LJPRV
RJD
JSJD
AIMIM
IND
BSP
IND
Nota
NOTA
JSP
BHSP
IND
IND
NCP
IND
BVP
SUCI
Mahua Vidhan Sabha Election Results Live: महुआ विधानसभा सीट के नतीजे सामने आए, LJPRV ने RJD को दी शिकस्त
Mahua Vidhan Sabha Chunav Result Live: Sanjay Kumar Singh का वर्चस्व कायम, महुआ विधानसभा सीट पर लहराया परचम
Mahua Chunav Results Live: महुआ सीट पर LJPRV का वर्चस्व, 37526 वोटों के विशाल अंतर से RJD को पछाड़ा
Bihar Assembly Election Results 2025 Live: दिग्गज कैंडिडेट्स के क्या हैं हाल?
Mahua Vidhan Sabha Chunav Result Live: बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में पार्टियों/गठबंधनों का प्रदर्शन कैसा है?
Mahua Election Result 2025 Live: महुआ का रिजल्ट जानना है? यहां मिलेगा हर अपडेट
महुआ, उत्तर-मध्य बिहार के वैशाली जिले का एक उपखंड है. यह जिला मुख्यालय हाजीपुर से लगभग 25 किलोमीटर, राज्य की राजधानी पटना से 50 किलोमीटर और तिरहुत प्रमंडल मुख्यालय मुजफ्फरपुर से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. गंगा के मैदानी क्षेत्र में स्थित होने के कारण महुआ की भूमि अत्यंत उपजाऊ है और कृषि यहां की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. यहां मुख्य रूप से धान, गेहूं, मक्का और दालों की खेती होती है. इसके अलावा कृषि आधारित लघु उद्योगों, हस्तशिल्प और कुटीर उद्योगों का भी स्थानीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है.
महुआ क्षेत्र का नाम यहां प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले महुआ वृक्षों के कारण पड़ा. वर्ष 2016 में बिहार के पूर्ण शराबबंदी लागू होने से पहले यह क्षेत्र महुआ से बने देशी शराब के उत्पादन का प्रमुख केंद्र था. अब इन फूलों का उपयोग बीज संग्रह के लिए किया जाता है, जिससे स्थानीय उद्योग महुआ बटर (तेल) निकालते हैं, जिसका औषधीय और सौंदर्य प्रसाधनों में प्रयोग होता है.
महुआ में कोई नदी नहीं बहती, जबकि गंडक नदी पास के हाजीपुर क्षेत्र से होकर बहती है. उपखंड की जल आपूर्ति और सिंचाई की जरूरतें मुख्य रूप से नहरों और भूजल पर निर्भर करती हैं.
सन् 1972 में जब मुजफ्फरपुर जिले को विभाजित कर वैशाली जिला बनाया गया, तब महुआ को ब्लॉक से उपखंड का दर्जा मिला. प्राचीन वैशाली नगरी के पास स्थित होने के अलावा महुआ का कोई ज्ञात ऐतिहासिक संदर्भ नहीं मिलता.
महुआ का राजनीतिक इतिहास भी उतना ही धुंधला रहा है जितना इसका प्राचीन इतिहास. महुआ विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1951 में हुई थी. 1952, 1957 और 1962 के पहले तीन चुनावों के बाद यह निर्वाचन क्षेत्र Electoral Map से ही गायब हो गया. आश्चर्य की बात यह है कि इस एक दशक में यह किस क्षेत्र में विलीन हुआ, इसका कोई आधिकारिक रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है. 1977 में यह क्षेत्र दोबारा अस्तित्व में आया.
महुआ विधानसभा क्षेत्र में महुआ और चेहरा कला प्रखंड शामिल हैं और यह हाजीपुर लोकसभा सीट (अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित) के अंतर्गत आता है.
