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गरुड़ पुराण

गरुड़ पुराण

गरुड़ पुराण

गरुड़ पुराण (Garud Puran) हिंदू धर्म के प्रमुख अठारह महापुराणों में से एक माना जाता है. इसकी रचना महर्षि वेदव्यास ने की थी और यह भगवान विष्णु तथा उनके दिव्य वाहन गरुड़ के संवाद के रूप में प्रस्तुत है. इस ग्रंथ में जीवन, मृत्यु, धर्म, पाप-पुण्य, कर्म, परलोक और मोक्ष के विषयों का विस्तृत वर्णन मिलता है, इसलिए इसे विशेष रूप से आध्यात्मिक एवं दार्शनिक पुराण के रूप में जाना जाता है.

गरुड़ पुराण का सबसे महत्वपूर्ण भाग वह है, जिसमें मृत्यु के बाद आत्मा की यात्रा, यमलोक और पुनर्जन्म की प्रक्रिया का विवरण मिलता है. माना जाता है कि व्यक्ति मृत्यु के बाद अपने कर्मों के आधार पर सुख या दुख भोगता है. अच्छे कर्म करने से आत्मा को देवलोक या उत्तम योनि प्राप्त होती है, जबकि बुरे कर्म नरक या कठिन पुनर्जन्म का कारण बनते हैं. इसी कारण यह पुराण मनुष्य को नैतिक आचरण, सत्य, करुणा और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है.

हिंदू समाज में गरुड़ पुराण को अंत्येष्टि संस्कार के दौरान पढ़ने का विशेष महत्व है. मान्यता है कि मृत्यु के उपरांत इस ग्रंथ का पाठ आत्मा को मोक्ष मार्ग की दिशा समझाने के साथ-साथ परिवारजनों को धैर्य और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है. इसमें मृत्यु से जुड़े भय को दूर करते हुए बताया गया है कि जीवन और मृत्यु दोनों प्रकृति के शाश्वत सत्य हैं, और प्रत्येक जीव को अपने कर्मों के अनुसार आगे बढ़ना होता है.

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गरुड़ पुराण न्यूज़

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