आपने कभी इतना रंगीन और सुंदर समुद्री जीव नहीं देखा होगा. स्पेन की डांसर की तरह चलने वाले इस जीव को स्पैनिश डांसर सी स्लग (Spanish Dancer Sea Slug) कहते हैं. इसकी खूबसूरती ऐसे समझ में नहीं आती, जब तक यह अपनी चाल नहीं दिखाता. इसलिए इसके वीडियो आपको देखने चाहिए.
Why Rainwater is Unsafe: बारिश आते ही आप मुंह उठाकर जो उसकी बूंदों का आनंद लेते हैं. भूल जाइए उसे. आसमान से गिरती बारिश की बूंदें जहरीली हो चुकी है. पूरी दुनिया में कहीं भी इस पानी में शुद्धता नहीं बची है. इंसानों द्वारा निकाले जा रहे रसायन घुल चुके हैं. एक नई स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है.
क्या होगा अगर किसी प्रजाति में सिर्फ मादा जीव ही पैदा होने लगे. नर की संख्या कम होती चली जाए और फिर खत्म. फ्लोरिडा में इस समय यही हो रहा है. सिर्फ मादा समुद्री कछुए पैदा हो रहे हैं. इससे वैज्ञानिक परेशान हैं. क्योंकि इसकी सबसे बड़ी वजह है बढ़ता हुआ तापमान और जलवायु परिवर्तन, जो बदल दे रहे हैं अंडों का लिंग.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के सरकारी आवास यानी व्हाइट हाउस के सामने बिजली गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई. इसके अलावा एक गंभीर रूप से जख्मी हो गया. इसमें एक बुजुर्ग जोड़ा था और दूसरा एक 29 वर्षीय युवा. अमेरिका में पिछले कुछ सालों में बिजली गिरने की संख्या बढ़ गई है. वैज्ञानिकों ने कहा कि इसके पीछे जलवायु परिवर्तन ही सबसे बड़ी वजह है.
अमेरिका की डेथ वैली सूखे के लिए जानी जाती है. अत्यधिक तापमान के लिए लेकिन हाल ही में वहां अचानक फ्लैश फ्लड आ गया. पूरे साल की बारिश एक साथ हो गई. भयानक तबाही का मंजर दिखने लगा. दर्जनों गाड़ियां बह गईं. हजारों लोग इसमें फंस गए. उन्हें धीरे-धीरे करके निकाला गया. आप भी देखिए दुनिया के सबसे सूखे इलाके में आई फ्लैश फ्लड की तबाही...
धरती खतरनाक समय की ओर बढ़ रही है. अब दिन लंबे हो रहे हैं. धरती के अपनी धुरी पर घूमने की गति धीमी हो चुकी है. इसकी पीछे की वजह वैज्ञानिक पता नहीं कर पा रहे हैं. लेकिन जलवायु परिवर्तन, भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट, बर्फ का पिघलना ये सबकुछ दिन का समय बढ़ाने में अपना-अपना योगदान दे रहे हैं. सतर्क हो जाइए... ये स्थिति ठीक नहीं है.
अंडरग्राउंड सिटी, अंडरवॉटर सिटी, अंतरिक्ष टूरिज्म और माइक्रोनेशंस जैसी इंसानों की अनोखी जीवनशैली के बाद इसी सीरीज में आज हम आपको इंसान के एक और ड्रीम लैंड की सैर कराने जा रहे हैं जहां पूरा का पूरा शहर पानी पर तैरता होगा. यानी दुनिया के पहले फ्लोटिंग सिटी के बारे में हम आज आपको बताएंगे. जहां आप भी बस सकेंगे.
Iceland की राजधानी रेकजाविक में फिर से ज्वालामुखी फट पड़ा है. वैज्ञानिकों के मुताबिक इसने धरती के केंद्र से एक नया दरवाजा खोल दिया है. हालांकि, कोविड से बंद आइसलैंड पर्यटन को इस ज्वालामुखी ने फिर से बढ़ा दिया है. यह ज्वालामुखी रेकजाविक के मुख्य एयरपोर्ट से 32 किलोमीटर ही दूर स्थित है.
अंतरिक्ष में आज भारत नई छलांग लगा रहा है. इसरो आज देश का नया स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल यानी रॉकेट लॉन्च करने जा रहा है. खास बात ये कि ये छोटा रॉकेट आज जो दो छोटे सैटेलाइट्स ले जा रहा है उनमें से एक बच्चों ने बनाया है. आजादी सेट नाम का ये सैटेलाइट्स 750 बच्चों ने बनाया है. ये सेटेलाइट्स अंतरिक्ष में तिरंगा फहरा देगा. एसएसएलवी का इस्तेमाल आगे भी छोटे सैटेलाइट्स की लॉन्चिंग के लिए किया जाएगा. यह एक स्मॉल-लिफ्ट लॉन्च व्हीकल है. इसके जरिए 500 किलोग्राम तक के सैटेलाइट्स को निचली कक्षा यानी 500 किलोमीटर से नीचे या फिर 300 किलोग्राम के सैटेलाइट्स को सन सिंक्रोनस ऑर्बिट में भेजा जाएगा. SSLV की लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड एक से की जाएगी.
