JD(U)
INC
JSP
IND
IND
IND
Nota
NOTA
BSP
IND
OPP
WAP
BMAP
IND
RSLAP
AJPP
Bihar Election Result 2025 Live: बेनीपुर विधानसभा सीट पर JD(U) को दोबारा मिली जीत
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बेनीपुर विधानसभा क्षेत्र दरभंगा जिले के पूर्वी हिस्से में स्थित है. यह सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित सीट है. इस सीट का गठन 1967 में हुआ था और इसके बाद तीन विधानसभा चुनाव लड़े गए. बाद में इसे समाप्त कर दिया गया, लेकिन 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद इसे पुनः अस्तित्व में लाया गया. इसके बाद से यहां तीन और चुनाव हुए हैं. अब तक कुल छह विधानसभा चुनाव इस क्षेत्र में संपन्न हो चुके हैं. बेनीपुर विधानसभा क्षेत्र में बेनीपुर, बहेरी और बिरौल प्रखंड शामिल हैं। यह सीट दरभंगा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है.
बेनीपुर अर्ध-शहरी इलाका है, जहां छोटे कस्बों और ग्रामीण बस्तियों का मिश्रण देखने को मिलता है. यह क्षेत्र सड़क और रेल मार्ग से उत्तर-मध्य और पूर्वी बिहार के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है. दरभंगा जिला मुख्यालय बेनीपुर से लगभग 30 किमी पश्चिम में स्थित है. मधुबनी 37 किमी उत्तर में, समस्तीपुर 54 किमी दक्षिण में और रोसड़ा 45 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित है. मुजफ्फरपुर (97 किमी उत्तर-पश्चिम), मुंगेर (81 किमी दक्षिण) और पटना (122 किमी दक्षिण-पश्चिम) जैसे बड़े वाणिज्यिक और ऐतिहासिक शहर भी पास में हैं.
यह क्षेत्र उपजाऊ और समतल है, जहां धान, गेहूं, मक्का और दालों की खेती होती है. उद्योग-धंधे का अभाव है और अधिकांश आर्थिक गतिविधियां अनौपचारिक हैं. रोजगार के अवसरों की कमी के कारण यहां के युवा अक्सर दूसरे राज्यों और शहरों में पलायन करते हैं.
2020 विधानसभा चुनाव में बेनीपुर सीट पर कुल 2,89,224 पंजीकृत मतदाता थे. इनमें 44,078 (15.24%) अनुसूचित जाति और 39,623 (13.70%) मुस्लिम मतदाता शामिल थे. यादव मतदाताओं की संख्या 34,706 (12%) थी. हालांकि ब्राह्मण मतदाताओं की सटीक संख्या उपलब्ध नहीं है, लेकिन यह सीट ब्राह्मण बहुल है. यही कारण है कि अब तक यहां से चुने गए सभी पांच विधायक ब्राह्मण समुदाय से रहे हैं. 2024 लोकसभा चुनाव तक पंजीकृत मतदाताओं की संख्या बढ़कर 3,01,342 हो गई. मतदान प्रतिशत सामान्यतः 55-60% के बीच रहा है.
2015 से यह सीट जेडीयू के कब्जे में है. 2015 में सुनील चौधरी ने बीजेपी के गोपाल जी ठाकुर को 26,443 वोटों से हराया था. 2020 में जेडीयू के बिनय कुमार चौधरी ने कांग्रेस प्रत्याशी मिथिलेश कुमार चौधरी को 6,590 वोटों से पराजित किया. इस बार कम अंतर से जीतने की एक बड़ी वजह लोजपा प्रत्याशी का मैदान में होना था, जिसने 17,616 वोट (10.08%) हासिल किए. 2010 में यह सीट बीजेपी के गोपाल जी ठाकुर ने राजद के हरे कृष्ण यादव को हराकर जीती थी.
संसदीय चुनावों में बेनीपुर से बीजेपी का दबदबा कायम रहा है. 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को यहां से 30,342 वोटों की बढ़त मिली, हालांकि यह 2019 की तुलना में कम रही. जेडीयू के पास वर्तमान में सीट है, जबकि बीजेपी संसदीय क्षेत्र में मजबूत है. एनडीए गठबंधन को 2025 के चुनाव में बेनीपुर सीट को लेकर कोई बड़ी चुनौती दिखती नहीं है, खासकर तब जब लोजपा फिर से एनडीए में शामिल हो चुकी है. हालांकि संभावना है कि इस बार बीजेपी खुद इस सीट पर दावा कर सकती है. दूसरी ओर, राजद-गठबंधन को यहां पारंपरिक मुस्लिम-यादव (MY) समीकरण से आगे बढ़कर रणनीति बनानी होगी, क्योंकि इनका संयुक्त मत प्रतिशत केवल 25.70% है, जो एनडीए को चुनौती देने के लिए पर्याप्त नहीं माना जा रहा.
