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Bochahan (SC) Vidhan Sabha Chunav Result: Baby Kumari ने बोचहा (एससी) विधानसभा सीट पर लहराया परचम
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बोचाहा विधानसभा क्षेत्र बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में स्थित एक अनुसूचित जाति (SC) आरक्षित सीट है. यह मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. इस क्षेत्र की स्थापना 1967 में हुई थी और यह बोचाहा प्रखंड के 13 ग्राम पंचायतों तथा मीनापुर प्रखंड के मुसहरी विकास खंड के 22 ग्राम पंचायतों को सम्मिलित करता है. यह क्षेत्र पूरी तरह ग्रामीण है, जहां शहरी मतदाताओं की हिस्सेदारी 2020 की मतदाता सूची के अनुसार मात्र 3.50 प्रतिशत है.
बोचाहा विधानसभा क्षेत्र में अब तक कुल 16 बार चुनाव हो चुके हैं, जिनमें 2009 और 2022 के उपचुनाव भी शामिल हैं. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने इस सीट पर अब तक सबसे ज्यादा पांच बार जीत हासिल की है. सबसे हालिया जीत 2022 के उपचुनाव में मिली, जो मुसाफिर पासवान के निधन के बाद आयोजित हुआ था. मुसाफिर पासवान ने 2020 का चुनाव विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रत्याशी के रूप में जीता था.
यहां समय-समय पर कई अन्य दलों को भी जीत मिल चुकी है- संयुक्त समाजवादी पार्टी, जनता पार्टी और जनता दल ने दो-दो बार, जबकि हिंदुस्तानी शोषित दल, लोकदल, जनता दल (यूनाइटेड), VIP और एक निर्दलीय उम्मीदवार ने एक-एक बार जीत दर्ज की है.
इस सीट पर सबसे लंबे समय तक प्रतिनिधित्व करने वाले नेता रहे रामई राम, जो एक प्रख्यात दलित नेता थे और बिहार की विभिन्न सरकारों में मंत्री पद पर रहे. उन्होंने 1972 में हिंदुस्तानी शोषित दल के प्रत्याशी के रूप में पहला चुनाव जीता और इसके बाद 1980 से 2010 तक जनता पार्टी, लोकदल, जनता दल, राजद और जदयू के टिकट पर लगातार जीत हासिल करते रहे. उन्होंने 2009 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा लेकिन हार गए. 2015 में वे जदयू प्रत्याशी के रूप में 24,130 वोटों से और 2020 में राजद प्रत्याशी के रूप में VIP के मुसाफिर पासवान से 11,268 वोटों से हार गए. उनका निधन 2022 में हुआ.
2022 के उपचुनाव में रामई राम की बेटी गीता कुमारी VIP प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ीं लेकिन तीसरे स्थान पर रहीं. इस चुनाव में मुसाफिर पासवान के पुत्र अमर पासवान ने अपने पिता की विरासत को संभालते हुए RJD के टिकट पर शानदार जीत दर्ज की. भाजपा की बेबी कुमारी दूसरे स्थान पर रहीं और उन्हें 36,653 वोटों से हार का सामना करना पड़ा.
2020 विधानसभा चुनाव में बोचाहा में कुल 2,80,231 पंजीकृत मतदाता थे. इनमें अनुसूचित जाति के मतदाता 55,682 (19.87 प्रतिशत) और मुस्लिम मतदाता 37,831 (13.50 प्रतिशत) थे. 2024 के लोकसभा चुनाव तक यह संख्या बढ़कर 2,84,847 हो गई. इस क्षेत्र में मतदान प्रतिशत औसतन 60-65% के बीच रहता है. 2020 के चुनाव में 65.19 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो पिछले तीन चुनावों में सबसे कम रहा.
बोचाहा एक समतल और कृषि प्रधान क्षेत्र है जहां प्रमुख फसलें मक्का, धान और सब्जियां हैं. इसके अलावा डेयरी व्यवसाय और लघु व्यापारिक नेटवर्क भी यहां की अर्थव्यवस्था में योगदान करते हैं. क्षेत्र में संकरे ग्रामीण रास्ते हैं, जो छोटे-छोटे टोले-गांवों को जोड़ते हैं. एनएच-28 और मुजफ्फरपुर शहर ही मुख्य शहरी संपर्क बिंदु हैं.