ISRO Small Satellite Launch Vehicle: भारत के नए रॉकेट की लॉन्चिंग सात अगस्त 2022 सफलतापूर्वक हो गई है. इस रॉकेट के जरिए इसरो दुनिया के छोटे सैटेलाइट्स के बाजार में अपनी धाक जमाना चाहता है. इसके साथ पहली बार दो सैटेलाइट्स गए हैं. इस मिशन में रॉकेट की लॉन्चिंग ही प्रमुख थी. जो सफल रही. लेकिन सैटेलाइट्स से संपर्क टूट गया है. इसरो वैज्ञानिक संपर्क स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आज देश का नया रॉकेट लॉन्च करने जा रहा है SSLV का फुल फॉर्म है स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल. यानी छोटे सैटेलाइट्स की लॉन्चिंग के लिए अब इस रॉकेट का इस्तेमाल किया जाएगा. यह एक स्मॉल-लिफ्ट लॉन्च व्हीकल है. इसके जरिए धरती की निचली कक्षा में 500 किलोग्राम तक के सैटेलाइट्स को निचली कक्षा यानी 500 किलोमीटर से नीचे या फिर 300 किलोग्राम के सैटेलाइट्स को सन सिंक्रोनस ऑर्बिट में भेजा जाएगा.
दक्षिण कोरिया ने पहली बार चंद्रमा के लिए अपना मिशन रवाना कर दिया है. अपने चंद्रयान दनूरी (Danuri Mission) को भेजने के लिए उसने SpaceX के फाल्कन रॉकेट की मदद ली है. इस मिशन का मकसद है भविष्य में इंसान के लिए सही लैंडिंग साइट खोजना, मैग्नेटिक फील्ड, सबसे ठंडे और अंधेरे वाले इलाके की स्टडी करना.
अंतरिक्ष से कचरे का एक बड़ा टुकड़ा ऑस्ट्रेलिया के एक खेत में गिरा. दावा किया जा रहा है कि यह टुकड़ा Elon Musk की स्पेसएक्स कंपनी के किसी रॉकेट या यान का कोई हिस्सा हो सकता है. यह टुकड़ा 10 फीट लंबा त्रिकोण आकार का है.
चीन अब अमेरिका की राह पर चल रहा है. जो स्पेस शटल प्रोग्राम अमेरिका बंद कर चुका है. चीन उसे अपने यहां शुरु कर चुका है. 5 अगस्त 2022 को चीन ने दोबारा उपयोग होने लायक स्पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष में भेजा है. यह धरती के चक्कर लगाकर वापस लौटेगा. इस दौरान उसे कई मानकों पर परखा जाएगा.
James Webb Space Telescope ने अंतरिक्ष में एक इतने खूबसूरत आकाशगंगा की तस्वीर ली है, जो पहिए के आकार का है. हैरानी इस बात की है कि इस गैलेक्सी के हर हिस्से की बारीक जानकारी मिल रही है. इस गैलेक्सी के अंदर एक तारे का निर्माण हो रहा है. जबकि, हबल से ली गई इसी गैलेक्सी की तस्वीर बेहद धुंधली थी.
भारत में भूस्खलन आपदा प्रबंधन की शुरुआत पहली बार नैनीताल में शुरू हुई थी. ये बात है 18 सितंबर 1880 की, जब खतरनाक बारिश के बाद भयानक भूस्खलन हुआ था. इस हादसे में 151 लोगों की मौत हो गई थी. 16 से 18 सिंतबर के बीच 40 घंटे में करीब 838 मिलिमीटर बारिश हुई थी. तब अंग्रेजों ने नैनीताल में शुरू किया था भूस्खलन आपदा प्रबंधन का काम.
ISRO Small Satellite Launch Vehicle: भारत के नए रॉकेट की लॉन्चिंग सात अगस्त 2022 को हो सकती है. इस नए रॉकेट को ISRO ने बनाया है. जब देश में PSLV, GSLV जैसे शानदार रॉकेट्स मौजूद है फिर इस रॉकेट की जरुरत क्यों पड़ी. आइए जानते हैं कि नए रॉकेट से इसरो को किस तरह का फायदा होने वाला है. क्या इससे लॉन्च की लागत कम हो जाएगी?
चीन का एक रॉकेट जो अंतरिक्ष से धरती की ओर अनियंत्रित होकर आ रहा था, वह शनिवार की रात मलेशिया के पास हिंद महासागर में गिर गया. समुद्र में गिरने से पहले उसने आसमान में आतिशबाजी की. चीन का अपने रॉकेटों पर नियंत्रण नहीं रहता. तीन साल में तीसरी बार उसका रॉकेट धरती से टकराया है.
भारतीय वायुसेना के लिए एक लंबी दूरी का ग्लाइड बम बनाया गया है. इसे उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनी अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने बनाया है. इस बम का डिजाइन डीआरडीओ ने किया था. 1000 किलोग्राम के इस बम का पिछले साल सफल परीक्षण भी हुआ था. आइए जानते हैं कि इस बम की ताकत, रेंज और मारक क्षमता.
NASA अपने सौर मंडल के सबसे बड़े तारे यानी सूरज को टेलिस्कोप में बदलने जा रहा है. असंभव लगने वाले इस मिशन का प्लान तैयार है. इससे वह Alien Planets की खोज करेगा. उन्हें देखेगा. आइए जानते हैं इस मिशन के बारे में जो बेहद हैरान करने वाला है.
गहरे समुद्र में दुनिया के अजीबोगरीब जीव पाए जाते हैं. ये जीव देखने में बेहद अजीब हैं. प्रशांत महासागर में समुद्री जीवों की नई प्रजातियों के बारे में पता लगा है, जिनके बारे में वैज्ञानिक अभी तक अनजान थे.