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Bihar Election Result 2025 Live: मुंगेर विधानसभा सीट पर BJP को दोबारा मिली जीत
Munger Chunav Results Live: मुंगेर सीट पर BJP का वर्चस्व, 18750 वोटों के विशाल अंतर से RJD को पछाड़ा
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मुंगेर बिहार के पूर्वी भाग में गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है. यह राज्य के प्रमुख शहरों में से एक है. मुगल और ब्रिटिश काल में यह अविभाजित बंगाल का एक महत्वपूर्ण शहरी केंद्र था, क्योंकि इसकी भौगोलिक स्थिति इसे पूर्वी द्वार बनाती थी. आज भी यह एक महत्वपूर्ण राजनीतिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक और व्यावसायिक केंद्र है. मुंगेर की अहमियत इस तथ्य से भी बढ़ जाती है कि यह बिहार में प्रति व्यक्ति आय के मामले में लगातार शीर्ष स्थान पर रहता है.
इस शहर का इतिहास प्राचीन काल तक फैला हुआ है. चौथी शताब्दी में गुप्त काल के दौरान यह सत्ता का केंद्र रहा था. बाद में, 1763 में, बंगाल के नवाब मीर कासिम ने इसे अपनी राजधानी बनाया. उन्होंने यहां एक शस्त्रागार और भव्य महल बनवाए, जो आज भी इसकी ऐतिहासिक विरासत के प्रतीक हैं.
अपने जुड़वां शहर जमालपुर के साथ मिलकर, मुंगेर बिहार का औद्योगिक केंद्र भी है. यहां ब्रिटिश काल के ITC फैक्ट्री, आयुध गन फैक्ट्री (Ordnance Gun Factory), ITC मिल्क डेयरी और कई अन्य उद्योग स्थित हैं. हालांकि, आधिकारिक आंकड़ों से इतर, मुंगेर अपनी समानांतर अर्थव्यवस्था के लिए भी जाना जाता है. एक अवैध कुटीर उद्योग के तहच देसी बंदूकें, रिवॉल्वर और पिस्तौल बनाया जाता है. यह शिल्प मीर कासिम के शासनकाल से चला आ रहा है और आज भी फल-फूल रहा है. आज, मुंगेर की अवैध आग्नेयास्त्र उद्योग देशभर में प्रसिद्ध है और बिहार से बाहर तक हथियारों की आपूर्ति करता है.
मुंगेर विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1957 में हुई थी. यह एक सामान्य श्रेणी की सीट है. इस क्षेत्र ने अक्सर समाजवादी विचारधारा वाले नेताओं को तरजीह दी है, लेकिन किसी एक पार्टी का दबदबा कभी नहीं रहा. अब तक हुए 17 विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) ने तीन-तीन बार यह सीट जीती है, जबकि जनता दल ने दो बार जीत हासिल की है. संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, जनता पार्टी और जनता पार्टी (सेक्युलर) ने एक-एक बार इस सीट पर जीत दर्ज की है.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी मुंगेर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, पहले 1969 में भारतीय जनसंघ के रूप में और फिर 2020 में जब भाजपा प्रत्याशी प्रणव कुमार ने राजद प्रतिद्वंद्वी को केवल 1,244 वोटों से हराया. इस बार जदयू और लोजपा के साथ गठबंधन में होने के कारण, भाजपा अपनी स्थिति और मजबूत करने की उम्मीद कर रही है. वहीं, जदयू के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन सिंह, जिन्हें ललन सिंह के नाम से जाना जाता है, ने पिछले चार लोकसभा चुनावों में से तीन में मुंगेर सीट जीती है. 2014 में एकमात्र अपवाद था, जब लोजपा की वीणा सिंह विजयी रहीं.
जनसांख्यिकी के लिहाज से, अनुसूचित जाति के मतदाता कुल मतदाताओं का लगभग 9.63 प्रतिशत हैं, जबकि मुस्लिम मतदाता लगभग 13 प्रतिशत हैं. मुंगेर की एक खास बात यह भी है कि यहां ग्रामीण और शहरी मतदाताओं के बीच संतुलन लगभग बराबर है- ग्रामीण मतदाता 52.22 प्रतिशत और शहरी मतदाता 47.78 प्रतिशत हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव में कुल 3,39,048 पंजीकृत मतदाता थे, जिसमें 49.03 प्रतिशत मतदान हुआ. 2024 के लोकसभा चुनावों तक यह संख्या बढ़कर 3,47,368 हो गई.
दिलचस्प बात यह है कि मुंगेर का मशहूर हिंदी मुहावरे "मुंगेरीलाल के हसीन सपने" से कोई लेना-देना नहीं है, जिसका इस्तेमाल कभी कांग्रेस नेता सोनिया गांधी भाजपा की आलोचना के लिए करती थीं. आज कांग्रेस इस क्षेत्र से लगभग गायब हो गई है, जबकि भाजपा का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है.
