया. इसकी बड़ी वजहें थीं- साथी दलों के बीच लगातार झगड़ा और भरोसे की कमी, तेजस्वी को सीएम चेहरा बनाने का विवादास्पद फैसला, राहुल-तेजस्वी की कमजोर ट्यूनिंग और गांधी परिवार का फीका कैंपेन.
दरभंगा के गौरा-बौराम विधानसभा सीट पर गुरुवार को मतदान है. वोटिंग से पहले वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी ने इस सीट से चुनाव लड़ रहे अपने भाई संतोष सहनी को हटा लिया है और आरजेडी प्रत्याशी अफजल अली खान को समर्थन का ऐलान कर दिया है. मुकेश सहनी ने ऐसे ही कदम पीछे नहीं खींचे हैं?
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को होना है. उससे दो दिन पहले दरभंगा जिले की गौरा-बौराम सीट पर बड़ा उलटफेर देखने को मिला है. वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने अपने भाई संतोष सहनी को चुनावी मैदान से हटा लिया है और राजद के बागी अफजल अली खान को समर्थन देने का ऐलान किया है.
बिहार विधानसभा चुनाव के बीच आरजेडी ने सख्त कदम उठाते हुए गौरा बौराम सीट से अपने प्रत्याशी अफजल अली खान को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया. यह सीट गठबंधन के तहत वीआईपी को दी गई थी, लेकिन अफजल ने नामांकन वापस नहीं लिया.
उत्तर बिहार में भारी बारिश के कारण आरजेडी नेता तेजस्वी यादव का हेलीकॉप्टर निर्धारित जगह पर नहीं उतर सका. उन्हें गौरा बौराम में उतरना पड़ा. खराब मौसम के चलते बिहारीगंज और आलमनगर की उनकी चुनावी सभाएं रद्द करनी पड़ीं.
दरभंगा की गौरा बौराम सीट पर चुनावी घमासान तेज हो गया है, जहां RJD और VIP के बीच सीट बंटवारे को लेकर अजीब स्थिति पैदा हो गई है. इस बीच स्थानीय लोगों से चुनावी माहौल पर बात की गई जहां महिलाओं ने अपनी राय रखी. एक महिला ने कहा कि 'यहां पर कोई नहीं आता न ही कुछ करता है.'