BJP
INC
IND
JSP
Nota
NOTA
IND
AAP
BSP
PPI(D)
JSJD
AIFB
AJPP
Bihar Election Result 2025 Live: बेनीपट्टी विधानसभा सीट पर BJP को दोबारा मिली जीत
Bihar Assembly Election Results 2025 Live: दिग्गज कैंडिडेट्स के क्या हैं हाल?
Benipatti Chunav Results Live: बेनीपट्टी सीट पर BJP का वर्चस्व, 23932 वोटों के विशाल अंतर से INC को पछाड़ा
Benipatti Vidhan Sabha Chunav Result Live: बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में पार्टियों/गठबंधनों का प्रदर्शन कैसा है?
Benipatti Election Results 2025 Live: बेनीपट्टी सीट पर उलटफेर! INC भारी अंतर से पीछे
Benipatti Election Result 2025 Live: बेनीपट्टी का रिजल्ट जानना है? यहां मिलेगा हर अपडेट
बेनीपट्टी बिहार के मधुबनी जिले में स्थित एक सामान्य वर्ग की विधानसभा सीट है, जो मधुबनी लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. यह कालुआही प्रखंड और बेनीपट्टी प्रखंड के 26 ग्राम पंचायतों-जैसे बिशुनपुर, बसैठा, बेहटा, बंकटा, पाली, परसौना, धगजरा, बरहमपुरा, अकोर, नगवास, नवकरी, चतरा, पर्खौली टिकुली, अनेर दक्षिण, अनेर उत्तर, परौल, परजुआर दीह, ढंगा, मुरेठ, नागदह बलाईन, कपसिया, बड़ी, शाहपुर, मेघबेन, गंगुली और कटैया को सम्मिलित करता है.
बेनीपट्टी न केवल एक विधानसभा क्षेत्र है, बल्कि मधुबनी जिले का एक अनुमंडल भी है, जो मिथिला क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतिनिधित्व करता है. ऐतिहासिक रूप से यह पारंपरिक शिक्षा का केंद्र रहा है और आज भी यह अपनी मिथिला संस्कृति के लिए जाना जाता है. यहां की प्रमुख भाषा मैथिली है और यह क्षेत्र विश्वप्रसिद्ध मधुबनी चित्रकला का उद्गम स्थल भी है.
भौगोलिक रूप से, बेनीपट्टी बिहार के उत्तरी हिस्से में स्थित है और नेपाल सीमा तथा हिमालय की तराई के निकट है. इसके पास से बागमती नदी बहती है और क्षेत्र में कई छोटी नदियां, नहरें और तालाब हैं, जो एक समृद्ध जल-परिस्थितिकी तंत्र बनाते हैं. यह क्षेत्र बाढ़-प्रवण है और यहां की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि और छोटे व्यापार पर आधारित है. बेनीपट्टी, मधुबनी जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में और दरभंगा (जहां निकटतम हवाई अड्डा स्थित है) से लगभग 35 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित है. अन्य निकटवर्ती कस्बों में झंझारपुर (30 किमी पूर्व), हरलाखी (20 किमी उत्तर) और कालुआही (12 किमी पश्चिम) शामिल हैं. नेपाल की ओर राजविराज और लहान जैसे कस्बे भी सड़क मार्ग से जयनगर और लौकहा बॉर्डर क्रॉसिंग के माध्यम से 40–50 किमी की दूरी पर स्थित हैं.
बेनीपट्टी विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1951 में हुई थी और तब से अब तक यहां 17 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. इनमें कांग्रेस ने छह बार जीत दर्ज की है, जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने चार बार जीत हासिल की है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जनता दल (यूनाइटेड) और निर्दलीय उम्मीदवारों ने दो-दो बार यह सीट जीती है. संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी (SSP) ने 1969 में एक बार जीत दर्ज की थी. क्षेत्र में ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या काफी अधिक है और इसका असर प्रत्याशी चयन पर भी दिखाई देता है. अब तक हुए 17 चुनावों में से 11 बार ब्राह्मण नेताओं ने जीत हासिल की है, जो इस जाति की निर्णायक भूमिका को दर्शाता है.
2020 के विधानसभा चुनाव में बेनीपट्टी में कुल 2,99,350 पंजीकृत मतदाता थे, जो 2024 के लोकसभा चुनाव में बढ़कर 3,07,579 हो गए. 2011 की जनगणना के आधार पर अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या लगभग 39,794 (13.28%) और मुस्लिम मतदाता लगभग 48,243 (16.1%) है. 2020 के विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत 52.06% रहा, जो पिछले तीन चुनावों में सबसे अधिक था, लेकिन फिर भी यह क्षेत्र की पुरानी वोटिंग उदासीनता को दर्शाता है.
भाजपा ने 2010 में विनोद नारायण झा के नेतृत्व में पहली बार यह सीट जीती थी. 2015 में जद(यू) के महागठबंधन में चले जाने के कारण भाजपा को कांग्रेस की भावना झा से 4,734 वोटों से हार का सामना करना पड़ा. हालांकि 2020 में जद(यू) के एनडीए में लौटने के बाद भाजपा ने भावना झा को 32,652 वोटों से हराकर सीट पुनः प्राप्त की.