बोचाहा, मुजफ्फरपुर शहर से लगभग 15 किलोमीटर पूर्व में स्थित है. इसके आस-पास के कस्बों में मीनापुर (10 किमी), कांटी (20 किमी) और कुरहनी (18 किमी) आते हैं. समस्तीपुर, सीतामढ़ी, दरभंगा और हाजीपुर जैसे बड़े शहर भी 50-60 किमी की दूरी पर स्थित हैं, जबकि राज्य की राजधानी पटना 75 किमी दूर है. मुसहरी क्षेत्र के किनारों पर रहने वाले मतदाता कुछ हद तक अर्ध-शहरी व्यवहार दिखाते हैं, लेकिन सीट की ग्रामीण पहचान अब भी बरकरार है.
2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा को इस क्षेत्र में कुछ बढ़त मिली और उनके प्रत्याशी राज भूषण चौधरी ने बोचाहा में 8,000 से अधिक वोटों से बढ़त बनाई.
जैसे-जैसे बिहार 2025 के विधानसभा चुनावों की ओर बढ़ रहा है, बोचाहा एक बार फिर राजनीतिक उठापटक के केंद्र में है. यहां न तो किसी पार्टी को सीधी बढ़त है और न ही कोई स्थायी वोट बैंक. उम्मीदवार की छवि, स्थानीय मुद्दे और क्षेत्र में की गई जमीनी पकड़ चुनावी परिणाम को तय करेंगे. यह सीट पूरी तरह से ओपन गेम है, जो किसी भी दिशा में जा सकती है.
(अजय झा)
Ramai Ram
RJD
Amar Azad
LJP
Rajesh Kumar
BMP
Nota
NOTA
Rudal Ram
IND
Deep Lal Ram
IND
Uday Chaudhary
IND
Sanju Devi
RJJP
Jai Chandra Ram
IND
Rajgeer Paswan
BVP
Lal Babu Paswan
BSP
Abhimanyu Kumar
PP
Chandan Kumar Paswan
JAP(L)
Priti Bharti
NCP
बिहार विधानसभा चुनाव की गूंज यूपी की सियासी जमीन पर भी सुनाई पड़ रही है. इसकी वजह यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ बिहार में एनडीए को जिताने के लिए मशक्कत कर रहे थे तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने महागठबंधन के लिए पूरी ताकत झोंक दी. ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार का यूपी कनेक्शन क्या है?
इंडिया टुडे ने चुनाव आयोग के डेटा की गहराई से जांच की और पाया कि SIR और चुनाव नतीजों के बीच कोई सीधा या समझ में आने वाला पैटर्न दिखता ही नहीं. हर बार जब एक ट्रेंड बनता लगता है, तुरंत ही एक दूसरा आंकड़ा उसे तोड़ देता है. बिहार चुनाव में NDA ने 83% सीटें जीतीं, पर SIR से जुड़े नतीजे अलग कहानी कहते हैं.
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बिहार चुनाव 2025 में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद महागठबंधन बुरी तरह पिछड़ गया और आरजेडी अपने इतिहास की बड़ी हारों में से एक झेल रही है. इससे तेजस्वी यादव के नेतृत्व, रणनीति और संगठन पर गंभीर सवाल उठे हैं.
बिहार चुनाव के नतीजों ने साबित कर दिया कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की 'वोटर अधिकार यात्रा' राजनीतिक तौर पर कोई असर नहीं छोड़ पाई. जिस-जिस रूट से यह यात्रा गुज़री, वहां महागठबंधन लगभग साफ हो गया और एनडीए ने भारी जीत दर्ज की. कांग्रेस का दावा था कि यात्रा वोट चोरी के खिलाफ थी, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह महागठबंधन की चुनावी जमीन मजबूत करने की कोशिश थी, जो पूरी तरह असफल रही.
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सीमांचल क्षेत्र की पांच सीटों पर AIMIM ने अपनी मजबूत उपस्थिति को जारी रखा है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बहादुरगंज, कोचा धामन, अमौर और बाबसी जैसी महत्वपूर्ण सीटों पर जनता ने AIMIM को दोबारा जीत दी है. अमौर सीट पर पार्टी के एकमात्र विधायक अख्तरुल इमान ने सफलता पाई जो जनता के भरोसे और पार्टी संगठन की कड़ी मेहनत का परिणाम है.
बिहार चुनाव में एनडीए की शानदार जीत पर चिराग पासवान ने अपने विचार साझा किए. उन्होंने बताया कि बिहार के लोगों ने सही समय पर सही फैसला लिया, और डबल इंजन सरकार ने विकास की राह को मजबूत किया. उन्होंने चुनावी रणनीति, गठबंधन की भूमिका और राजनीतिक चुनौतियों पर भी खुलकर बात की.