जब कांग्रेस राज्य और केंद्र दोनों जगह सत्ता में थी, तब महुआ सीट को भंग करने का निर्णय लिया गया था. कांग्रेस ने पहले तीन चुनावों में यहां जीत हासिल की थी. लेकिन 1977 में इसके पुनः अस्तित्व में आने के बाद कांग्रेस को कभी जीत नसीब नहीं हुई. इसके बाद हुए 11 चुनावों में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने पांच बार, जनता पार्टी और जनता दल ने दो-दो बार तथा लोक दल और जद(यू) ने एक-एक बार जीत हासिल की.
जद(यू) को आज भी 2015 में महागठबंधन के तहत यह सीट राजद को सौंपने का पछतावा हो सकता है, क्योंकि उसने 2010 में यह सीट जीत ली थी. यादव मतदाताओं की भारी उपस्थिति के कारण राजद ने अपने संस्थापक लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव को 2015 में यहीं से राजनीति में उतारा. जद(यू) के समर्थन से तेज प्रताप ने 28,155 वोटों के अंतर से जीत हासिल की, जो जद(यू) की 2010 की 21,925 वोटों की जीत से अधिक थी.
हालांकि तेज प्रताप ने अपने क्षेत्र में वापसी नहीं की और 2020 में समस्तीपुर जिले के हसनपुर से चुनाव लड़ा. इसके बावजूद राजद ने यह सीट बरकरार रखी. 2020 की जीत में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) की भूमिका अहम मानी जाती है, जिसने एनडीए छोड़ने के बाद जद(यू) को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से महुआ से चुनाव लड़ा और 25,146 वोट हासिल किए, जो राजद की जीत के 13,687 वोटों के अंतर से कहीं अधिक थे.
एनडीए को 2025 के चुनाव में उम्मीद है. 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए ने चिराग पासवान (लोजपा-रामविलास के प्रमुख) को हाजीपुर सीट से प्रत्याशी बनाया. उन्होंने महुआ विधानसभा क्षेत्र में 27,604 वोटों की बढ़त बनाई. अब लोजपा (रामविलास) एनडीए में लौट चुकी है और चिराग पासवान की जद(यू) प्रमुख नीतीश कुमार से सुलह हो चुकी है, जिससे अब आपसी टकराव की संभावना नहीं है.
पूरी तरह ग्रामीण महुआ विधानसभा क्षेत्र में 2020 में कुल 2,86,501 मतदाता थे, जिनमें 21.17% अनुसूचित जाति और 15.10% मुस्लिम मतदाता थे. उस वर्ष 60.06% मतदान हुआ, जो पिछले तीन चुनावों में सर्वाधिक था. 2024 के लोकसभा चुनावों में मतदाता संख्या बढ़कर 2,97,532 हो गई.
महुआ अपनी समृद्ध कृषि भूमि, महुआ वृक्षों और राजनीतिक उठापटक के लिए जाना जाता है. यह क्षेत्र अब 2025 के विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रहा है, जहां एनडीए और महागठबंधन दोनों के लिए काफी कुछ दांव पर होगा.
(अजय झा)
Ashma Parveen
JD(U)
Sanjay Kumar Singh
LJP
Ravindra Kumar
RLSP
Vinod Kumar
IND
Archana Kumari Jha
IND
Amresh Kumar
IND
Suman Kumar Sinha
BP(L)
Vikash Kumar Sharma
AKP
Er. Nitish Kumar
IND
Baidyanath Prasad Ray
BRD
Puran Thakur
IND
Nota
NOTA
Narendra Giri
IND
Md. Parwez Alam
JAP(L)
Reyaz Ahmad
SDPI
Lalit Kumar Ghosh
SUCI
Seema Kumari
IND
Jaynarayan Sah
BVP
Rubi Kumari
SMD (P)
Binod Ray
JDR
Shiv Nath Sahni
IND
Navin Kumar
IND
Ratnesh Kumar
RTRP
Mahua Result Vidhan Sabha Chunav parinam: महुआ विधानसभा सीट पर लोक जन शक्ति पार्टी के संजय कुमार सिंह चुनाव जीत गए हैं. उन्हें 87641 वोट मिले. उन्होंने आरजेडी के मुकेश कुमार रोशन को 44997 वोट से हराया.
