Margshirsha Purnima 2025 date: इस साल मार्गशीर्ष पूर्णिमा 4 दिसंबर को पड़ रही है, जिसे महापूर्णिमा भी माना गया है. इस दिव्य तिथि पर स्नान, ध्यान और दान का विशेष महत्व है. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में किए गए मंत्र जाप को अत्यंत फलदायी माना गया है. ये दिव्य उपाय आपका भाग्य बदल सकता है.
December Vrat Tyohar List 2025: दिसंबर के महीने में मोक्षदा एकादशी, मार्गशीर्ष पूर्णिमा सहित कई बड़े और प्रमुख त्योहार आने वाले हैं, जिनके कारण यह महीना काफी अद्भुत रहेगा. तो चलिए जानते हैं कि दिसंबर के इस महीने में कौन से बड़े पर्व आने वाले हैं.
Gita Jayanti 2025: गीता जयंती वह दिन है जब भगवान श्री कृष्ण ने गीता ज्ञान को अर्जुन को समझाया था. ये मोक्षदा एकादशी पर देखा जा रहा है. इस वर्ष गीता जयंती 1 दिसंबर को मनाई जाएगी. इस दिन भगवान कृष्ण के साथ श्रीहरि की पूजा-अर्चना भी की जाती है.
भौम प्रदोष मंगलवार को पड़ने वाली त्रयोदशी तिथि है, जिसे शिव और हनुमान की विशेष कृपा पाने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. इस व्रत में शिव की पूजा पापों का नाश करती है. जबकि हनुमान की उपासना जीवन की बाधाएं समाप्त होती हैं.
विवाह पंचमी 2025 पर लोग शादी क्यों नहीं करते? जानें राम–सीता विवाह, धार्मिक मान्यताओं और विवाह से जुड़े अपशकुन के कारण.
Vivah Panchami date 2025: विवाह पंचमी का पर्व भगवान राम और देवी सीता की शादी की सालगिरह का प्रतीक है, जो प्रत्येक साल मार्गशीर्ष महीने में शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन मनाया जाता है. इस दिन भक्त भगवान राम और देवी सीता की पूजा करते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन का उपवास रखने से भक्तों को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है.
Kaal Bhairav Jayanti 2025 इस साल 12 नवंबर, बुधवार को मनाई जाएगी. भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव की आराधना से भय, रोग और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं. जानें पूजन विधि, शुभ मुहूर्त और इस दिन का धार्मिक महत्व.
कार्तिक मास की पूर्णिमा को दीपदान करने का विशेष धार्मिक महत्व है, जो पितृ शांति, कर्ज मुक्ति, रोगों से राहत और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति प्रदान करता है. नदी तट या तालाब पर दीपदान करने से देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
Guru Nanak Jayanti 2025 इस साल 5 नवंबर को मनाई जाएगी. जानिए सिख धर्म के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी के जन्मदिन ‘गुरुपरब’ की तारीख, इसका धार्मिक महत्व, इतिहास और इससे जुड़ी परंपराएं जैसे अखंड पाठ, नगर कीर्तन और लंगर का महत्व.
शालिग्राम पूजा सनातन धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो भगवान विष्णु के विग्रह स्वरूप माने जाते हैं. गंडकी नदी, जो नेपाल से निकलती है, शालिग्राम शिलाओं का स्रोत है और इसकी पवित्रता को कई पुराणों और भक्ति काव्यों में वर्णित किया गया है.
सनातन परंपरा में भगवान शालिग्राम की पूजा का विशेष महत्व है, जो भगवान विष्णु के विग्रह स्वरूप माने जाते हैं. शालिग्राम काले रंग के चिकने पत्थर होते हैं, जिनका पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और परेशानियों से मुक्ति मिलती है.
अक्षय नवमी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है, जो धार्मिक और आयुर्वेदिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है. आंवला, जो इस दिन पूजा जाता है, आयुर्वेद में श्रेष्ठ औषधीय फल माना जाता है. यह फल शीतलता प्रदान करता है और त्रिफला जैसी औषधियों का आधार है.
November Vrat Tyohar List 2025: नवंबर के महीने में देव दीपवाली और तुलसी विवाह सहित कई बड़े और प्रमुख त्योहार आने वाले हैं, जिनके कारण यह महीना काफी अद्भुत रहेगा. तो चलिए जानते हैं कि नवंबर के इस महीने में कौन से बड़े पर्व आने वाले हैं.
कार्तिक मास की देवोत्थान एकादशी को भगवान विष्णु के जागरण का पर्व माना जाता है. इस दिन विशेष पूजा-अर्चना और वैदिक मंत्र जाप से मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं. स्कंदपुराण के अनुसार, इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में मंत्रों का जाप करना अत्यंत फलदायी होता है.
कार्तिक मास की एकादशी तिथि भगवान विष्णु के जागरण का दिन है, जब वे क्षीरसागर से योगनिद्रा से जागते हैं और धरती के पालन का कार्यभार संभालते हैं. इस दिन देव दीपावली भी मनाई जाती है, जो लक्ष्मी देवी के शुभ आगमन का प्रतीक है.
कार्तिक मास को सनातन परंपरा में अत्यंत पवित्र माना जाता है, विशेषकर इस मास की शुक्ल नवमी जिसे अक्षय नवमी कहा जाता है. इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि यह भगवान विष्णु को प्रिय है और पाप नाश करने वाला माना जाता है.
Dev Uthani Ekadashi 2025: इस साल कार्तिक शुक्ल एकादशी तिथि 1 नवंबर को सुबह 9 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 2 नवंबर को सुबह 7 बजकर 31 मिनट पर होगा. ऐसे में उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए देवउठनी एकादशी 1 नवंबर को ही मान्य है.
Dev Deepawali 2025 Date: दिवाली के ठीक 15 दिन बाद देव दीपावली का पर्व मनाया जाता है. द्रिक पंचांग के अनुसार, देव दीपावली 5 नवंबर को मनाई जाएगी. इस दिन देवी-देवताओं को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है.
देशभर में लोक आस्था का पर्व छठ पूजा उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया. बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश समेत दिल्ली के घाटों पर भक्तों की भीड़ उमड़ी. पारंपरिक गीतों के बीच महिलाओं ने पहले अस्ताचलगामी और फिर उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया.
प्रकृति की पूजा का महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है. पहले दिन के खरना प्रसाद के बाद आज अस्ताचलगामी यानी डूबते हुए सूरज को अर्घ्य दिया जाएगा. और कल सुबह उगते हुए सूरज को अर्घ्य के बाद महापर्व का उद्यापन किया जाएगा. यह दिन भक्ति, आस्था और समर्पण का प्रतीक है.
बिहार के औरंगाबाद जिले में स्थित देवार्क सूर्य मंदिर छठ पर्व के दौरान सूर्य देव की पूजा का प्रमुख केंद्र है. यह मंदिर वैदिक काल से जुड़ा हुआ है और इसे सूर्य देव के वैदिक नाम 'अर्क' को समर्पित माना जाता है. मंदिर की वास्तुकला अनूठी है और यह पश्चिमाभिमुख है, जो अन्य सूर्य मंदिरों से अलग है.