दरभंगा मिथिलांचल का हृदय माना जाता है. यह बिहार का पांचवां सबसे बड़ा शहर है, जो बिहार के मैथिली-भाषी क्षेत्र का केंद्र है और भारत के सबसे प्राचीन शहरों में से एक है. यह कभी राजा जनक के मिथिला राज्य का हिस्सा था और आज भी अपनी समृद्ध परंपराओं के कारण बिहार की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित है. यहां की संगीत, लोक कला और साहित्यिक धरोहर पीढ़ियों से मैथिली, संस्कृत, उर्दू और हिंदी में संरक्षित की गई है, जो इसकी सांस्कृतिक पहचान की नींव बनाती है.
18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध से, दरभंगा ध्रुपद संगीत का एक प्रमुख केंद्र रहा है, जो भारतीय शास्त्रीय संगीत का एक प्राचीन रूप है. इसने कई प्रसिद्ध संगीतकारों को जन्म दिया है. इसके अलावा, दरभंगा अपनी स्थानीय रूप से उत्पादित मछली, आम और मखाना के व्यापार के लिए भी जाना जाता है.
मुगल और ब्रिटिश शासन के दौरान, दरभंगा खंडवाला जमींदार वंश की सीट रहा. जहां औपनिवेशिक प्रशासन कानून-व्यवस्था संभालता था, वहीं खंडवाला परिवार भूमि और राजस्व पर नियंत्रण रखता था. मुगल सम्राट अकबर ने इस वंश को ‘महाराजा’ की उपाधि प्रदान की थी. इस वंश के संस्थापक महेश ठाकुर, जो एक प्रतिष्ठित संस्कृत विद्वान थे, कला और साहित्य के संरक्षक रहे. उन्होंने मैथिली और संस्कृत के विद्वानों को प्रोत्साहित किया. इस वंश की प्रतिष्ठा तब बढ़ी जब अकबर, ठाकुर के शिष्य रघुनंदन झा से प्रभावित होकर उन्हें यह जमींदारी पेश की. दरभंगा के महाराजा अपने समय के सबसे समृद्ध जमींदारों में से एक थे.
आज, दरभंगा उत्तर बिहार का एक प्रमुख चिकित्सा और शैक्षिक केंद्र भी है. यहां निर्माणाधीन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दरभंगा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, तथा मिथिला माइनॉरिटी डेंटल कॉलेज और अस्पताल स्थित हैं. शैक्षणिक रूप से भी यह शहर महत्वपूर्ण है. यहां ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) का क्षेत्रीय केंद्र मौजूद है.
इस शहर के नाम की उत्पत्ति को लेकर मतभेद हैं. कुछ लोग इसे 'द्वार-बंग' (बंगाल का द्वार) से जोड़ते हैं, क्योंकि यहां की संस्कृति और भाषा में बंगाल से समानताएं देखी जाती हैं. वहीं, कुछ लोग इसे दरभंगी खान नामक एक अज्ञात व्यक्ति से जोड़ते हैं, जिनके बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है. हाल ही में शहर के पास किए गए उत्खननों में दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व की एक ईंटों से बनी बस्ती के अवशेष मिले हैं, जो इसके प्राचीन इतिहास की पुष्टि करते हैं.
दरभंगा की राजनीतिक यात्रा इसकी समृद्ध संस्कृति और विरासत को दर्शाती है. 1951 में विधानसभा क्षेत्र बनने के बाद, यहां 17 चुनाव हुए हैं और अधिक उतार-चढ़ाव नहीं देखे गए. शुरुआत में कांग्रेस का गढ़ रहा यह क्षेत्र पहले चार चुनावों में कांग्रेस के पक्ष में रहा और कुल छह बार इस पार्टी ने जीत दर्ज की. धीरे-धीरे यह भाजपा का मजबूत गढ़ बन गया, जिसने 1972 में भारतीय जनसंघ (भाजपा का पूर्ववर्ती रूप) के तहत पहली जीत हासिल की थी. 1995 के बाद भाजपा ने यहां अपनी पकड़ मजबूत कर ली, केवल 2000 के चुनाव में राजद के हाथों 795 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा. वर्तमान विधायक संजय सरावगी ने लगातार पांच चुनावों में भाजपा की जीत सुनिश्चित की, जिसमें 2020 में 10,639 वोटों से जीत शामिल है.
भाजपा ने 2009 से लगातार चार लोकसभा चुनाव जीते हैं, हालांकि 2025 के चुनाव में संभावित आत्मसंतोष पार्टी के लिए खतरा बन सकता है. 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त बनाई थी, जिनमें दरभंगा भी शामिल है.
इस निर्वाचन क्षेत्र में 12.34% अनुसूचित जाति और 23.3% मुस्लिम मतदाता हैं. कुल मतदाताओं में 76.76% शहरी और 23.24% ग्रामीण मतदाता शामिल हैं. 2020 में मतदाता संख्या 3,05,788 थी, जो 2024 में बढ़कर 3,14,719 हो गई. 2020 में 55.79% मतदान हुआ, जो बिहार के औसत से बेहतर था.
