HAM(S)
RJD
Nota
NOTA
JSP
BSP
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IND
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VVIP
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SCP(I)
Bihar Election Result 2025 Live: बाराचट्टी (एससी) विधानसभा सीट पर HAM(S) को दोबारा मिली जीत
Barachatti (SC) Chunav Results Live: बाराचट्टी (एससी) सीट पर HAM(S) का वर्चस्व, 8587 वोटों के विशाल अंतर से RJD को पछाड़ा
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Bihar Assembly Election Results 2025 Live: दिग्गज कैंडिडेट्स के क्या हैं हाल?
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बाराचट्टी, बिहार के ऐतिहासिक मगध क्षेत्र गया जिले का एक प्रखंड है जो अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित विधानसभा क्षेत्र है. जिला मुख्यालय से लगभग 45 किमी दक्षिण और राज्य की राजधानी पटना से करीब 150 किमी दूर स्थित यह इलाका ग्रैंड ट्रंक रोड के कारण ठीक‑ठाक सड़क कनेक्टिविटी रखता है. झारखंड सीमा से मात्र 25किमी की दूरी पर है. छोटा नागपुर पठार और गंगीय मैदान के संधि‑क्षेत्र में पड़ने वाली इसकी कठोर, पथरीली भूमि लैटराइट मिट्टी से ढकी है, जो केवल मोटे अनाज के लिए उपयुक्त मानी जाती है. लोक‑कथाओं में इन चट्टानी पहाड़ियों को “भीम का खेल‑मैदान” कहा जाता है, परन्तु इसका कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं मिलता.
बाराचट्टी प्रखंड के 155 गांवों में से 90 गांवों की आबादी 1,000 से कम है. 2011 की जनगणना के अनुसार 296 वर्ग‑किमी में फैले इस क्षेत्र की आबादी 1,42,534 थी और जनघनत्व मह 481 व्यक्ति प्रति वर्ग‑किमी है. कुल 22,173 घरों में रहने वालों का लैंगिक अनुपात 1,000 पुरुषों पर 967 महिलाएं रहा, जो अत्यधिक असंतुलन नहीं दर्शाता है.
लैंगिक अनुपात भले ही तुलनात्मक रूप से बेहतर हो, पर साक्षरता में खाई गहरी है, पुरुष साक्षरता 55.06% जबकि महिला साक्षरता सिर्फ 39.75 % है कुल मिलाकर क्षेत्र का औसत साक्षरता दर 47.53% ही है, यानी आधे से अधिक लोग निरक्षर हैं.
बाराचट्टी की मतदाता संरचना में अनुसूचित जातियों की हिस्सेदारी 35.88% है, फिर भी विकास की रोशनी यहां तक कम पहुंची. बदहाली के चलते अनेक परिवारों के लिए शिक्षा प्राथमिकता नहीं, बच्चों को काम पर लगाकर रोजमर्रा की आमदनी जुटाना ज्यादा जरूरी होता है.
SC आबादी में लगभग 55‑60 % ‘चमार’ (पारंपरिक रूप से चमड़े का काम), 30‑35 % ‘दुसाध’ (दिहाड़ी मजदूर/सीमांत किसान) और 5‑8 % ‘मुसहर’ हैं, जिन्हें समाज का सबसे वंचित वर्ग माना जाता है. ‘मुसहर’ नाम ही उनकी दुर्दशा बयां करता है- ‘मूस’ यानी चूहा, ‘हार’ यानी खाने वाला. कभी‑कभी चूहे पकड़ना ही उनका एकमात्र सहारा होता था.
कोविड‑19 दौरान में शुरू हुई केंद्र सरकार की मुफ्त राशन योजना ने मुसहर समुदाय में भाजपा के प्रति सकारात्मकता बढ़ाई है. पहली बार वे प्रतिदिन दो बार भरपेट भोजन जुटा पा रहे हैं. माना जा रहा है कि 2025 के विधानसभा चुनावों में यह समुदाय निर्णायक भूमिका निभा सकता है.
1957 में अलग विधानसभा क्षेत्र बनने के बाद से बराचट्टी में 1996, 2003 के उपचुनाव सहित 18 चुनाव हो चुके हैं. कांग्रेस और राजद ने चार‑चार बार जीत दर्ज की, समाजवादी धारा की तीन अलग‑अलग पार्टियां एक‑एक बार, जनता दल और जद‑यू दो‑दो बार, जबकि जनता पार्टी, इंडियन पीपुल्स फ्रंट और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) एक‑एक बार विजयी रहे.
2020 का चुनाव रोचक रहा जिसमें शीर्ष चारों प्रत्याशी महिलाएं थीं. ‘हम’ की ज्योति देवी ने राजद की संमता देवी को 6,318 वोटों से हराया. दलित महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में यह शायद अब तक की सबसे प्रतीकात्मक पहल थी. 2024 के लोकसभा चुनाव में ‘हम’ प्रमुख जीतन राम मांझी गया सीट से जीते और बराचट्टी सहित सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में NDA आगे रहा, जिससे अक्टूबर‑नवंबर 2025 के चुनावों में गठबंधन को बढ़त मिलती दिख रही है.
