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Mokama Chunav Results Live: मोकामा निर्वाचन क्षेत्र का रिजल्ट घोषित, Anant Kumar Singh ने 28206 वोटों के अंतर से दर्ज की जीत
Mokama Election Results 2025 Live: मोकामा विधानसभा सीट पर JD(U) ने फहराया परचम, जानें प्रत्याशी Anant Kumar Singh को मिली कितनी बड़ी जीत
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मोकामा, बिहार के पटना जिले के बाढ़ अनुमंडल के अंतर्गत एक प्रखंड है, जिसे पारंपरिक रूप से उत्तर बिहार का प्रवेश द्वार माना जाता रहा है. इसका कारण है "राजेंद्र सेतु", एक रेल सह सड़क पुल, जो मोकामा को उत्तर बिहार से जोड़ता है. 1959 से लेकर 1982 तक यह एकमात्र पुल था, जब तक कि पटना को हाजीपुर से जोड़ने वाला "गांधी सेतु" नहीं बना. हाल ही में निर्मित जेपी सेतु (दिघा, पटना को सारण जिले के सोनपुर से जोड़ता है) ने राजेंद्र सेतु का भार कम किया है, जिससे मोकामा की भौगोलिक महत्ता में कुछ कमी आई है.
गंगा के दक्षिणी तट पर स्थित यह शहर पटना से लगभग 85 किमी दूर है. इसके समीपवर्ती शहरों में बाढ़ (25 किमी), बरौनी (19 किमी) और बेगूसराय (30 किमी) शामिल हैं. मोकामा विधानसभा क्षेत्र मुंगेर लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है, जो यहां से लगभग 55 किमी दूर है.
भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में मोकामा का एक विशेष स्थान है. प्रसिद्ध क्रांतिकारी प्रफुल्ल चाकी, जो खुदीराम बोस के सहयोगी थे, 1908 में ब्रिटिश मजिस्ट्रेट डगलस किंग्सफोर्ड की हत्या के असफल प्रयास के बाद मोकामा घाट रेलवे स्टेशन पर आत्महत्या कर शहीद हो गए थे. उनकी स्मृति में शहर में "शहीद गेट" निर्मित है. महात्मा गांधी की 1942 की यात्रा ने भी स्थानीय स्वतंत्रता संग्राम को नई प्रेरणा दी.
कभी बिहार के शुरुआती औद्योगिक केंद्रों में गिना जाने वाला मोकामा आज भी भारत का दूसरा सबसे बड़ा मसूर उत्पादक क्षेत्र है. यहां की कई लघु उद्योग इकाइयां स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान करती हैं.
1951 में गठित मोकामा विधानसभा क्षेत्र में घोसवरी और मोकामा ब्लॉक के साथ-साथ पंडारक ब्लॉक के 11 ग्राम पंचायत शामिल हैं. इस क्षेत्र की राजनीति 1990 के दशक से बाहुबलियों के प्रभाव में रही है. इसकी शुरुआत हुई कुख्यात अपराधी दिलीप कुमार सिंह उर्फ 'बड़े सरकार' से, जो 1990 और 1995 में जनता दल से विधायक बने और 1995 से 2020 तक मंत्री भी रहे, जब लालू प्रसाद यादव और बाद में उनकी पत्नी राबड़ी देवी मुख्यमंत्री थीं. उन्हें 2000 में निर्दलीय प्रत्याशी सूरजभान सिंह ने हराया. 2005 से अनंत कुमार सिंह उर्फ 'छोटे सरकार' का वर्चस्व रहा, जिन्होंने लगातार पांच बार जीत हासिल की, तीन बार जदयू, एक बार निर्दलीय और एक बार राजद उम्मीदवार के रूप में. उन्होंने 2020 का चुनाव जेल में रहते हुए भी जीता, हालांकि अवैध AK-47 रखने के मामले में अयोग्य घोषित होने पर 2022 का उपचुनाव उनकी पत्नी नीलम देवी (राजद) ने जीता.
हाल ही में AK-47 मामले में बरी होने के बाद अनंत सिंह फिर से जदयू के करीब आ गए हैं. 2025 में उनके फिर से चुनाव लड़ने की संभावना मजबूत दिख रही है. यहां तक कि भाजपा भी उनके प्रभाव को देखते हुए खुलकर उनके खिलाफ जाने से बच सकती है.
मोकामा के मतदाता 2020 में 2,75,028 से बढ़कर 2024 में 2,90,513 हो गए. 2020 में अनुसूचित जातियों की संख्या 16.7% और मुस्लिम समुदाय 2.3% था. अनंत सिंह का मुख्य वोट आधार राजपूत समुदाय (लगभग 14.3%) है, जबकि यादव मतदाता लगभग 24% हैं. 2020 में मतदान प्रतिशत 54.07% रहा. अनंत सिंह ने उस वर्ष 35,757 मतों से जीत दर्ज की थी, जबकि 2022 में उनकी पत्नी की जीत का अंतर घटकर 16,741 रह गया. 2024 के लोकसभा चुनावों में जदयू की जीत के बावजूद मोकामा में राजद ने 1,079 वोटों की बढ़त हासिल की.
