ये दोनों ही ग्रह फिलहाल मकर राशि में विराजमान हैं. कुंडली में अगर दोनों ग्रहों की स्थिति बिगड़ हो जाए तो इंसान के रिश्तों पर बड़ा बुरा असर पड़ सकता है.
बृहस्पतिवार के दिन भगवान बृहस्पति की पूजा की जाती है. बृहस्पति देवता को धन, बुद्धि और शिक्षा का देवता माना जाता है. बृहस्पति देव की पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती है और परिवार में सुख-शांति रहती है. शीघ्र विवाह के लिए भी ये व्रत करना उत्तम माना जाता है.
पौष पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है. संतान प्राप्ति के लिए ये व्रत करना उत्तम माना जाता है. व्रत से एक दिन पहले सात्विक भोजन करना चाहिए. इस बार पुत्रदा एकादशी 24 जनवरी को मनाई जायेगी.
पोंगल का त्योहार मुख्य रूप से सूर्य की उपासना के लिए जाना जाता है. पोंगल (Pongal 2021) का त्योहार तमिलनाडु में पूरे उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है. 4 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार के पहले दिन को 'भोगी पोंगल' कहते हैं, दूसरे दिन को 'सूर्य पोंगल', तीसरे दिन को 'मट्टू पोंगल' और चौथे दिन को 'कन्नम पोंगल' कहते हैं. पोंगल के हर दिन अलग-अलग परंपराओं और रीति रिवाजों का पालन किया जाता है.
साल में बारह संक्रांतियां होती हैं, लेकिन दो संक्रांतियां सर्वाधिक महत्वपूर्ण होती हैं. एक मकर संक्रांति और दूसरी कर्क संक्रांति. सूर्य जब मकर राशि में जाता है तब मकर संक्रांति होती है. मकर संक्रांति से अग्नि तत्त्व की शुरुआत होती है.
शनि की महादशा 19 वर्ष तक चलती है. इसलिए नकारात्मक प्रभाव होने पर शनि लम्बे समय तक धन के लिए कष्ट देने लगता है. अगर शनि नकारात्मक हो तो साढ़े साती या ढैया में घोर दरिद्रता देता है.
(Full moon in december 2020) पूर्णिमा तिथि को महीनों में सबसे पवित्र माह का अंतिम दिन कहा जाता है. इस दिन चन्द्रमा पृथ्वी और जल तत्व को पूर्ण रूप से प्रभावित करता है. इस दिन को दैवीयता का दिन माना जाता है. इस दिन ध्यान, दान और स्नान करना विशेष लाभकारी होता है.