सर्दियों में हीटर और ब्लोअर की वजह से घर तो गर्म हो जाता है, लेकिन बिजली का बिल जेब पर भारी पड़ जाता है. अगर आप भी कड़ाके की ठंड में आराम चाहते हैं और बिजली बिल से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो ये उपाय आपके बड़े काम आ सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह साफ कर दिया है कि कमेटी द्वारा लिए गए सभी निर्णय अंतिम होंगे और हर पक्ष के लिए इन्हें मानना पूरी तरह बाध्यकारी होगा.
नोएडा और गाजियाबाद का प्रॉपर्टी मार्केट दिल्ली-एनसीआर में हमेशा से ही निवेशकों की पसंद रहा है. अब 2026 का आगाज होने वाला है, इस साल इन दोनों शहरों में निवेश पर क्या फायदा मिलेगा बता रहे हैं एक्सपर्ट्स.
अक्सर लोग प्रॉपर्टी बेचने में जल्दबाजी करते हैं, जिससे उनको मुनाफे की जगह घाटे का सामना करना पड़ता है इसलिए जरूरी है कि प्रॉपर्टी बेचने से पहले कुछ अहम बातें जान लें, जिससे आगे चलकर कोई परेशानी न हो.
2026 में देश के अलग शहरों में कई मेगा प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है जो रियल एस्टेट सेक्टर में कई बड़े बदलाव लेकर आने वाला है, प्रॉपर्टी में निवेश के लिए भी अच्छा मौका साबित हो सकता है.
मुंबई का Naman Xana देश के सबसे महंगे रेजिडेंशियल के रूप में उभरकर सामने आया है, जहां देश के अल्ट्रा रिच लोग एक अपार्टमेंट के लिए 500 करोड़ से ज्यादा पैसे लगा रहे हैं.
सोनीपत का कायाकल्प दिल्ली-NCR के उस बड़े बदलाव का उदाहरण है, जहां बेहतर सड़कें और सुविधाएं अब नए इलाकों को विकास का केंद्र बना रही हैं. रियल एस्टेट सेक्टर 2026 की ओर देख रहा है, सोनीपत एक ऐसे शहर के रूप में सामने आता है जहां अटकलों के बजाय बुनियादी बातें ग्रोथ को बढ़ावा दे रही हैं.
भगनाव राम की नगरी अयोध्या और कृष्ण की नगरी वृंदावन दोनों शहरों में पिछले कुछ सालों में टूरिज्म सेक्टर के साथ-साथ रियल एस्टेट मार्केट में भी तेजी देखी गई हैं. अब लोग इन शहरों में सिर्फ मंदिर दर्शन नहीं, बल्कि रहने और निवेश के लिए प्रॉपर्टी ले रहे हैं.
किंड्रेड होम स्वैपिंग को मॉडर्न और सेफ बना रहा है, खासकर न्यूयॉर्क जैसे शहरों में जहां ट्रैवल कॉस्ट एक बड़ी समस्या है. अगर आप ट्रैवल लवर हैं, तो यह ट्राई करने लायक है. मेंबरशिप के लिए अच्छा घर और रेफरल्स मददगार होते हैं.
दिल्ली-एनसीआर की दमघोंटू हवा ने अब लोगों को दूसरे शहरों में अपने लिए सेकेंड होम तलाश करने के लिए मजबूर कर दिया है. साल-दर -साल हालात और भी बिगड़ते जा रहे हैं और प्रदूषण की इस समस्या का कोई हल नजर नहीं आ रहा है.
तेजी से हो रहे डिजिटलीकरण और बड़े पूंजी पूल तक पहुंच ने ऑफिस, रिटेल, औद्योगिक और आवासीय श्रेणियों में आपूर्ति की गुणवत्ता और मात्रा के बीच एक स्वस्थ संतुलन बनाया है.
मुंबई का जुहू इलाका बॉलीवुड के तमाम स्टार्स का पसंदीदा ठिकाना है, यहां प्रॉपर्टी के दाम हमेशा से ही आसमान छूते रहे हैं और इस इलाके डिमांड भी लगातार बनी रहती है.
2026 में बेहतर रिटर्न के लिए, ऐसे विकसित हो रहे माइक्रो-मार्केट में जल्दी निवेश करना सबसे समझदारी भरा कदम होगा, जहां वास्तविक मांग के साथ-साथ ज़मीनी स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर भी दिख रहा हो.
पिछले कुछ सालों में गोवा का रियल एस्टेट मार्केट तेजी से आगे बढ़ रहा हैं. खासतौर पर लग्जरी विला की डिमांड यहां तेजी से बढ़ी है, लोग निवेश के साथ-साथ सेकेंड होम के तौर पर यहां प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं.
टाटा समूह ने उत्तर प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात में टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने ताज, विवांता और सिलेक्शन्स ब्रांड के साथ 30 नए होटलों के निर्माण की योजना प्रस्तुत की, जिसमें 1900 लक्जरी कमरे शामिल होंगे.
ख़ास बात यह है कि शो-ऑफ से दूर रहने वाले मेसी की प्रॉपर्टी भी उनकी शांत और निजी सोच को दर्शाती है. उनके घर भले ही कम हों, लेकिन उन्हें बहुत सोच-समझकर चुना गया है.
भारत के अति-धनी लोग अब अधिक सोच-समझकर खर्च कर रहे हैं, वे पारंपरिक विलासिता के साथ-साथ अनुभवों और सेहत को चुन रहे हैं, और इस प्रक्रिया में देश के लग्जरी परिदृश्य को पूरी तरह से नया रूप दे रहे हैं.
साल 2025 भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर के लिए ऐतिहासिक रहा, जहा सुपर लग्जरी घरों की बिक्री ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए. ये आंकड़े बताते हैं कि भारत के अमीर अब बड़े पैमाने पर रियल एस्टेट में निवेश कर रहे हैं, जिससे लग्जरी सेगमेंट आसमान छू रहा है.
NCR का प्रॉपर्टी बाजार हमेशा से ही चर्चा में रहने वाले बाजारों में से एक रहा है, लेकिन साल 2025 में, NCR ने खरीदारी के पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. इस साल, लोगों ने यहां जमकर घरों की खरीदारी की, जिसने इस क्षेत्र में निवेशकों का भरोसा और बढ़ा दिया.
लखनऊ और वाराणसी जैसे शहरों में रियल एस्टेट निवेश के नए द्वार खुलेंगे, निवेशकों और डेवलपर्स के लिए यह एक संकेत है कि अब उनका ध्यान शहर के पारंपरिक केंद्रों से हटकर नदी के किनारे के सुनियोजित विकास की ओर जाना चाहिए, जहां आने वाले सालों में अच्छे रिटर्न की संभावना है.
बड़े शहरों की चमक के पीछे छुपा दबाव अब युवाओं को थका रहा है. महंगाई और भागदौड़ के बीच, कई नौजवान अपनी जिंदगी के फैसले दोबारा सोचने लगे हैं. यही वजह है कि लाखों की नौकरी करने वाले कुछ युवा अब शहर छोड़ने लगे हैं. इस बदलाव के पीछे बड़े कारण क्या हो सकते हैं? जानें एक्सपर्ट्स की राय...