अस्थावां, बिहार के नालंदा जिले का एक प्रखंड है, जो जिला मुख्यालय बिहारशरीफ से लगभग 11 किलोमीटर पूर्व में स्थित है. ऐतिहासिक नालंदा नगर भी अस्थावां से 11 किलोमीटर पूर्व, पावापुरी 20 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व और राजगीर लगभग 35 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित हैं. राज्य की राजधानी पटना यहां से लगभग 90 किलोमीटर दूर है. अस्थावां के निकट से फल्गु नदी बहती है और इसका समतल भू-भाग कृषि के लिए अत्यंत उपयुक्त है, जो यहां की मुख्य आजीविका है.
अस्थावां का इतिहास सदियों पुराना है और यह कभी मगध साम्राज्य का हिस्सा रहा है. यह क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से आसपास के गांवों के लिए स्थानीय व्यापार केंद्र के रूप में कार्य करता रहा है. नालंदा महाविहार (विश्वविद्यालय) की नजदीकी का प्रभाव अस्थावां की संस्कृति और जीवनशैली पर भी पड़ा है. हालांकि, अस्थावां के नामकरण और इतिहास से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं.
अस्थावां विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1951 में हुई थी और यह नालंदा लोकसभा सीट के सात विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. इसमें अस्थावां, बिंद और सरमेरा प्रखंड शामिल हैं, जबकि बरबीघा प्रखंड का कुछ भाग भी इसमें आता है.
यह क्षेत्र अब तक 18 चुनाव देख चुका है, जिसमें वर्ष 2001 का उपचुनाव भी शामिल है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जो नालंदा जिले से ही आते हैं, का राजनीतिक प्रभाव अस्थावां पर स्पष्ट रूप से दिखाई देता है. 2001 के बाद से उनकी पार्टी यहां कभी नहीं हारी है समता पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) ने इस सीट पर लगातार छह बार जीत दर्ज की है. दिलचस्प बात यह है कि 1985 से 2000 तक लगातार चार बार और कुल पांच बार निर्दलीय उम्मीदवारों ने यहां जीत हासिल की थी. लेकिन जैसे ही नीतीश कुमार 2000 में पहली बार मुख्यमंत्री बने, अस्थावां का समर्थन स्थायी रूप से उनके साथ हो गया.
अब तक यहां कांग्रेस ने चार बार, जनता पार्टी ने दो बार, और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी ने एक बार जीत दर्ज की है. लेकिन राज्य की दो बड़ी पार्टियां- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद)- आज तक अस्थावां में कोई प्रभाव नहीं बना सकी हैं.
अस्थावां पूरी तरह से ग्रामीण क्षेत्र है, जिसमें कोई शहरी मतदाता नहीं हैं. 2020 में यहां कुल 2,91,267 पंजीकृत मतदाता थे, जो 2024 के लोकसभा चुनावों में बढ़कर 3,03,479 हो गए. यहां अनुसूचित जाति की आबादी कुल मतदाताओं का 25.19 प्रतिशत है, जबकि मुस्लिम मतदाता लगभग 5.1 प्रतिशत हैं.
2005 से चुनावी राजनीति में सक्रिय जद(यू) के जितेन्द्र कुमार अब तक अस्थावां से पांच बार जीत चुके हैं. उनके पिता अयोध्या प्रसाद ने भी 1972 और 1980 में कांग्रेस के टिकट पर इस सीट से जीत दर्ज की थी. 2020 के विधानसभा चुनाव में जितेन्द्र कुमार ने राजद के अनिल कुमार को 11,600 वोटों से हराया. 2015 में उन्होंने लोजपा के छोटेलाल यादव को 10,444 वोटों से और 2010 में लोजपा के कपिलदेव प्रसाद सिंह को 19,570 वोटों से हराया. 2005 में उनकी जीत का अंतर 15,486 था. स्थानीयता, राजनीतिक विरासत और नीतीश कुमार के प्रति निष्ठा- ये तीन प्रमुख कारण हैं जिनकी वजह से उन्हें लगातार समर्थन मिलता रहा है.
2024 के लोकसभा चुनाव में जद(यू) को अस्थावां खंड में 29,454 वोटों की बढ़त मिली, जो पार्टी की पकड़ को और मजबूत करता है. हालांकि जद(यू) की एकतरफा जीतों ने अस्थावां को एक मजबूत गढ़ बना दिया है, लेकिन इसके चलते मतदान प्रतिशत 50% से नीचे बना हुआ है.
2020 में मतदान 49.51%, 2019 के लोकसभा चुनाव में 45.69% और 2015 में 49.24% रहा. इसकी एक प्रमुख वजह मतदाताओं में यह धारणा हो सकती है कि उनका वोट कोई फर्क नहीं डालेगा क्योंकि जद(यू) की जीत तय है. यही उदासीनता राजद नेतृत्व वाले महागठबंधन के लिए एक अवसर हो सकती है. अगर मतदान प्रतिशत बढ़ाया जाए, तो जद(यू) की चुनौती आसान नहीं रहेगी.