(अजय झा)
BJP
BSP
JSP
VIP
TPP
SUCI
AJPP
WAP
ABSP
MWP
IND
IND
IND
Nota
NOTA
Amar Nath Gami
RJD
Shankar Kumar Jha
IND
Mahendra Lal Das
IND
Sujeet Kumar Chaudhary
JNP
Mithilesh Chandra Sahani
IND
Siya Ram Paswan
JAP(L)
Md. Amjad Khan
SJDD
Nota
NOTA
Nooruddin Zangi
SDPI
Sanjay Kumar Roy
RUP
Santosh Kumar Purve
RJVP
Vijayshree Prasad
RPI(A)
Sanjay Kumar Jha
IND
Raushendra Kumar
BLCP
Mohammad Mojahid
SUCI
Md. Pintu Khan
LNKP
Raj Kumar Mahto
YKP
Lal Babu Mahto
AIFB
Mahendra Kumar Paswan
BGMP
बिहार चुनाव खत्म होते ही लौटे प्रवासी मजदूर काम पर लौटने लगे हैं. समस्तीपुर स्टेशन पर भारी भीड़ उमड़ी, ट्रेनों में यात्रियों की ठसाठस भीड़ से लोग गेट और लगेज वैन पर लटककर सफर कर रहे हैं. जगह न मिलने से यात्रियों ने टिकट लौटाए और सरकार पर पलायन रोकने के वादे तोड़ने का आरोप लगाया.
बिहार के चुनावों में मुस्लिम महिलाओं की लंबी कतारों में भागीदारी देखने को मिली. मुस्लिम बहुल सीटों पर बीजेपी को भी फायदा होता दिख रहा है क्योंकि मुस्लिम आबादी के साथ हिंदू वोटों का समन्वय जीत में मदद करता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के फारबिसगंज में एक भाषण के दौरान विकास कार्यों और घुसपैठ के मुद्दे पर अपनी सरकार का रुख साफ किया. उन्होंने कहा, 'ये घुसपैठिए आपके खेतों पर कब्जा करते हैं, दुकानों, उद्योगों में घुसपैठियों को ही काम मिलना हो जाता है, आपके बच्चों को उनको काम का जो हक है, वो हक ये घुसपैठिए छीन लेते हैं'.
बिहार में वोटिंग को लेकर एक दिलचस्प ट्रेंड सामने आया है. जहां एक तरफ दरभंगा और मुजफ्फरपुर जैसे जिलों के मतदाता बढ़-चढ़कर वोट डाल रहे हैं, वहीं पटना जैसे शहरी इलाकों में लोगों का वोटिंग से मोहभंग बढ़ता जा रहा है. पिछले एक दशक के आंकड़े बताते हैं कि बिहार के ग्रामीण मतदाता लगातार ज्यादा उत्साह दिखा रहे हैं, जबकि शहरों में मतदान दर गिरती जा रही है.
बिहार के दरभंगा में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रोड शो में भारी भीड़ उमड़ी, वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने भी विपक्ष पर तीखा हमला बोला. अपने भाषण में अमित शाह ने कहा, ‘लालू जी, सोनिया जी, ना आपका बेटा मुख्यमंत्री बनने वाला है ना सोनिया जी का बेटा प्रधानमंत्री बनने वाला है यहाँ पर बिहार में नीतीश सीएम बने हुए हैं और दिल्ली में मोदी जी पीएम बने हुए हैं. इन लोगों के लिए खुशी खाली नहीं है, वेकेंसी ही नहीं है.’
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मधुबन में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए बिहार के लिए कई बड़े ऐलान किए. उन्होंने दरभंगा में 1264 करोड़ रुपये की लागत से एम्स के निर्माण, जीविका योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक सहायता और 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली जैसी सरकारी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिहार के दरभंगा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस, राहुल गांधी और आरजेडी पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने विपक्ष के गठबंधन को 'तीन बंदरों की जोड़ी' बताते हुए बिहार की सुरक्षा और विकास के मुद्दे पर घेरा. उन्होंने कहा कि 'कांग्रेस और आरजेडी जाति के नाम पर समाज को बांटते हैं...'
बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण के प्रचार में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दरभंगा में एक रैली को संबोधित करते हुए इंडी गठबंधन पर तीखा हमला बोला है. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'आज इंडी गठबंधन के तीन और बंदर आ गए हैं... पप्पू, टप्पू और अप्पू... पप्पू सच बोल नहीं सकता... टप्पू अच्छा देख नहीं सकता और अप्पू सच सुन नहीं सकता.'
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दरभंगा में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए इंडिया ब्लॉक को तीन बंदरों की जोड़ी बताया. उन्होंने कहा कि एनडीए विजयी होगा, तो बिहार विजयी होगा.
मधुबनी के बीजेपी सांसद अशोक यादव ने दरभंगा के केवटी में चुनावी सभा के दौरान अजीबोगरीब बयान दिया. उन्होंने कहा कि केवटी विधानसभा का चुनाव पाकिस्तान सीमा पर लड़ाई जैसा है. मुसलमानों पर कटाक्ष करते हुए बोले कि वे सरकारी योजनाओं का लाभ तो लेते हैं लेकिन वोट नहीं देते. यादव ने अपील की कि मुस्लिम बीजेपी की मुख्यधारा में शामिल हों.