JD(U)
RJD
IND
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BSP
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IND
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IND
Laukaha Chunav Results Live: लौकहा निर्वाचन क्षेत्र का रिजल्ट घोषित, Satish Kumar Sah ने 25511 वोटों के अंतर से दर्ज की जीत
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Laukaha Vidhan Sabha Result Live: लौकहा में JD(U) कैंडिडेट Satish Kumar Sah निकले सबसे आगे
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लौकहा विधानसभा क्षेत्र बिहार के मधुबनी जिले के उत्तरी हिस्से में नेपाल की सीमा से सटा हुआ है. यह क्षेत्र लौकहा और लौकही प्रखंडों के साथ ही फुलपरास प्रखंड की आठ ग्राम पंचायतों को सम्मिलित करता है. राजनीतिक दृष्टि से यह झंझारपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक है और अपनी अनिश्चित चुनावी प्रवृत्ति के लिए प्रसिद्ध है.
लौकहा विधानसभा सीट का गठन 1951 में हुआ था. अब तक यहां 17 बार चुनाव हो चुके हैं, लेकिन किसी एक दल का लगातार दबदबा कभी नहीं रहा. कांग्रेस ने पांच बार जीत दर्ज की, लेकिन समय के साथ उसकी पकड़ कमजोर होती गई. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) (पूर्ववर्ती समता पार्टी सहित) ने चार-चार बार जीत हासिल की है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने तीन बार जीत दर्ज की, जबकि प्रजा सोशलिस्ट पार्टी और संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी ने एक-एक बार जीत का स्वाद चखा.
साल 2005 से 2015 तक जेडीयू ने लगातार तीन चुनाव जीते और मजबूत स्थिति में रही. लेकिन 2020 में राजद के भरत भूषण मंडल ने जेडीयू विधायक लक्ष्मेश्वर राय को 10,077 वोटों से हराकर बड़ा झटका दिया. हालांकि 2024 लोकसभा चुनाव में जेडीयू ने लौकहा खंड में राजद पर 26,992 वोटों की बढ़त लेकर अपनी वापसी का संकेत दिया.
2020 विधानसभा चुनाव में लौकहा में कुल 3,41,847 पंजीकृत मतदाता थे. इनमें मुस्लिम मतदाता 53,328 (15.60%) और अनुसूचित जाति के मतदाता 38,902 (11.38%) थे. यादव समुदाय के मतदाता 52,302 (15.30%) रहे. क्षेत्र पूरी तरह ग्रामीण है और यहां 2020 में 61.16% मतदान हुआ, जो हाल के वर्षों में सबसे अधिक था. 2024 लोकसभा चुनाव तक मतदाताओं की संख्या बढ़कर 3,50,137 हो गई.
इतिहास में लौकहा मिथिला के कर्नाट वंश का हिस्सा रहा, जिसकी शुरुआत नन्यदेव से हुई थी. कर्नाट शासक नेपाल के तराई क्षेत्र पर भी शासन करते थे. आज भी नेपाल के ठाडी कस्बे से इसकी सांस्कृतिक और व्यापारिक कड़ियां जुड़ी हुई हैं. भारत और नेपाल की सरकारों ने यहां सीमा व्यापार के लिए सहमति दी है और दोनों देशों के सीमा शुल्क कार्यालय भी मौजूद हैं.
उत्तर बिहार के अन्य हिस्सों की तरह लौकहा का भूभाग भी सपाट और उपजाऊ है, लेकिन हर साल बाढ़ की समस्या बनी रहती है. भूथही बलान नदी, जो कोसी की सहायक है, क्षेत्र के पास से बहती है और छठ पूजा के समय आस्था का केंद्र बनती है. कृषि यहां की मुख्य आजीविका है, जिसमें धान, गेहूं और मक्का प्रमुख फसलें हैं. सिंचाई सुविधाओं की कमी और बारिश पर निर्भरता बनी हुई है. रोजगार के अवसर कम होने के कारण बड़ी संख्या में युवा दिल्ली, मुंबई और लुधियाना जैसे शहरों की ओर पलायन करते हैं.
लौकहा एनएच-57 से खुंटौना और फुलपरास के जरिये जुड़ा है. फुलपरास करीब 30 किमी दूर है. नजदीकी रेलवे स्टेशन जयनगर (35 किमी) और निकटतम हवाई अड्डा नेपाल के राजविराज (40 किमी) में है. जनकपुर 58 किमी, जबकि मधुबनी मुख्यालय लगभग 60 किमी दूर है. दरभंगा (90 किमी) और पटना (190 किमी) इसके प्रमुख शहरी केंद्र हैं.
आगामी 2025 विधानसभा चुनाव में जेडीयू एक बार फिर सीट वापस पाने की कोशिश करेगी, वहीं राजद अपनी पिछली जीत को आगे बढ़ाने की रणनीति बनाएगा. चूंकि इस क्षेत्र का चुनावी इतिहास किसी एक दल के पक्ष में स्थायी नहीं रहा है, इसलिए लौकहा विधानसभा बिहार की सबसे दिलचस्प और कड़ी टक्कर वाली सीटों में से एक बनी हुई है.
(अजय झा)
Lakshmeshwar Roy
JD(U)
Pramod Kumar Priyedarshi
LJP
Dinesh Prasad Gupta
IND
Alok Kumar Yadav
SJDD
Baleshwar Gurmaita
IND
Nota
NOTA
Lalit Kumar Mahto
JAP(L)
Indradev Jee
IND
Lalit Mandal
JGHP
Ram Kumar Mandal
VPI
Ranjit Kumar Yadav
STBP
Kumari Malvika
BCHP
Indu Devi
RJWP(S)
Dev Shankar Arya
BLRP
Bhola Paswan
India
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