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Sheohar Election Results Live: शिवहर निर्वाचन क्षेत्र में JD(U) को मिली जीत, जानें पूरा रिजल्ट
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शिवहर बिहार राज्य के शियोहर जिले में स्थित एक सामान्य वर्ग की विधानसभा सीट है, जो शियोहर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. इस क्षेत्र में शिवहर, पिपराही, डुमरी कटसरी और पुरनहिया प्रखंड शामिल हैं.
भौगोलिक दृष्टि से, शिवहर बिहार के उत्तरी मैदानी इलाकों में स्थित है और जिले का प्रशासनिक मुख्यालय भी है. यह सीतामढ़ी से लगभग 25 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम, मोतिहारी से 40 किलोमीटर पूर्व और मुजफ्फरपुर से 45 किलोमीटर उत्तर में स्थित है. अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण से देखें तो शिवहर भारत-नेपाल सीमा के नजदीक है, जहां गौर और मलंगवा जैसे नेपाली शहर बैरगनिया और सीतामढ़ी के माध्यम से पहुंच में हैं. राज्य की राजधानी पटना, जो लगभग 103 किलोमीटर दक्षिण में है, मुजफ्फरपुर के रास्ते सड़क मार्ग से जुड़ी हुई है. हालांकि शिवहर में प्रत्यक्ष रेल सेवा नहीं है, लेकिन नजदीकी रेलवे स्टेशन सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर इस कमी की पूर्ति करते हैं.
शिवहर की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है. बागमती और बूढ़ी गंडक नदियों द्वारा सिंचित उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी धान, गेहूं, मक्का और दालों की अच्छी पैदावार देती है. हालांकि कृषि की प्रचुर संभावनाएं हैं, फिर भी यह क्षेत्र औद्योगिक दृष्टि से पिछड़ा हुआ है. 2006 में भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय ने शियोहर को देश के 250 सबसे पिछड़े जिलों में सूचीबद्ध किया था. यहां की वाणिज्यिक गतिविधियां मुख्य रूप से छोटे दुकानों और स्थानीय खुदरा व्यापार तक सीमित हैं. ‘बैकवर्ड रीजन ग्रांट फंड प्रोग्राम’ के तहत भी इस जिले को विशेष सहायता प्राप्त होती है. रोजगार की तलाश में पंजाब, दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में पलायन यहां की एक प्रमुख सामाजिक-आर्थिक विशेषता है.
राजनीतिक दृष्टिकोण से शिवहर का अपना विशिष्ट स्थान है. यह क्षेत्र बिहार के प्रमुख नेताओं में से एक, रघुनाथ झा से जुड़ा रहा है. रघुनाथ झा 1972 से 1995 के बीच छह बार शिवहर से विधायक रहे और बिहार तथा केंद्र सरकारों में मंत्री भी बने. उन्हें 1994 में शिवहर को सीतामढ़ी से अलग कर जिला बनाने में अहम भूमिका निभाने का श्रेय दिया जाता है. उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा कांग्रेस (1972, 1977, 1980), जनता पार्टी (1985) और जनता दल (1990, 1995) से होते हुए पूरी की. उनके छोटे भाई अजीत कुमार झा ने भी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया और 2005 के दोनों चुनावों में राजद प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की, हालांकि 2010 और 2015 में समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ने के बाद उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
पार्टीवार आंकड़ों की बात करें तो, राजद ने इस सीट पर अब तक पांच बार, कांग्रेस ने चार बार, जबकि निर्दलीय प्रत्याशियों ने प्रारंभिक चार चुनावों में से तीन बार जीत दर्ज की है. जनता दल और जद (यू) को दो-दो बार सफलता मिली है, जबकि जनता पार्टी और भारतीय क्रांति दल को एक-एक बार जीत हासिल हुई.
2010 और 2015 में जद (यू) के मोहम्मद शरफुद्दीन ने बेहद कम अंतर से जीत दर्ज की-1631 और 461 वोटों से. लेकिन 2020 के चुनावों में उन्हें राजद के चेतन आनंद से 36,686 मतों के बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा. चेतन आनंद को कुल 73,143 (42.69%) वोट मिले, जबकि शरफुद्दीन को 36,457 (21.28%) वोट प्राप्त हुए. लोजपा के विजय कुमार पांडेय को 18,748 (10.94%) और निर्दलीय राधा कांत गुप्ता को 14,178 (8.28%) वोट मिले. कुल मतदान प्रतिशत 56.52% रहा.
2020 विधानसभा चुनावों में शिवहर में कुल 3,03,118 पंजीकृत मतदाता थे, जिनमें लगभग 9.49% (28,765) अनुसूचित जाति, 0.33% (1,012) अनुसूचित जनजाति और 15% (45,465) मुस्लिम मतदाता थे. 2024 के लोकसभा चुनावों तक मतदाता संख्या बढ़कर 3,14,596 हो गई, हालांकि चुनाव आयोग के अनुसार 2020 की मतदाता सूची में शामिल 4,336 मतदाता इस दौरान क्षेत्र से पलायन कर चुके थे.
2024 के लोकसभा चुनाव में जद (यू) को शिवहर विधानसभा क्षेत्र में 6,329 वोटों की बढ़त मिली, लेकिन पिछली हार और संकीर्ण जीतों को देखते हुए यह पार्टी अब भी पूरी मजबूती से यहां स्थापित नहीं हो पाई है. एनडीए इस बार अपने सहयोगी दलों से प्रत्याशी बदलने का विचार कर सकती है, वहीं राजद चेतन आनंद की बढ़ती लोकप्रियता और परंपरागत वोट बैंक के बल पर इस सीट को बचाने के लिए पूरी ताकत लगाएगी.
इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए शिवहर विधानसभा क्षेत्र 2025 के चुनावों में खासा चर्चित और प्रतिस्पर्धात्मक बन चुका है. एनडीए और महागठबंधन- दोनों ही अपने-अपने दृष्टिकोण से आशान्वित भी हैं और सतर्क भी.
(अजय झा)
Md. Sharfuddin
JD(U)
Vijay Kumar Pandey
LJP
Radha Kant Gupta
IND
Sanjeev Kumar Gupta
BSP
Virendra Pra. Yadav
IND
Nota
NOTA
Mohammed Wamique
JAP(L)
Sanjay Sangharsh Singh
IND
Angesh Kumar
IND
Ranjeev Kumar Jha
PP
Sanjay Prasad
RJSBP
Amrendra Kumar
BVP
Mohamad Mantjir Alam
RSMJP
Nathuni Mahto
AIFB
बिहार विधानसभा चुनाव की गूंज यूपी की सियासी जमीन पर भी सुनाई पड़ रही है. इसकी वजह यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ बिहार में एनडीए को जिताने के लिए मशक्कत कर रहे थे तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने महागठबंधन के लिए पूरी ताकत झोंक दी. ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार का यूपी कनेक्शन क्या है?
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