(अजय झा)
BSP
JSP
RJD
JD(U)
SUCI
ASP(K)
IND
Nota
NOTA
Anil Kumar
RJD
Ramesh Kumar
LJP
Bipin Kumar
IND
Gauri Kumar
IND
Ajeet Kumar
IND
Uday Shankar Kumar
IND
Sushil Prasad
JD(S)
Chandra Mauli Prasad
IND
Punam Kumari
PP
Anil Kumar
BMF
Balmukund Paswan
IND
Nota
NOTA
Raghunath Ram
RJWP(S)
Ganauri Mochi
BMP
Deoki Paswan
BRD
Rajeev Ranjan
BSLP
Sachindra Kumar
BP(L)
Sujay Kumar
RSMJP
Vinita Kumari
SHS
बेगूसराय में राजद जिलाध्यक्ष मोहित यादव पर फेसबुक लाइव में डीएम पर लूट और मतगणना में धांधली के आरोप लगाने के बाद एफआईआर दर्ज हुई है. उन्होंने वीडियो में हजारों समर्थकों से मतगणना केंद्र पहुंचने की अपील की थी. सीओ रवि शंकर के आवेदन पर साइबर थाने में आईटी एक्ट और आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे कल आने वाले हैं लेकिन उससे पहले सियासत गरमा गई है. RJD और महागठबंधन ने आरोप लगाया है कि अगर काउंटिंग रुकी तो हालात नेपाल जैसे हो जाएंगे. वहीं लगातार काउंटिंग में धांधली की आशंका जताई जा रही है. NDA ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि यह हार की खीज है.
Bihar Election Result News LIVE Updates: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों की मतगणना शुक्रवार, 14 नवंबर को सुबह 8 बजे से शुरू होगी. इस बार दो चरणों में मतदान हुआ था. 243 सीटों वाले विधानसभा चुनाव में बहुमत के लिए 122 सीटों की जरूरत है. प्रशासन ने सभी जिलों में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए हैं.
बिहार विधानसभा चुनावों के एग्जिट पोल बताते हैं कि चिराग पासवान से जिस तरह की सफलता की उम्मीद थी वो दिखाई नहीं दे रही है. चुनावों के पहले तक खुद को मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की तरह प्रोजेक्ट कर रहे चिराग कहीं फंस तो नहीं गए हैं?
आरजेडी एलएलसी सुनील सिंह ने मतगणना को लेकर विवादित और भड़काऊ बयान दिया है. इसको लेकर बिहार डीजीपी विनय कुमार के आदेश पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. वहीं आरजेडी ने बचाव करते हुए कहा है कि बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है.
बिहार एग्जिट पोल पर बात करते हुए कांग्रेस नेता राजेश ठाकुर ने बड़ा दावा कर दिया. उन्होनें कहा कि महागठबंधन सरकार बनाने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है और तेजस्वी यादव राज्य के अगले मुख्यमंत्री बनने वाले हैं.
बिहार एग्जिट पोल पर कांग्रेस नेता राजेश ठाकुर ने गुस्सा जताया है. उन्होनें कहा 'चुनाव परिणामों को लेकर कई दबाव और मजबूरियां होती हैं, जिससे एक्जिट पोल में बढ़त दिखाना जरूरी हो जाता है. हालांकि हजारों से कम सैंपल के आधार पर निर्णय लेना उचित नहीं है. कई सर्वे ऐसे भी हैं जो महागठबंधन की बढ़त को दर्शाते हैं.'
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महिला वोटर्स की बढ़ती भागीदारी ने चुनावी परिदृश्य को बदल दिया है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं का मतदान प्रतिशत 71.78% है जो पुरुषों के 62.98% से 9 प्रतिशत अधिक है. कई जिलों में महिलाओं ने पुरुषों से 14 प्रतिशत से अधिक मतदान किया है, जिसमें सुपौल, किशनगंज और मधुबनी प्रमुख हैं.
जेडीयू नेता नीरज कुमार ने मतगणना कीतारीख पर बयान दिया है. उन्होनें सभी राजनीतिक दलों के अभिकर्ताओं से अपील की है कि वे समय पर पहुंचें ताकि प्रक्रिया सुचारू रूप से हो सके. बिहार के घटक दलों के उम्मीदवारों ने संगठनिक तैयारी पूरी कर ली है ताकि मतगणना समय पर हो और यह बिहार के विकास में सहायक साबित हो.
बिहार विधानसभा चुनाव के रिजल्ट से पहले दोनो सभी दल अपनी जीत का दावा ठोक रहे है. ऐसे में बीजेपी नेता तरुण चुघ ने एनडीए की विनिंग रेशियो पर बात की है. चुघ ने कहा कि दो बटा तीन बहुमत से NDA की वापसी निश्चित है. इस बहुमत से जंगल राज, दादागिरी राज और माफिया राज का अंत होगा.