देश का आम बजट (Budget 2025) परंपरा के मुताबिक 1 फरवरी 2026 को पेश किया जाएगा. इस बार भी आम आदमी से लेकर उद्योग जगत तक की नजरें सरकार पर टिकी हैं. मिडिल क्लास और सैलरीड टैक्सपेयर्स को आयकर के मोर्चे पर राहत की उम्मीद है. सरकार स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी या डिडक्शन लिमिट को बढ़ाने पर फैसला ले सकती है. इस बजट में रोजगार पर सबसे ज्यादा फोकस हो सकता है. जिससे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, MSME और PLI योजनाओं को और मजबूती दिए जाने की उम्मीद है. इन सेक्टर्स में निवेश बढ़ने से नौकरियां पैदा होंगी, और 'मेक इन इंडिया' को नई ताकत मिलेगी.
आम बजट (Budget 2025) में इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट पर पूंजीगत खर्च बढ़ाने की संभावना भी जताई जा रही है. सड़क, रेलवे, हाउसिंग और शहरी विकास पर खर्च से अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिल सकती है. इसके अलावा कृषि और ग्रामीण सेक्टर के लिए फसल बीमा, सिंचाई, एफपीओ और सप्लाई-चेन को मजबूत करने वाली स्कीमों पर फोकस रह सकता है. साथ ही ग्रीन एनर्जी, इलेक्ट्रिक व्हीकल और रिन्यूएबल एनर्जी के लिए टैक्स इंसेंटिव और नई योजनाएं भारत के सस्टेनेबल ग्रोथ एजेंडे को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकती हैं.