अधिकांश लोगों के लिए बांकीपुर केवल बिहार की राजधानी पटना का एक आवासीय इलाका भर हो सकता है. लेकिन इतिहास के छात्रों के लिए यह क्षेत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है. यह वही स्थान है जो कभी पाटलिपुत्र का हिस्सा हुआ करता था. यह मौर्य साम्राज्य की सत्ता की सीट, जिसे प्राचीन काल में गंगा और सोन नदियों के संगम पर स्थित माना जाता था. हालांकि समय के साथ सोन नदी ने अपनी दिशा बदल ली और अब वह गंगा से काफी पहले ही मिल जाती है, जबकि गंगा भी वर्षों में अपने ऐतिहासिक तटों से दूर होती गई है.
इन दोनों प्रमुख नदियों के प्रवाह में आए बदलावों के बावजूद, बांकीपुर का ऐतिहासिक महत्व आज भी कायम है. सिविल कोर्ट्स, पटना कलेक्टरेट, 1891 में स्थापित खुदाबख्श ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी, और दरभंगा हाउस जैसे प्रतिष्ठित स्थल इस बात के प्रमाण हैं कि बांकीपुर कभी पटना का दिल था और आज भी है, जो अब पटना विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर विभागों का घर है.
राजनीतिक दृष्टि से देखा जाए तो बांकीपुर का इतिहास कुछ खास घटनाओं से नहीं भरा है. यह 2008 में विधानसभा क्षेत्र बना और तभी से यह लगभग एकतरफा मुकाबले का गवाह रहा है, जहां भाजपा ने हर चुनाव में भारी अंतर से जीत दर्ज की है, भले ही मतदाता उपस्थिति बेहद कम रही हो. यह प्रवृत्ति वर्षों से बनी हुई है, जिससे यह सीट राज्य की सबसे पूर्वानुमानित सीटों में से एक बन गई है. बांकीपुर, पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र के छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. पहले यह क्षेत्र 'पटना वेस्ट' के नाम से जाना जाता था, और भाजपा ने पिछले आठ चुनावों से इस पर कब्जा जमाए रखा है, जिनमें से तीन चुनाव बांकीपुर नाम से हुए हैं.
इस क्षेत्र में पिछले तीन दशकों से एक पिता-पुत्र की जोड़ी का दबदबा रहा है. नबीन किशोर प्रसाद सिन्हा ने 1995 से शुरू होकर पटना वेस्ट से लगातार चार बार जीत दर्ज की. उनके निधन के बाद उनके बेटे नितिन नबीन (सिन्हा) ने 2006 का उपचुनाव जीता और 2010, 2015 और 2020 के चुनावों में भाजपा की जीत की लहर को कायम रखा, जब यह सीट बांकीपुर के नाम से जानी जाने लगी.
इसका प्रमुख कारण कायस्थ समुदाय का प्रभाव माना जाता है, जो इस सीट पर निर्णायक भूमिका निभाते हैं. चाहे विधानसभा हो या लोकसभा, सिन्हा परिवार का दबदबा बना रहा. 2009 और 2014 में फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने भाजपा उम्मीदवार के रूप में पटना साहिब लोकसभा सीट पर जीत हासिल की, जबकि 2019 में जब वे कांग्रेस में चले गए, तब रविशंकर प्रसाद (जो स्वयं कायस्थ हैं) ने यह सीट जीती. 2024 के चुनाव में रविशंकर प्रसाद का मुकाबला कुशवाहा नेता अंशुल अविजीत से हुआ, लेकिन एक बार फिर कायस्थ वोट निर्णायक साबित हुआ.
जहां तक बांकीपुर विधानसभा सीट की बात है, नितिन नबीन ने 2010 में 60,840 वोटों से, 2015 में 39,767 वोटों से, और 2020 में 39,036 वोटों से जीत हासिल की. 2020 में उन्होंने शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा को हराया. हालांकि इन विशाल जीतों के पीछे मतदान प्रतिशत में लगातार गिरावट जैसी चिंताजनक पहलू भी छिपा है. 2015 में यह 40.25 प्रतिशत था, जो 2019 लोकसभा चुनाव में घटकर 38.88 और 2020 में 35.92 प्रतिशत रह गया. यह उदासीनता हैरान करने वाली है. यह कहना मुश्किल है कि यह शहरी मतदाता की उदासीनता है या यह भावना कि एक मजबूत भाजपा गढ़ में उनका वोट कोई फर्क नहीं डालता. भाजपा को इससे शायद फर्क न पड़े, लेकिन लोकतंत्र के लिहाज से यह गंभीर संकेत है, विशेषकर बिहार के लिए, जो वैशाली जैसी प्राचीन गणराज्य की भूमि रही है.
2020 विधानसभा चुनावों में बांकीपुर में कुल 3,31,775 पंजीकृत मतदाता थे, जिनमें 8.04 प्रतिशत अनुसूचित जाति और 7.8 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता शामिल थे. कायस्थ समुदाय, जिसकी जनसंख्या लगभग 15 प्रतिशत आंकी गई है, एकजुट होकर भाजपा को समर्थन देता रहा है और यही उसकी जीत का प्रमुख कारण रहा है. 2024 के लोकसभा चुनाव तक यह संख्या बढ़कर 3,96,781 हो गई. बांकीपुर पूरी तरह शहरी क्षेत्र है जहां ग्रामीण मतदाता शून्य हैं.
अब जिम्मेदारी राजद-नीत महागठबंधन पर है कि वह 64 प्रतिशत उदासीन मतदाताओं को जागरूक करे और ऐसा प्रभावशाली उम्मीदवार खड़ा करे जो लगभग तय हार को संभावित जीत में बदल सके. चूंकि भाजपा की स्थिति मजबूत है, विपक्ष की रणनीति केवल सिन्हा परिवार की विरासत से मुकाबला करने की नहीं, बल्कि मतदाताओं की रुचि फिर से जगाने की भी होनी चाहिए.
(अजय झा)
BJP
JSP
AAP
RJD
JGJP
RTRP
IND
IND
IND
Nota
NOTA
Luv Sinha
INC
Pushpam Priya Chaudhary
PP
Nota
NOTA
Saurabh Singh
BSLP
Usha Devi Srivastava
IND
Indra Kumar Singh Chandapuri
JAP(L)
Subodh Kumar
SSD
Arvind Kumar Singh
PMP
Kaushal Kishore Pandey
IND
Anang Bhushan Verma
IND
Tejaswani Jyoti
BLCP
Sushil Kumar Singh
NCP
Nitesh Kumar
JDR
Jaya Laxmi
IND
Sanjeev Kumar
BP(L)
Vikash Kumar Roy
BMF
Manish Barriarr
IND
Muknd Kumar
IND
Dukhan Paswan
RJSBP
Piyush Kant Singh
BND
Prabhash Chandra Sharma
IND
Pavan Kumar Jha
IND
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