2009 से अब तक लोकसभा चुनावों में बेनीपट्टी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने लगातार बढ़त बनाई है. 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के अशोक कुमार यादव ने आरजेडी के अली अशरफ फातमी पर 35,573 वोटों की बढ़त के साथ यह रुझान बरकरार रखा.
2025 के विधानसभा चुनाव की ओर बढ़ते हुए, भाजपा को क्षेत्र में बढ़त प्राप्त है. हालांकि, पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती विपक्ष नहीं, बल्कि स्वयं की ढिलाई और मतदाता निष्क्रियता हो सकती है. यदि लंबे समय से मतदान से दूर रहे वर्गों में उत्साह बढ़ा तो चुनावी गणित में बदलाव संभव है.
(अजय झा)
Bhawana Jha
INC
Rajesh Kumar Yadav
IND
Niraj Kumar Jha
IND
Vinod Shankar Jha
IND
Lalan Kishor Jha
IND
Vinodanand Kamat
IND
Nagendra Prasad Yadav
BSP
Anuradha Singh
PP
Nota
NOTA
Rupesh Kumar
IND
Abubakar Rahmani
IND
Nutan Devi
RPI(A)
Chandan Kumar
IND
Mithilesh Chandra Jha
IND
Amar Nath
IND
बिहार विधानसभा चुनाव की गूंज यूपी की सियासी जमीन पर भी सुनाई पड़ रही है. इसकी वजह यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ बिहार में एनडीए को जिताने के लिए मशक्कत कर रहे थे तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने महागठबंधन के लिए पूरी ताकत झोंक दी. ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार का यूपी कनेक्शन क्या है?
इंडिया टुडे ने चुनाव आयोग के डेटा की गहराई से जांच की और पाया कि SIR और चुनाव नतीजों के बीच कोई सीधा या समझ में आने वाला पैटर्न दिखता ही नहीं. हर बार जब एक ट्रेंड बनता लगता है, तुरंत ही एक दूसरा आंकड़ा उसे तोड़ देता है. बिहार चुनाव में NDA ने 83% सीटें जीतीं, पर SIR से जुड़े नतीजे अलग कहानी कहते हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में एक दिलचस्प पैटर्न सामने आया है. जहां सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से जीती गई पांचों सीटें NDA के खाते में गईं, वहीं बेहद कम मार्जिन वाली सीटों पर अलग-अलग दलों की जीत दर्ज हुई. चुनावी आंकड़े बताते हैं कि भारी अंतर वाली सीटों पर NDA का दबदबा स्पष्ट दिखा जबकि कम अंतर वाली सीटों पर मुकाबला बेहद करीबी रहा.
jamui result shreyasi singh: जमुई विधानसभा सीट से दूसरी बार श्रेयसी ने राजद के मोहम्मद शमसाद आलम को 54 हजार वोटों से हराकर जीत हासिल की हैं.
बिहार चुनाव में महागठबंधन का प्रदर्शन बुरी तरह फ्लॉप रहा और RJD-कांग्रेस गठबंधन सिर्फ 35 सीटों पर सिमट गया. इसकी बड़ी वजहें थीं- साथी दलों के बीच लगातार झगड़ा और भरोसे की कमी, तेजस्वी को सीएम चेहरा बनाने का विवादास्पद फैसला, राहुल-तेजस्वी की कमजोर ट्यूनिंग और गांधी परिवार का फीका कैंपेन.
बिहार चुनाव 2025 में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद महागठबंधन बुरी तरह पिछड़ गया और आरजेडी अपने इतिहास की बड़ी हारों में से एक झेल रही है. इससे तेजस्वी यादव के नेतृत्व, रणनीति और संगठन पर गंभीर सवाल उठे हैं.
बिहार चुनाव के नतीजों ने साबित कर दिया कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की 'वोटर अधिकार यात्रा' राजनीतिक तौर पर कोई असर नहीं छोड़ पाई. जिस-जिस रूट से यह यात्रा गुज़री, वहां महागठबंधन लगभग साफ हो गया और एनडीए ने भारी जीत दर्ज की. कांग्रेस का दावा था कि यात्रा वोट चोरी के खिलाफ थी, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह महागठबंधन की चुनावी जमीन मजबूत करने की कोशिश थी, जो पूरी तरह असफल रही.
बिहार चुनाव में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन पर पार्टी के भीतर निराशा है. शशि थरूर ने 'गंभीर आत्मनिरीक्षण' की मांग की, जबकि अन्य नेताओं ने हार का कारण संगठन की कमजोरी, गलत टिकट वितरण और जमीनी हकीकत से कटे कुछ नेताओं को बताया.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सीमांचल क्षेत्र की पांच सीटों पर AIMIM ने अपनी मजबूत उपस्थिति को जारी रखा है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बहादुरगंज, कोचा धामन, अमौर और बाबसी जैसी महत्वपूर्ण सीटों पर जनता ने AIMIM को दोबारा जीत दी है. अमौर सीट पर पार्टी के एकमात्र विधायक अख्तरुल इमान ने सफलता पाई जो जनता के भरोसे और पार्टी संगठन की कड़ी मेहनत का परिणाम है.
मैथिली ठाकुर को दरभंगा की अलीनगर सीट से टिकट मिल सकता है. मौजूदा विधायक मिश्रीलाल यादव का टिकट कटना तय माना जा रहा है. बता दें कि मैथिली मंगलवार को आधिकारिक तौर पर भाजपा में शामिल हो गई हैं.