प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 जनवरी को सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे. 1 फरवरी को बजट पेश होगा. बैठक में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, थवारचंद गहलोत, पीयूष गोयल, प्रह्लाद जोशी, अर्जुन मेघवाल और वी मुरलीधरन भी बैठक मौजूद रहेंगे.
प्रमुख अर्थशास्त्री और भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने 2021-22 के आम बजट से पहले कुछ सुझाव दिए हैं. कोरोना वायरस महामारी के प्रभावों से उबर रही अर्थव्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए उन्होंने सरकार से खर्चों की प्राथमिकता तय करने और अपनी माली हालत सुधारने के लिए लोक उपक्रमों (PSU) में हिस्सेदारी बेचने पर जोर दिया.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करेंगी. कोरोना संकट में लोगों के हेल्थ पर भारी खर्चों को देखते हुए इस बार राहत की काफी उम्मीद की जा रही है.
अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर सरकार को कोरोना ने तगड़ा झटका दिया है. कोरोना संकट की वजह से वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
अभी तक सांसदों, मीडिया आदि के लिए बजट की कॉपी छापी जाती थी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करेंगी.
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि ऐसी आर्थिक स्थिति पहले कभी नहीं रही है और इसे संभालने के लिए सरकार खर्च का विशेष प्रावधान कर सकती है. केयर रेटिंग्स के चीफ इकोनॉमिस्ट मदन सबनवीस ने कहा, "सरकार को आम जनता के टीकाकरण पर खर्च के लिए बड़ा बजट देना होगा. इसके अलावा हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करने को लेकर खास फोकस रहेगा."
कोरोना के चलते कई मोर्चों पर अनिश्चितता के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को प्रमुख अर्थशास्त्रियों और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से उन उपायों पर चर्चा करेंगे, जिन्हें वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए आगामी बजट में शामिल किया जा सकता है.
हर साल आम बजट छपने की प्रक्रिया शुरू होने पर वित्त मंत्रालय ‘हलवा उत्सव’ आयोजित करता है. बड़ी सी कड़ाही में तैयार होने वाला हलवा कड़ी मशक्कत कर बजट तैयार करने वाले वित्त मंत्रालय के कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच बांटा जाता है.
विदेशी सैलानी कब तक पर्यटन के लिहाज से भारत का रुख करेंगे, इसका अभी भी सटीक अनुमान नहीं लगाया जा सकता है. कोरोना संकट ने पर्यटन और होटल उद्योग की कमर तोड़ दी है.
दिल्ली में व्यापारियों के संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने भी सोमवार को दिल्ली के व्यापारियों, फैक्ट्री मालिकों, महिला कारोबारियों और टैक्स एक्सपर्ट्स के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस पर मीटिंग की, इसमें आने वाले बजट को लेकर चर्चा हुई.