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Bihar Election Result 2025 Live: पातेपुर (एससी) विधानसभा सीट पर BJP को दोबारा मिली जीत
Patepur (SC) Vidhan Sabha Result Live: पातेपुर (एससी) में BJP कैंडिडेट Lakhendra Kumar Raushan निकले सबसे आगे
Bihar Election Results Live: बिहार चुनाव में राजनीतिक गठबंधनों का प्रदर्शन कैसा है?
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बिहार के वैशाली जिले में स्थित पातेपुर, एक सामुदायिक विकास खंड है, जो 1951 से ही भारत के निर्वाचन मानचित्र पर एक विधानसभा क्षेत्र के रूप में मौजूद है. लेकिन इसका राजनीतिक इतिहास कुछ विशेषताओं के कारण काफी दिलचस्प रहा है. वर्ष 1952 से 1977 तक यह मुजफ्फरपुर दक्षिण लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा था. इसके बाद 1977 से 2009 तक यह हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत रहा. वर्ष 2009 से यह समस्तीपुर जिले की उजियारपुर लोकसभा सीट के छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक बन चुका है.
पातेपुर, जिला मुख्यालय हाजीपुर से 40 किलोमीटर, समस्तीपुर से 45 किलोमीटर, मुजफ्फरपुर से 50 किलोमीटर और राज्य की राजधानी पटना से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इसके निकट बुढ़ी गंडक और बाया नदी बहती हैं, जिससे इसकी भूमि समतल और उपजाऊ है. यही कारण है कि कृषि यहां की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और अधिकांश लोग धान, गेहूं और मक्का की खेती पर निर्भर हैं. हालांकि पातेपुर में एक स्थानीय बाजार मौजूद है, लेकिन इसके अनाज मुख्य रूप से पास के महनार बाजार में थोक में बेचे जाते हैं.
पातेपुर विधानसभा क्षेत्र शुरू से ही अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रहा है. वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में यहां कुल 2,90,677 पंजीकृत मतदाता थे, जिनमें से 67,321 (23.16 प्रतिशत) अनुसूचित जाति और 45,927 (15.80 प्रतिशत) मुस्लिम समुदाय के थे. यह एक पूरी तरह ग्रामीण क्षेत्र है, जहां शहरी मतदाताओं की संख्या शून्य है. 2024 के लोकसभा चुनावों में यहाँ के मतदाताओं की संख्या बढ़कर 3,05,375 हो गई है.
अब तक पातेपुर ने 19 बार चुनावों में भाग लिया है, जिसमें 1952 और 1991 में दो उपचुनाव भी शामिल हैं. इस सीट ने बिहार की लगभग सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों को मौका दिया है, जो राज्य की राजनीतिक यात्रा को दर्शाता है. कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल ने यहां से तीन-तीन बार जीत दर्ज की है. जनता पार्टी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और संयुक्त समाजवादी पार्टी को दो-दो बार सफलता मिली है, जबकि सोशलिस्ट पार्टी, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) ने एक-एक बार यह सीट जीती है.
पातेपुर से पालतन राम, महेन्द्र बैठा और प्रेमा चौधरी तीन-तीन बार विधायक चुने जा चुके हैं. पालतन राम ने 1967 और 1969 में संयुक्त समाजवादी पार्टी से और 1977 में जनता पार्टी से चुनाव जीता. प्रेमा चौधरी ने राजद से 2000, 2005 (अक्टूबर) और 2015 में जीत दर्ज की. वहीं महेन्द्र बैठा का मामला सबसे दिलचस्प है, जिन्होंने तीन अलग-अलग पार्टियों – 1995 में जनता दल, 2005 (फरवरी) में लोजपा और 2010 में भाजपा से जीत हासिल की. इससे यह स्पष्ट होता है कि पातेपुर के मतदाता "दल-बदलुओं" को नकारते नहीं हैं.
वर्ष 2020 में भाजपा के लखनेंद्र कुमार रौशन ने राजद के शिवचरण राम को 25,839 वोटों से हराकर यह सीट जीती. यदि पातेपुर की ऐतिहासिक परंपरा कायम रहती है, तो 2025 में यह सीट फिर से राजद की झोली में जा सकती है. हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनावों में पातेपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने 12,721 वोटों की बढ़त बनाई, जो इस क्षेत्र में भाजपा के सुदृढ़ हो रहे जनाधार की ओर संकेत करता है.
हालांकि, यहां कम मतदान प्रतिशत राजनीतिक दलों के लिए चिंता का विषय है. आमतौर पर मतदान प्रतिशत 56 से 58 प्रतिशत के बीच रहता है. यदि इस प्रतिशत में कोई बड़ा बदलाव होता है, तो यह सभी चुनावी गणनाओं को उलट सकता है.
(अजय झा)
Shiv Chandra Ram
RJD
Surendra Kumar Paswan
IND
Sanjay Ram
IND
Nota
NOTA
Sanjay Rajak
IND
Devlal Ram
BSP
Shashi Kumar
NCP
Anil Paswan
JAP(L)
Bindshwar Ram
IND
Shivjee Rajak
PP
Anil Kumar
IND
Sonelal Paswan
SUCI
Awanish
BMP
Dharmendra Paswan
BMF
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