(अजय झा)
Mithilesh Kumar Choudhary
INC
Kamal Ram Vinod Jha
LJP
Ram Kumar Jha
IND
Rajeev Kumar
RLSP
Nota
NOTA
Sanjeet Kumar
IND
Saguni Ray
IND
Nathuni Ram
WAP
Rajesh Kumar Mishra
JAP(L)
Ranjeet Kumar Jha
IND
Manoj Kumar
IND
Sanjeev Jha
SHS
Mithlesh Yadav
IND
Md. Qamrul Hoda
IND
बिहार विधानसभा चुनाव की गूंज यूपी की सियासी जमीन पर भी सुनाई पड़ रही है. इसकी वजह यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ बिहार में एनडीए को जिताने के लिए मशक्कत कर रहे थे तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने महागठबंधन के लिए पूरी ताकत झोंक दी. ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार का यूपी कनेक्शन क्या है?
इंडिया टुडे ने चुनाव आयोग के डेटा की गहराई से जांच की और पाया कि SIR और चुनाव नतीजों के बीच कोई सीधा या समझ में आने वाला पैटर्न दिखता ही नहीं. हर बार जब एक ट्रेंड बनता लगता है, तुरंत ही एक दूसरा आंकड़ा उसे तोड़ देता है. बिहार चुनाव में NDA ने 83% सीटें जीतीं, पर SIR से जुड़े नतीजे अलग कहानी कहते हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में एक दिलचस्प पैटर्न सामने आया है. जहां सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से जीती गई पांचों सीटें NDA के खाते में गईं, वहीं बेहद कम मार्जिन वाली सीटों पर अलग-अलग दलों की जीत दर्ज हुई. चुनावी आंकड़े बताते हैं कि भारी अंतर वाली सीटों पर NDA का दबदबा स्पष्ट दिखा जबकि कम अंतर वाली सीटों पर मुकाबला बेहद करीबी रहा.
jamui result shreyasi singh: जमुई विधानसभा सीट से दूसरी बार श्रेयसी ने राजद के मोहम्मद शमसाद आलम को 54 हजार वोटों से हराकर जीत हासिल की हैं.
बिहार चुनाव में महागठबंधन का प्रदर्शन बुरी तरह फ्लॉप रहा और RJD-कांग्रेस गठबंधन सिर्फ 35 सीटों पर सिमट गया. इसकी बड़ी वजहें थीं- साथी दलों के बीच लगातार झगड़ा और भरोसे की कमी, तेजस्वी को सीएम चेहरा बनाने का विवादास्पद फैसला, राहुल-तेजस्वी की कमजोर ट्यूनिंग और गांधी परिवार का फीका कैंपेन.
बिहार चुनाव 2025 में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद महागठबंधन बुरी तरह पिछड़ गया और आरजेडी अपने इतिहास की बड़ी हारों में से एक झेल रही है. इससे तेजस्वी यादव के नेतृत्व, रणनीति और संगठन पर गंभीर सवाल उठे हैं.
बिहार चुनाव के नतीजों ने साबित कर दिया कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की 'वोटर अधिकार यात्रा' राजनीतिक तौर पर कोई असर नहीं छोड़ पाई. जिस-जिस रूट से यह यात्रा गुज़री, वहां महागठबंधन लगभग साफ हो गया और एनडीए ने भारी जीत दर्ज की. कांग्रेस का दावा था कि यात्रा वोट चोरी के खिलाफ थी, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह महागठबंधन की चुनावी जमीन मजबूत करने की कोशिश थी, जो पूरी तरह असफल रही.
बिहार चुनाव में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन पर पार्टी के भीतर निराशा है. शशि थरूर ने 'गंभीर आत्मनिरीक्षण' की मांग की, जबकि अन्य नेताओं ने हार का कारण संगठन की कमजोरी, गलत टिकट वितरण और जमीनी हकीकत से कटे कुछ नेताओं को बताया.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सीमांचल क्षेत्र की पांच सीटों पर AIMIM ने अपनी मजबूत उपस्थिति को जारी रखा है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बहादुरगंज, कोचा धामन, अमौर और बाबसी जैसी महत्वपूर्ण सीटों पर जनता ने AIMIM को दोबारा जीत दी है. अमौर सीट पर पार्टी के एकमात्र विधायक अख्तरुल इमान ने सफलता पाई जो जनता के भरोसे और पार्टी संगठन की कड़ी मेहनत का परिणाम है.
बिहार चुनाव में एनडीए की शानदार जीत पर चिराग पासवान ने अपने विचार साझा किए. उन्होंने बताया कि बिहार के लोगों ने सही समय पर सही फैसला लिया, और डबल इंजन सरकार ने विकास की राह को मजबूत किया. उन्होंने चुनावी रणनीति, गठबंधन की भूमिका और राजनीतिक चुनौतियों पर भी खुलकर बात की.