(अजय झा)
Avinash Vidyarthi Kumar
RJD
Shalini Kumari
IND
Nota
NOTA
Kanchan Kumari
IND
Subodh Verma
RLSP
Vikash Kumar
IND
Mohammad Mokim
NCP
Manoj Kumar Patel
BSLP
Rohit Kumar
IND
Jamuna Lal Srivastava
BRD
Aditya Singh Madhukar
IND
Awdhesh Kumar Yadav
IND
Devanand Mandal
SUCI
Mohammad Faisal Ahmad
JAP(L)
Mohammad Saddam Khan
AMJP(S)
Jamalpur Election Result: खाकी छोड़कर जमालपुर से चुनाव मैदान में उतरे बिहार के सिंघम और पूर्व आईपीएस शिवदीप लांडे चुनाव बुरी तरह हार गए हैं. शिवदीप लांडे को सिर्फ 15655 वोट मिले जबकि नचिकेता को कुल 96683 वोट मिले हैं. शिवदीप लांडे वोटों के मामले में तीसरे नंबर पर हैं. यहां से जेडीयू के नचिकेता ने 81028 वोटों के अंतर से चुनाव जीता है.
2005 में भीम बांध इलाके में नक्सली हमले में एसपी समेत सात पुलिसकर्मी शहीद हुए थे. उस घटना के बाद से सुरक्षा कारणों से इन इलाकों से मतदान केंद्र हटा दिए गए थे. यहां 20 साल बाद सात मतदान केंद्रों पर फिर से वोट डाले गए.
मोकामा पहुंचकर ललन सिंह ने जदयू उम्मीदवार अनंत सिंह का खुलकर बचाव किया. एक तरह से उन्हें क्लीन चिट ही दे दी है. इस दौरान उनका एक वीडियो वायरल हो गया जिसमें वो कुछ नेताओं को वोटिंग के दिन घर में बंद कर देने की बात कह रहे हैं.
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की मुंगेर जनसभा में समर्थकों की भीड़ ने बैरिकेडिंग तोड़कर हेलीकॉप्टर तक पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दी, जिसमें दो पुलिसकर्मी घायल हो गए. तेजस्वी ने महागठबंधन की सरकार बनने पर रोजगार और विकास का वादा किया.
मुंगर रैली में शाह ने लालू-राबड़ी शासनकाल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके समय में हत्याएं, फिरौती, अपहरण और जघन्य नरसंहार हुए और उन्होंने बिहार को तहस-नहस कर दिया. उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी की सरकार ने अनेक सालों तक जंगलराज चलाया.
बिहार के मुंगेर में महादलित परिवारों की दयनीय स्थिति सामने आई है. यहां के निवासी सरकारी योजनाओं से वंचित हैं. रूना देवी ने कहा कि सरकार कुछ नहीं कर रही है. अन्य ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें नियमित रूप से राशन नहीं मिल रहा है और रोजगार के अभाव में लोग पलायन करने को विवश हैं.
बिहार के चुनावी माहौल में मुस्लिम वोटों पर सियासी जंग तेज हो गई है. दो दिन पहले मदरसा शिक्षा बोर्ड के कार्यक्रम में नीतीश कुमार के मुस्लिम टोपी ना पहनने के विवाद ने तूल पकड़ा. उधर, वोटर अधिकार यात्रा के दौरान राहुल गांधी और तेजस्वी यादव मुंगेर की खानकाह रहमानी मस्जिद पहुंचे.
बिहार में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव 'वोटर अधिकार यात्रा' पर निकले हैं. इस यात्रा का मुख्य मुद्दा वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (एसआईआर) के नाम पर 'वोट चोरी' का आरोप है. विपक्ष का कहना है कि चुनाव आयोग और सत्ताधारी दल मिलकर चुनाव में धांधली कर रहे हैं. यात्रा के दौरान यह आरोप लगाया गया कि "किसी के माई के लाल में दम नहीं जो बिहारियों का वोट काट दे."
बिहार की सियासत में धर्म और जाति का समीकरण हमेशा अहम रहा है. मुस्लिम वोट बैंक को लेकर जारी सियासत में अब तस्वीरों की एंट्री हो चुकी है. पटना में मदरसा शिक्षा बोर्ड के एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे. उनके मंत्री जमा खान ने उन्हें टोपी पहनाना चाहा, लेकिन नीतीश कुमार ने टोपी खुद नहीं पहनी और जमा खान को ही पहना दी. इस घटना के बाद विपक्ष ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा है.
उत्तर बिहार को दक्षिण बिहार से जोड़ने वाले गंगा पुल के उद्घाटन के साथ प्रधानमंत्री ने 13,000 करोड़ की विकास योजनाएं लॉन्च कीं. इस दौरान उन्होंने बिहार के 'लालटेन राज' में भ्रष्टाचार फैलने का आरोप लगाया. प्रधानमंत्री ने 30 दिन जेल पर कुर्सी जाने वाले नए विधेयकों पर विपक्ष के विरोध को अपनी दलीलों में शामिल किया. उन्होंने कहा, "अगर कोई मुख्यमंत्री है, कोई मंत्री है, कोई प्रधानमंत्री है तो वो जेल में रह करके भी सत्ता का सुख पा सकता है, ये कैसे हो सकता है?"