अब जबकि 2025 के विधानसभा चुनाव करीब हैं, मोकामा के सामने एक बार फिर वही पुराना सवाल खड़ा है, क्या मतदाता पिछले 35 वर्षों की तरह इस बार भी भय की छाया में मतदान करेंगे, या कोई नई शुरुआत करेंगे?
(अजय झा)
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जेल में बंद रहने के बावजूद मोकामा पर अनंत सिंह का बाहुबल कैसे कायम है? जानिए उनकी राजनीति, जातिगत पकड़, संगठनात्मक नेटवर्क के सामने सूरजभान गुट की चुनौती कैसे पीछे रह गई.
मोकामा सीट से जेडीयू के उम्मीदवार अनंत सिंह ने शानदार जीत दर्ज की है, जिसके बाद उनके आवास पर जो खुशियों का माहौल है उसे देखकर समझा जा सकता है कि यह जश्न कितनी धूमधाम से मनाया जा रहा है. पिछले दो दिन से मिठाइयां बन रही थीं और समर्थकों के बीच यह विश्वास था कि अनंत सिंह की जीत निश्चित होगी. जीत की घोषणा के बाद उनके समर्थक दावतों और आतिशबाजी के साथ जश्न मना रहे हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के शुरुआती रुझानों में एनडीए को बढ़त मिली है. मोकामा सीट पर जेल में बंद जेडीयू नेता अनंत सिंह आगे चल रहे हैं. रुझान आते ही पटना स्थित उनके आवास पर जश्न का माहौल बन गया.
मोकामा विधानसभा सीट पर जेडीयू के अनंत सिंह बड़ी बढ़त बनाए हुए हैं. उनके और राजद उम्मीदवार सूरजभान सिंह के बीच सियासी टकराव काफी तेज है. यह सीट भूमिहार बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है जहां बाहुबली नेताओं की भूमिका चुनाव को और संग्रामपूर्ण बनाती है.
बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम आने वाले हैं, मोकामा में जदयू के अनंत सिंह और राजद की वीणा सिंह के बीच बाहुबली जंग छिड़ी हुई है। अनंत सिंह की जीत के लिए उनके आवास पर 50 हजार लोगों के लिए महाभोज की तैयारी चल रही है.
बिहार चुनाव के लिए मतगणना की घड़ी करीब आते ही उम्मीदवारों और दलों के खेमे में जश्न की तैयारियां भी तेज हो गई हैं. मोकाना से जेडीयू उम्मीदवार अनंत सिंह के आवास पर डेढ़ लाख लोगों की क्षमता वाले पंडाल लगाए गए हैं. भोज की भी तैयारी है.
बिहार चुनाव के बीच तेज प्रताप यादव को केंद्र सरकार की तरफ से Y+ कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है. ऐन चुनाव के बीच मिली ये सुरक्षा राजनीतिक चर्चा की वजह बन गई है. क्या वास्तव में तेज प्रताप यादव के सामने कोई खतरा मंडरा रहा है, या कोई नया राजनीतिक समीकरण तैयार हो रहा है?
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में रिकॉर्ड मतदान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. इस बंपर वोटिंग के अपने-अपने मायने निकालते हुए सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों ही अपनी जीत के दावे कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने अपने एक वायरल वीडियो पर सफाई देते हुए कहा, 'मैंने ये कहा कि वो दबंग नेता गरीबों को बूथ पर जाने से रोकते हैं, चुनाव के दिन अगर वो ऐसा करें तो उनको घर में रोक दीजिए.'
जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने शिवहर में बातचीत के दौरान कहा कि बिहार चुनाव में कोई माहौल नहीं है, जैसा 2010 में लहर थी, वही आज भी है. उन्होंने दावा किया कि एनडीए उम्मीदवार विजय सिन्हा लखीसराय से जीतेंगे और वहां का विधानसभा क्षेत्र एनडीए समर्थक है. ललन सिंह ने यह भी कहा कि चुनाव परिणाम आने पर सारे आकलन फैल हो जाएंगे और एनडीए भारी जीत दर्ज करेगा. उन्होंने वायरल वीडियो विवाद पर सफाई दी कि उनके बयान को काटकर चलाया गया, जबकि असली वीडियो में उन्होंने गरीबों को मतदान केंद्र तक पहुंचाने की बात कही थी.
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 121 सीटों पर मतदान हुआ, जिसमें मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. इस चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की प्रतिष्ठा दांव पर है, वहीं मोकामा जैसी हॉट सीट पर बाहुबलियों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने आज तक से बातचीत में कहा, 'नीतीश कुमार जी ही मुख्यमंत्री होंगे'.