जानिए कब शुरू होगी जगन्नाथ रथ यात्रा 2025, इसकी पूजा विधि, पौराणिक महत्व और रथों की खास बातें. 27 जून से शुरू होकर 5 जुलाई तक चलने वाली यह आध्यात्मिक यात्रा भक्तों को मोक्ष और पुण्य प्रदान करती है.
Yogini Ekadashi 2025: योगिनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करना काफी शुभ माना जाता है. जो व्यक्ति योगिनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करता है, उसे पाप से मुक्ति मिलती है. माना जाता है कि योगिनी एकादशी व्रत करने वाले लोगों को मृत्यु के बाद भगवान विष्णु के चरणों में जगह प्राप्त होती है.
Krishnapingala Sankashti Chaturthi 2025: भगवान गणेश सभी देवताओं में प्रथम पूजनीय हैं. सनातन धर्म में भगवान गणेश को मंगलकारी और विघ्नहर्ता कहा गया है. आइए जानते हैं इस दिन की पूजा विधि, व्रत का महत्व और शुभ मुहूर्त.
Jyeshtha Purnima 2025: आज ज्येष्ठ पूर्णिमा मनाई जा रही है. मान्यता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस दिन व्रत और दान से पितरों का आशीर्वाद मिलता है.
Jyeshtha Purnima 2025: ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा सबसे पवित्र और शुभ मानी जाती है. इस बार वट सावित्री पूर्णिमा का व्रत 11 जून को रखा जाएगा. इस दिन स्नान-दान करना सबसे फलदायी भी माना जाता है. साथ ही इस दिन वट वृक्ष की पूजा भी की जाती है.
ब्रह्मा के कमंडल से निकलने के कारण उन्हें ब्रह्म कन्या कहा गया, भगवान विष्णु के चरणों में निवास के कारण वह विष्णु पदी कहलाती हैं. हिमालय की पुत्री होने के कारण उनका एक नाम हिमसुता भी है तो देवताओं के स्वर्ग में बहने के कारण वह देवनदी भी पुकारी जाती हैं. तीनों लोकों में उनका धाराओं के बहाव के कारण वह त्रिपथगा बन जाती हैं.
Nirjala Ekadashi 2025 का व्रत 6 जून, शुक्रवार को रखा जाएगा. जानें इस दिन का शुभ मुहूर्त, पारण का समय, पूजन विधि और व्रत का धार्मिक महत्व.
गंगा दशहरा का दिन बेहद शुभ और पुण्यदायक माना जाता है. हर वर्ष ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के दिन गंगा दशहरा का पर्व मां गंगा के पृथ्वी पर अवतरण की पावन स्मृति में मनाया जाता है. इस दिन गंगा की आराधना करने से पापों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है.
Ganga Dussehra 2025: इस साल गंगा दशहरा का पर्व 5 जून 2025, बुधवार को मनाया जाएगा. इस के दिन भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, गंगा दशहरा का पर्व हर वर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है.
Hajj 2025 Date: इस बार हज यात्रा की शुरुआत 4 जून यानी कल से होगी. हज यात्रा की रस्में ज़ुलहिज्जा की 8वीं तारीख से शुरू होती हैं. इस्लाम धर्म की मान्यताओं के अनुसार, हर मुस्लिम को अपने जीवन में एक बार हज जरूर जाना चाहिए. हज को इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक माना जाता है.
Dhumavati Jayanti 2025: मां धूमावती के एक हाथ में तलवार है. देवी के बाल बिखरे हुए हैं और इनका स्वरूप काफी रौद्र और भयानक है. मां धूमावती की पूजा से पापियों और शत्रुओं का नाश होता है. इनकी आराधना से व्यक्ति के जीवन से विपत्ति, रोग आदि के संकट दूर हो जाते हैं.
Vrat Tyohar List June 2025: इस बार जून में हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ और आषाढ़, दो मासों का संगम हो रहा है, जिससे कई व्रत और पर्व विशेष फलदायी माने जाएंगे. आइए जानें जून 2025 में आने वाले इन खास धार्मिक त्योहारों की पूरी सूची.
Vinayak Chaturthi 2025: विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की उपासना करने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है. ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी इस बार कुछ विशेष संयोगों के साथ आई है. इस शुभ घड़ी में गणपति की पूजा करने का फल चार गुना ज्यादा हो सकता है.
Bakrid 2025: इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, बकरीद जिल-हिज्जा महीने की 10वीं तारीख को मनाई जाती है. यह पर्व सिर्फ कुर्बानी का प्रतीक नहीं है, बल्कि अल्लाह के प्रति समर्पण, त्याग और इंसानियत की भावना को भी दर्शाता है.
Nirjala Ekadashi 2025: निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है. वैसे तो सभी 24 एकादशियों का महत्व है, लेकिन निर्जला एकादशी उनमें से सबसे ऊपर है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, सिर्फ एक निर्जला एकादशी का व्रत रखने से 24 एकादशियों का फल मिलता है. आइए जानते हैं इस साल कब निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाएगा.
Shani Jayanti 2025: शनि जयंती 27 मई यानी आज मनाई जा रही है. हिंदू धर्म में शनि जयंती के पर्व का विशेष महत्व माना जाता है. इस दिन शनि देव की विधिवत पूजा करते हैं. मान्यताओं के अनुसार, कुछ लोग शनि जयंती के दिन शनिदेव के लिए व्रत भी रखते हैं. साथ ही, शनि जयंती पर कई शुभ योग और संयोग बन रहे हैं.
महाभारत की महागाथा एक प्रेरणा स्त्रोत है और उससे भी अधिक प्रेरणा स्त्रोत हैं, इस महान गाथा के छोटे-छोटे प्रसंग. हमारे व्रत-त्योहार और उत्सवों को मनाने और मानने के पीछे जो भी कारण हैं उनकी जड़ें कहीं न कहीं महाभारत से जाकर मिलती हैं. इसी तरह ज्येष्ठ मास की अमावस्या को उत्तर भारत में वट सावित्री व्रत की पूजा की जाती है. इसका भी वर्णन महाभारत के वन पर्व में मिलता है.
Apara Ekadashi 2025: अपरा एकादशी तिथि 22 मई को रात 01:12 बजे से लेकर 23 मई को रात 10:29 बजे तक रहने वाली है. हालांकि अपरा एकादशी का व्रत शुक्रवार, 23 मई यानी आज रखा जाएगा. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04.04 बजे से 04:45 बजे तक रहेगा. पूजा-पाठ के लिए यह समय बहुत शुभ रहेगा.
Apara Ekadashi 2025: इस साल ज्येष्ठ माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ 23 मई 2025 को प्रात: काल 01 बजकर 12 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन इसी दिन देर रात 10 बजकर 29 मिनट पर होगा.
Vat Savitri Vrat 2025: इस बार वट सावित्री व्रत 26 मई को मनाया जाएगा. वट सावित्री व्रत पर सुहागिनें अपने पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए व्रत रखती हैं. वट सावित्री व्रत के दिन अगर शुभ मुहूर्त पर वट वृक्ष की पूजा की जाए तो वैवाहिक जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है.
Ekdant Sankashti Chaturthi: ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 16 मई को एकदंत संकष्टी चतुर्थी है. इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से गणेश जी की विशेष कृपा मिलती है. आइए जानते हैं एकदंत संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि.