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Bihar Election Result 2025 Live: अमरपुर विधानसभा सीट पर JD(U) को दोबारा मिली जीत
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बिहार के बांका जिले में स्थित अमरपुर एक अधिसूचित क्षेत्र (Notified Area) है, जिसे एक सामुदायिक विकास खंड (Community Development Block) का दर्जा प्राप्त है. अधिसूचित क्षेत्र वह होता है जो न तो पूरी तरह गांव होता है और न ही नगर, बल्कि एक ऐसा प्रशासनिक क्षेत्र होता है जिसकी पहचान स्पष्ट नहीं होती. हालांकि, इस स्थिति में जल्द बदलाव संभव है, क्योंकि जनगणना की नई रिपोर्ट सामने आने वाली है और ऐसी खबरें हैं कि बड़ी संख्या में ग्रामीण आजीविका की तलाश में अमरपुर की ओर पलायन कर रहे हैं. यह क्षेत्र तेजी से एक प्रमुख वाणिज्यिक केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है.
कुछ समय पहले तक अमरपुर चीनी मिलों के लिए प्रसिद्ध था. यहां कई मिलें थीं जो रोजगार देती थीं, किसानों को उनकी उपज बेचने का अवसर मिलता था और सरकार को राजस्व भी प्राप्त होता था. लेकिन आधुनिक तकनीक को न अपनाने और सरकारी सहयोग की कमी के कारण अधिकांश मिलें बंद हो चुकी हैं.
हालांकि कृषि आज भी लोगों की आजीविका का प्रमुख साधन है, लेकिन अमरपुर तेजी से एक व्यापारिक केंद्र के रूप में उभर रहा है. नए बाजार, दुकानें और निर्माण कार्य यहां लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं. इसके अलावा, अमरपुर की एक विशेषता यह भी है कि यहां अपराध की दर बहुत कम है, जिससे यह व्यापार और अन्य वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए सुरक्षित स्थान बनता जा रहा है.
अमरपुर के पास चानन नदी बहती है, जबकि बेलहरनी और बरूआ जैसी छोटी नदियां भी नजदीक हैं. इससे यह क्षेत्र उपजाऊ बनता है और खेती के लिए आदर्श स्थिति प्रदान करता है. अमरपुर के कुछ दक्षिणी हिस्सों में पहाड़ी इलाका भी है. जिला मुख्यालय बांका यहां से 19 किलोमीटर, भागलपुर 27 किलोमीटर, सुलतानगंज 35 किलोमीटर, मुंगेर 70 किलोमीटर और राजधानी पटना लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
अमरपुर विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1957 में हुई थी और यह बांका लोकसभा सीट के छह खंडों में से एक है. इसमें शंभुगंज और अमरपुर दो ब्लॉक शामिल हैं. 2020 में यहां 2,95,587 पंजीकृत मतदाता थे, जो 2024 के लोकसभा चुनाव में बढ़कर 3,05,894 हो गए. यह क्षेत्र मुख्य रूप से ग्रामीण है, जिसमें केवल 6.32 प्रतिशत शहरी मतदाता हैं. अनुसूचित जाति के मतदाता 12.88 प्रतिशत और मुस्लिम मतदाता 10.5 प्रतिशत हैं.
यहां का एक उल्लेखनीय पहलू इसका स्थिर मतदाता प्रतिशत है, जो लगभग 55 प्रतिशत बना हुआ है. 2015 में 55.61%, 2019 में 55.39% और 2020 में 55.55% थे.
अब तक अमरपुर में कुल 16 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. इनमें कांग्रेस ने चार बार जीत हासिल की, लेकिन आखिरी जीत 1985 में हुई थी. इसके बाद राजद (RJD) और जदयू (JDU) ने तीन-तीन बार जीत दर्ज की है. संयुक्त समाजवादी पार्टी को दो बार, जबकि भारतीय जनसंघ, जनता पार्टी, जनता दल और एक निर्दलीय प्रत्याशी को एक-एक बार जीत मिली है.
हाल के वर्षों में अमरपुर दो प्रमुख क्षेत्रीय दलों, राजद और जदयू के बीच मुकाबले का केंद्र बन गया है. जहां राजद ने इस सीट पर तीन बार लगातार जीत दर्ज की थी, वहीं जदयू ने भी पिछले तीन चुनावों (2010, 2015, 2020) में लगातार जीत दर्ज की है.
वर्तमान विधायक जयंती राज कुशवाहा (जदयू) हैं, जिन्होंने 2020 में कांग्रेस प्रत्याशी जितेंद्र सिंह को 3,114 मतों से हराया. इस कड़े मुकाबले में लोजपा (LJP) की उपस्थिति अहम रही, जिसने 40,308 वोट हासिल किए, हालांकि उसका उद्देश्य जदयू को हराना सफल नहीं हो सका. पहले के मुकाबलों में जदयू ने अधिक अंतर से जीत हासिल की थी. 2010 में 18,007 और 2015 में 11,773 मतों से जीते थे.
2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए की एकजुटता का असर साफ दिखा जब जदयू ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी पर 29,113 वोटों से बढ़त बनाई. लोजपा के फिर से भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल होने से यह गठबंधन और मजबूत हुआ है.
यह संकेत है कि अमरपुर में 2025 के विधानसभा चुनाव में एनडीए एक बार फिर मजबूती से उतरने के लिए तैयार है.
(अजय झा)
Jitendra Singh
INC
Mrinal Shekhar
LJP
Nota
NOTA
Pravin Kumar Jha
IND
Anil Kumar Singh
NCP
Krishna Mohan Thakur
IND
Bipin Kishor Ray
IND
Ashok Kumar
RTRP
Pradip Kumar Ranjan
BP(L)
Ajay Kumar Singh
IND
Pushkar Kumar
BSLP
Anjani Kumar
IND
बिहार विधानसभा चुनाव की गूंज यूपी की सियासी जमीन पर भी सुनाई पड़ रही है. इसकी वजह यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ बिहार में एनडीए को जिताने के लिए मशक्कत कर रहे थे तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने महागठबंधन के लिए पूरी ताकत झोंक दी. ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार का यूपी कनेक्शन क्या है?
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बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में एक दिलचस्प पैटर्न सामने आया है. जहां सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से जीती गई पांचों सीटें NDA के खाते में गईं, वहीं बेहद कम मार्जिन वाली सीटों पर अलग-अलग दलों की जीत दर्ज हुई. चुनावी आंकड़े बताते हैं कि भारी अंतर वाली सीटों पर NDA का दबदबा स्पष्ट दिखा जबकि कम अंतर वाली सीटों पर मुकाबला बेहद करीबी रहा.
jamui result shreyasi singh: जमुई विधानसभा सीट से दूसरी बार श्रेयसी ने राजद के मोहम्मद शमसाद आलम को 54 हजार वोटों से हराकर जीत हासिल की हैं.
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बिहार चुनाव 2025 में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद महागठबंधन बुरी तरह पिछड़ गया और आरजेडी अपने इतिहास की बड़ी हारों में से एक झेल रही है. इससे तेजस्वी यादव के नेतृत्व, रणनीति और संगठन पर गंभीर सवाल उठे हैं.
बिहार चुनाव के नतीजों ने साबित कर दिया कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की 'वोटर अधिकार यात्रा' राजनीतिक तौर पर कोई असर नहीं छोड़ पाई. जिस-जिस रूट से यह यात्रा गुज़री, वहां महागठबंधन लगभग साफ हो गया और एनडीए ने भारी जीत दर्ज की. कांग्रेस का दावा था कि यात्रा वोट चोरी के खिलाफ थी, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह महागठबंधन की चुनावी जमीन मजबूत करने की कोशिश थी, जो पूरी तरह असफल रही.
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बिहार चुनाव में एनडीए की शानदार जीत पर चिराग पासवान ने अपने विचार साझा किए. उन्होंने बताया कि बिहार के लोगों ने सही समय पर सही फैसला लिया, और डबल इंजन सरकार ने विकास की राह को मजबूत किया. उन्होंने चुनावी रणनीति, गठबंधन की भूमिका और राजनीतिक चुनौतियों पर भी खुलकर बात की.