बिहार चुनाव में लालू यादव को घर का झगड़ा बहुत महंगा पड़ा है. तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के झगड़े की भारी कीमत चुकानी पड़ी है. तेज प्रताप के पास तो गंवाने के लिए कुछ था भी नहीं, लेकिन राघोपुर में तेजस्वी यादव का जो हाल हुआ है, वो तो पूरी कहानी कह रहा है.
महुआ सीट पर चुनाव का हाल बेहद दिलचस्प है जहां तेजप्रताप यादव पिछड़ गए हैं और एलजेपी के उम्मीदवार आगे चल रहे हैं. इस दौरान जेडीयू नंबर दो पर आ गई है जबकि राजद तीसरे नंबर पर दिख रही है. बीजेपी, जेडीयू और राजद के बीच कड़ी टक्कर जारी है. महागठबंधन को समर्थन जमकर मिल रहा है, और युवा नेता बिहार की राजनीति में नई पहल कर रहे हैं.
जनशक्ति जनता दल प्रमुख तेज प्रताप यादव ने बिहार चुनाव में अपनी पार्टी के 10 से 15 सीटें जीतने का दावा किया है. हालांकि, उन्होंने सरकार कौन बनाएगा, इस पर कहा कि "14 नवंबर को पता चलेगा". महुआ सीट पर वह खुद RJD के मुकेश कुमार रोशन और LJP (रामविलास) के संजय कुमार सिंह के खिलाफ मैदान में हैं, जिससे मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है.
लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को केंद्र सरकार द्वारा Y+ कैटेगरी की सुरक्षा दिए जाने पर बिहार की सियासत गरमा गई है. आरजेडी से निकाले जाने के बाद अपनी पार्टी 'जनशक्ति जनता दल' बनाकर महुआ से चुनाव लड़ रहे तेज प्रताप ने कहा है कि 'क्योंकि मेरे ऊपर खतरा है ना, मेरा हत्या भी लोग करा देगा. अब दुश्मन सब लगा हुआ है.'
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने रविवार को कहा कि उन्हें जान से मारने की धमकी मिल रही है और उनकी सुरक्षा बढ़ाकर वाई प्लस कर दी गई है. महुआ सीट से चुनाव लड़ रहे तेज प्रताप ने कहा, 'मेरे दुश्मन मुझे मरवा सकते हैं, अब तो हर कोई दुश्मन जैसा लग रहा है.' तेज प्रताप ने साथ ही अपने भाई तेजस्वी यादव को जन्मदिन की शुभकामनाएं भी दीं.
तेज प्रताप महुआ सीट से उम्मीदवार हैं, जहां पहले चरण में मतदान पूरा हो चुका है. उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी राजनीतिक रणनीति को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि उनकी राजनीति किसी विरासत की नहीं बल्कि सामाजिक न्याय और संपूर्ण क्रांति की विचारधारा पर आधारित है.
बिहार चुनाव का रिजल्ट तेजस्वी यादव का भविष्य तय करेगा, और तेजस्वी यादव का प्रदर्शन तेज प्रताप यादव का. राघोपुर से तेजस्वी यादव और महुआ से तेज प्रताप यादव की जंग केवल केवल विधानसभा सीटों की नहीं, बल्कि लालू यादव की राजनीतिक विरासत का भविष्य भी तय करेगा.
तेज प्रताप यादव से भाजपा नेताओं के एक वर्ग द्वारा उनकी प्रशंसा किए जाने के बारे में पूछा गया, तो यादव ने कहा कि अच्छे काम की सराहना होनी चाहिए और "नकारात्मक बयानबाजी" में लिप्त रहने की प्रवृत्ति की आलोचना की जानी चाहिए.
बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान हो रहा है, जिसमें नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने इसे बदलाव का चुनाव बताते हुए कहा, 'तवे से रोटी पलटनी चाहिए नहीं तो जल जाएगी'.