2011 की जनगणना अनुसार 35.88% SC और लगभग 11% मुस्लिम मतदाता हैं. सम्पूर्ण क्षेत्र ग्रामीण है, कोई शहरी मतदाता नहीं. 2020 में पंजीकृत मतदाता 3,04,389 थे, जो 2024 में बढ़कर 3,15,036 हो गए. गरीबी और कम साक्षरता के बावजूद 2020 में मतदान प्रतिशत 60.80% रहा, जो नागरिक जागरूकता की उम्मीद जगाता है.
(अजय झा)
Samata Devi
RJD
Renuka Devi
LJP
Rita Devi
BSP
Arjun Bhuiyan
IND
Punia Devi
RSJP
Nota
NOTA
Bal Kunwar Manjhi
JAP(L)
Shivcharan Manjhi
IND
Parmeshwar Paswan
BMP
Shiv Shankar Kumar
PPI(D)
Parshuram Manjhi
AKP
Ram Bhajan Manav
SSD
Rekha Devi
JMBP
बिहार विधानसभा चुनाव की गूंज यूपी की सियासी जमीन पर भी सुनाई पड़ रही है. इसकी वजह यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ बिहार में एनडीए को जिताने के लिए मशक्कत कर रहे थे तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने महागठबंधन के लिए पूरी ताकत झोंक दी. ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार का यूपी कनेक्शन क्या है?
इंडिया टुडे ने चुनाव आयोग के डेटा की गहराई से जांच की और पाया कि SIR और चुनाव नतीजों के बीच कोई सीधा या समझ में आने वाला पैटर्न दिखता ही नहीं. हर बार जब एक ट्रेंड बनता लगता है, तुरंत ही एक दूसरा आंकड़ा उसे तोड़ देता है. बिहार चुनाव में NDA ने 83% सीटें जीतीं, पर SIR से जुड़े नतीजे अलग कहानी कहते हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में एक दिलचस्प पैटर्न सामने आया है. जहां सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से जीती गई पांचों सीटें NDA के खाते में गईं, वहीं बेहद कम मार्जिन वाली सीटों पर अलग-अलग दलों की जीत दर्ज हुई. चुनावी आंकड़े बताते हैं कि भारी अंतर वाली सीटों पर NDA का दबदबा स्पष्ट दिखा जबकि कम अंतर वाली सीटों पर मुकाबला बेहद करीबी रहा.
jamui result shreyasi singh: जमुई विधानसभा सीट से दूसरी बार श्रेयसी ने राजद के मोहम्मद शमसाद आलम को 54 हजार वोटों से हराकर जीत हासिल की हैं.
बिहार चुनाव में महागठबंधन का प्रदर्शन बुरी तरह फ्लॉप रहा और RJD-कांग्रेस गठबंधन सिर्फ 35 सीटों पर सिमट गया. इसकी बड़ी वजहें थीं- साथी दलों के बीच लगातार झगड़ा और भरोसे की कमी, तेजस्वी को सीएम चेहरा बनाने का विवादास्पद फैसला, राहुल-तेजस्वी की कमजोर ट्यूनिंग और गांधी परिवार का फीका कैंपेन.
बिहार चुनाव 2025 में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद महागठबंधन बुरी तरह पिछड़ गया और आरजेडी अपने इतिहास की बड़ी हारों में से एक झेल रही है. इससे तेजस्वी यादव के नेतृत्व, रणनीति और संगठन पर गंभीर सवाल उठे हैं.
बिहार चुनाव के नतीजों ने साबित कर दिया कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की 'वोटर अधिकार यात्रा' राजनीतिक तौर पर कोई असर नहीं छोड़ पाई. जिस-जिस रूट से यह यात्रा गुज़री, वहां महागठबंधन लगभग साफ हो गया और एनडीए ने भारी जीत दर्ज की. कांग्रेस का दावा था कि यात्रा वोट चोरी के खिलाफ थी, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह महागठबंधन की चुनावी जमीन मजबूत करने की कोशिश थी, जो पूरी तरह असफल रही.
बिहार चुनाव में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन पर पार्टी के भीतर निराशा है. शशि थरूर ने 'गंभीर आत्मनिरीक्षण' की मांग की, जबकि अन्य नेताओं ने हार का कारण संगठन की कमजोरी, गलत टिकट वितरण और जमीनी हकीकत से कटे कुछ नेताओं को बताया.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सीमांचल क्षेत्र की पांच सीटों पर AIMIM ने अपनी मजबूत उपस्थिति को जारी रखा है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बहादुरगंज, कोचा धामन, अमौर और बाबसी जैसी महत्वपूर्ण सीटों पर जनता ने AIMIM को दोबारा जीत दी है. अमौर सीट पर पार्टी के एकमात्र विधायक अख्तरुल इमान ने सफलता पाई जो जनता के भरोसे और पार्टी संगठन की कड़ी मेहनत का परिणाम है.
बिहार चुनाव में एनडीए की शानदार जीत पर चिराग पासवान ने अपने विचार साझा किए. उन्होंने बताया कि बिहार के लोगों ने सही समय पर सही फैसला लिया, और डबल इंजन सरकार ने विकास की राह को मजबूत किया. उन्होंने चुनावी रणनीति, गठबंधन की भूमिका और राजनीतिक चुनौतियों पर भी खुलकर बात की.