JD(U)
INC
JSP
IND
Nota
NOTA
IND
SUCI
BSP
SMP
Bihar Election Result 2025 Live: सकरा (एससी) विधानसभा सीट पर JD(U) को दोबारा मिली जीत
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Bihar Assembly Election Results 2025 Live: दिग्गज कैंडिडेट्स के क्या हैं हाल?
Bihar Election Results Live: बिहार चुनाव में राजनीतिक गठबंधनों का प्रदर्शन कैसा है?
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Sakra (SC) Vidhan Sabha Result Live: सकरा (एससी) विधानसभा सीट पर JD(U) विशाल जीत की ओर! जानिए INC कितना पीछे?
सकरा, बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में स्थित एक अनुसूचित जाति (SC) आरक्षित विधानसभा क्षेत्र है. यह क्षेत्र मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट का हिस्सा है और इसकी स्थापना वर्ष 1957 में हुई थी. तब से लेकर अब तक यहां 16 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. सकरा की राजनीतिक यात्रा हमेशा समाजवादी विचारधारा के इर्द-गिर्द घूमती रही है, जहां लंबे समय तक ‘जनता परिवार’ की पकड़ मजबूत रही.
1957 और 1962 में यहां शुरुआत में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद 1967 से 1972 तक संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी ने लगातार तीन बार जीत हासिल कर अपनी पकड़ मजबूत की. 1977 में जनता पार्टी ने एंट्री की, लेकिन यह प्रयोग ज्यादा दिन नहीं चला और 1980 में कांग्रेस ने एक बार फिर वापसी की, जो इस सीट पर उसकी आखिरी जीत साबित हुई.
इसके बाद से सकरा में सिर्फ जनता परिवार की अलग-अलग इकाइयों ने ही जीत दर्ज की है. 1985 में लोकदल, 1990 और 1995 में जनता दल ने सीट पर कब्जा किया. 2000 में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने पहली बार यहां जीत दर्ज की, इसके बाद जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) ने लगातार तीन बार सीट जीती. 2015 में JDU और RJD के गठबंधन के चलते RJD ने दोबारा जीत हासिल की. लेकिन 2020 में JDU के एनडीए में लौटने के बाद अशोक कुमार चौधरी ने यह सीट केवल 1,537 वोटों के बेहद कम अंतर से जीत ली. उन्हें 67,265 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के उमेश कुमार राम (महागठबंधन प्रत्याशी) को 65,728 वोट मिले. लोक जनशक्ति पार्टी, जो उस समय एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ रही थी, ने 13,528 वोट लेकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया.
2020 में सकरा में कुल 2,64,916 पंजीकृत मतदाता थे, जिनमें लगभग 54,043 (20.4%) अनुसूचित जाति और 45,300 (17.10%) मुस्लिम मतदाता शामिल थे. यहां का मतदान प्रतिशत आम तौर पर 63 से 65% के बीच रहता है, हालांकि 2020 में यह थोड़ा घटकर 63.09% रहा. 2024 के लोकसभा चुनाव तक यह संख्या बढ़कर 2,70,798 हो गई.
सकरा ब्लॉक और ढोली मुरौल ब्लॉक मिलकर इस विधानसभा क्षेत्र का गठन करते हैं. यह क्षेत्र मुख्य रूप से समतल और उपजाऊ है, जहां गंडक नदी और इसकी सहायक धाराएं कृषि चक्र को प्रभावित करती हैं. स्थानीय अर्थव्यवस्था खेती पर आधारित है. यहां धान, मक्का और दालें यहां की मुख्य फसलें हैं. साथ ही, पशुपालन, डेयरी, अनाज मंडी और ईंट भट्ठों जैसे छोटे उद्योग भी रोज़गार का जरिया हैं. हाल के वर्षों में कृषि प्रसंस्करण (agro-processing) की पहलें भी शुरू हुई हैं.
यह क्षेत्र पूरी तरह ग्रामीण है, यहां कोई नगर निकाय नहीं है. इसलिए चुनाव प्रचार की रणनीति भी गांव स्तर के नेटवर्क, बूथ कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं की साख पर निर्भर करती है. हालांकि कुछ बाज़ार और सड़कें अर्ध-शहरी गतिविधि का संकेत देती हैं, फिर भी यह इलाका आधिकारिक रूप से शहरी श्रेणी में नहीं आता.
मुजफ्फरपुर जिला मुख्यालय सकरा से 22 किलोमीटर दूर है. पास के अन्य शहरों में ब्रह्मपुरा (20 किमी), कांटी (28 किमी), ढोली (8 किमी), मोतीपुर (40 किमी), समस्तीपुर (34 किमी) और हाजीपुर (46 किमी) आते हैं. राज्य की राजधानी पटना यहां से लगभग 84 किलोमीटर दूर है.
2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए की एकता का असर सकरा में साफ दिखाई दिया, जहां भाजपा को विधानसभा खंड में बढ़त मिली. लेकिन 2020 में JDU की बेहद कम अंतर से हुई जीत और जनता परिवार की गहरी जड़ें इस सीट की अनिश्चितता को दर्शाती हैं.
जैसे-जैसे बिहार 2025 विधानसभा चुनाव की ओर बढ़ रहा है, सकरा एक बार फिर से मुकाबले वाली सबसे कठिन सीटों में से एक मानी जा रही है. जन सुराज पार्टी और आम आदमी पार्टी जैसे नए खिलाड़ी इस बार मैदान में हैं, जिससे मुकाबला और दिलचस्प हो गया है. यहां के मतदाता कभी भी स्पष्ट जनादेश नहीं देते और एक और करीबी मुकाबले की संभावना प्रबल है.
(अजय झा)
Umesh Kumar Ram
INC
Sanjay Paswan
LJP
Nota
NOTA
Suresh Mahto
IND
Shiv Lal Paswan
IND
Raj Kumar Choudhary
BP(L)
Suresh Kumar
JAP(L)
Geeta Kumari
BSP
Abhay Kumar
NCP
Shashi Prabha Kumari
JDP(D)
Randhir Kumar Ram
BVP
बिहार विधानसभा चुनाव की गूंज यूपी की सियासी जमीन पर भी सुनाई पड़ रही है. इसकी वजह यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ बिहार में एनडीए को जिताने के लिए मशक्कत कर रहे थे तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने महागठबंधन के लिए पूरी ताकत झोंक दी. ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार का यूपी कनेक्शन क्या है?
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