भौम का अर्थ होता है मंगल और मंगलवार के दिन पड़ने की वजह से इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है. इस दिन भगवान शिव और हनुमान की पूजा का महत्व बताया गया है. शिव की उपासना से जीवन खुशहाल और हनुमान की पूजा से शत्रुओं का विनाश होता है.
हिंदू ग्रंथों में पौष पूर्णिमा के दिन दान, स्नान और सूर्य देव को अर्घ्य देने का भी विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन काशी, प्रयागराज और हरिद्वार में गंगा स्नान करना बेहद शुभ बताया जाता है.
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, यह दिन भगवान विष्णु के कूर्म यानी कछुए के अवतार को समर्पित है. इस दिन भगवान विष्णु के कूर्म अवतार की विधि-विधान से पूजा कर मनोवांछित फलों की प्राप्ति की जा सकती है.
सकट चौथ को संकष्टी चतुर्थी, वक्रकुंडी चतुर्थी, तिलकुटा चौथ के नाम से भी जाना जाता है. संकष्टी चतुर्थी का व्रत वैसे तो हर महीने में होता है लेकिन माघ महीने में पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी की महिमा सबसे ज्यादा है. ऐसी मान्यता है कि जो माताएं सकट चौथ के दिन निर्जला व्रत रखती हैं और पूरी श्रद्धा से गणेश भगवान की पूजा करती हैं, उनकी संतान हमेशा निरोग रहती है.
गुरु गोबिंद सिंह ने ही गुरु ग्रंथ साहिब को सिखों का गुरु घोषित किया था. सिख धर्म की मान्यताओं के अनुसार, उन्होंने अपना पूरा जीवन लोगों की सेवा और सच्चाई की राह के लिए समर्पित कर दिया था.
स्कंद पुराण के अनुसार, इस दिन उपवास रखने का विशेष महत्व बताया गया है. इस बार 18 जानवरी को स्कंद षष्ठी मनाई जा रही है. आइए आपको इसके महत्व और पूजन विधि के बारे में विस्तार से बताते हैं.
पूरे देश में गुरुवार को मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. ऐसे में आज हम जानते हैं एक ऐसे मंदिर के बारे में जहां सिर्फ मकर संक्रांति के दिन ही सूर्य की पहली किरण, सूर्य प्रतिमा पर पड़ती है. यह मंदिर मध्य प्रदेश के खरगौन जिले में है.
मकर संक्रांति से शुभ कार्यों की शुरुआत होती है. इस दिन जहां कुछ काम शुभ माने गए हैं तो वहीं कुछ कार्यों को वर्जित किया गया है. आइए जानते हैं कि इस दिन कौन से काम नहीं करने चाहिए.
मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2021) के पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायण भी कहा जाता है. मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान, व्रत, कथा, दान और भगवान सूर्य की उपासना करने का विशेष महत्त्व है. इस दिन किया गया दान अक्षय फलदायी होता है. स्नान-दान शुभ मुहूर्त (Makar Sankranti 2021 shubh muhurat) में करें तो फल और शुभदायी होता है.
ज्योतिष में सूर्य को पिता कहा गया है. सूर्य देव एक साल में 12 राशियों में अलग-अलग समय में भ्रमण करते हैं. इस राशि परिवर्तन को सूर्य की संक्रांति कहा जाता है. इनमें सबसे खास और बड़ी मकर संक्रांति होती है. इस साल की मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2021) कई मायनों में खास रहने वाली है.
लोहड़ी का त्योहार फसल की कटाई और बुआई के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन लोग आग जलाकर इसके इर्द-गिर्द नाचते-गाते और खुशियां मनाते हैं. आग में गुड़, तिल, रेवड़ी, गजक डालने और इसके बाद इसे एक-दूसरे में बांटने की परंपरा है.