लखीसराय 1994 में मुंगेर जिले से अलग होकर एक नया जिला बना था. इसे पहले लकीसराय के नाम से जाना जाता था, यह जिला मुख्यालय भी है. कीउल नदी के किनारे बसा यह नगर उपजाऊ मैदानों और वनों से आच्छादित पहाड़ी क्षेत्रों का अद्भुत मिश्रण है. यह मुंगेर से 30 किमी, बेगूसराय से 40 किमी, भागलपुर से 100 किमी और बिहार की राजधानी पटना से 130 किमी की दूरी पर स्थित है.
ऐसा माना जाता है कि लखीसराय का नाम भगवान राम के अनुज लक्ष्मण के नाम पर पड़ा. प्रारंभ में इसे "लक्ष्मणेश्वर" कहा जाता था, जो कालांतर में "लखीसराय" में परिवर्तित हो गया. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि 'सराय' शब्द नाम में कैसे जुड़ा, क्योंकि प्राचीन या मध्यकालीन समय में यहां किसी सराय (धार्मिक विश्राम स्थल) के होने का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं मिलता.
लखीसराय का इतिहास अत्यंत समृद्ध रहा है. यह क्षेत्र कभी पाल वंश की राजधानी रहा था. बाद में यह बौद्ध प्रभाव में आ गया. प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग ने अपनी यात्रा के दौरान यहां 10 बौद्ध मठों और 400 से अधिक बौद्ध भिक्षुओं की उपस्थिति का उल्लेख किया था. माना जाता है कि भगवान बुद्ध ने लखीसराय के चलिया पर्वत पर तीन वर्षों तक निवास किया था.
यह नगर भगवान शिव को समर्पित प्रसिद्ध अशोक धाम मंदिर के लिए भी प्रसिद्ध है. इस मंदिर की उत्पत्ति 1977 में हुई जब एक स्थानीय बालक, अशोक, गिल्ली-डंडा खेलते हुए जमीन में दबा एक शिवलिंग खोज निकाला. इसके बाद मंदिर के पुनर्निर्माण का कार्य फरवरी 1993 में जगन्नाथपुरी के शंकराचार्य के मार्गदर्शन में शुरू हुआ.
लखीसराय 1977 में एक अलग विधानसभा क्षेत्र बना और वर्तमान में यह मुंगेर लोकसभा सीट के छह खंडों में से एक है. 2020 के विधानसभा चुनाव में यहां 3,68,106 पंजीकृत मतदाता थे, जो 2024 के लोकसभा चुनाव में बढ़कर 3,95,117 हो गए. इनमें से लगभग 15.82% मतदाता अनुसूचित जाति से हैं और मुस्लिम समुदाय का प्रतिशत लगभग 4.2% है. यह क्षेत्र मुख्यतः ग्रामीण है, जबकि शहरी मतदाताओं की हिस्सेदारी 27.38% है. यहां का मतदान प्रतिशत 50% से ऊपर रहता है और 2020 में यह 52.81% रहा.
अब तक यहां 11 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. इनमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पांच बार जीत हासिल की है. जनता पार्टी और जनता दल ने दो-दो बार, जबकि कांग्रेस ने एक बार (1980) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने एक बार (अक्टूबर 2005) जीत दर्ज की है.
लखीसराय से वर्तमान विधायक भाजपा के वरिष्ठ नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा हैं. वे पहली बार फरवरी 2005 में विजयी हुए थे, लेकिन उसी वर्ष हुए पुनः चुनाव में हार गए थे. 2010 से लेकर अब तक वे लगातार तीन बार यह सीट जीत चुके हैं- 2010 में 59,620 मतों से, 2015 में 6,556 मतों से और 2020 में 10,483 मतों से जीते थे.
वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) ने मुंगेर सीट से जीत दर्ज की, जिसमें लखीसराय विधानसभा क्षेत्र से उन्हें 43,489 मतों की बढ़त मिली. यह एनडीए और भाजपा के प्रति स्थानीय मतदाताओं के विश्वास को दर्शाता है.
हालांकि चुनाव परिणामों की भविष्यवाणी करना जोखिम भरा हो सकता है, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में भाजपा लखीसराय में एक मजबूत स्थिति में दिखाई देती है. अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस्तीफा देते हैं और बिहार में एनडीए सत्ता में बनी रहती है, तो विजय कुमार सिन्हा मुख्यमंत्री पद की दौड़ में प्रमुख दावेदार हो सकते हैं, जो मतदाताओं के लिए एक अतिरिक्त प्रेरणा बन सकती है.
(अजय झा)
BJP
INC
BSP
JSP
BLCP
VYP
IND
IND
IND
IND
IND
IND
IND
Nota
NOTA
Amarish Kumar (anish )
INC
Sujeet Kumar S/o- Balmiki Singh
IND
Fulena Singh
IND
Kumari Babita
IND
Rajiv Ranjan Kumar Rai
BSP
Sujit Kumar S/o- Sudhir Kumar Singh
IND
Vijay Prasad Singh
IND
Vimal Kumar
JAP(L)
Rajendra Prasad Sahu
IND
Sudhir Kumar
IND
Nota
NOTA
Vijay Ram
AJPR
Vijay Kumar
IND
Rakesh Kumar
IND
Murari Kumar Alias Murari Kumar Harsh
IND
Sunil Kumar
IND
Bharath Mahto
IND
Pranay Kumar
IND
जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने शिवहर में बातचीत के दौरान कहा कि बिहार चुनाव में कोई माहौल नहीं है, जैसा 2010 में लहर थी, वही आज भी है. उन्होंने दावा किया कि एनडीए उम्मीदवार विजय सिन्हा लखीसराय से जीतेंगे और वहां का विधानसभा क्षेत्र एनडीए समर्थक है. ललन सिंह ने यह भी कहा कि चुनाव परिणाम आने पर सारे आकलन फैल हो जाएंगे और एनडीए भारी जीत दर्ज करेगा. उन्होंने वायरल वीडियो विवाद पर सफाई दी कि उनके बयान को काटकर चलाया गया, जबकि असली वीडियो में उन्होंने गरीबों को मतदान केंद्र तक पहुंचाने की बात कही थी.
बिहार चुनाव के पहले चरण में रिकॉर्ड मतदान के बाद सभी की निगाहें महिला वोटरों पर टिक गई हैं. पिछले चुनावों में महिलाओं ने भारी संख्या में नीतीश कुमार का समर्थन किया था, लेकिन इस बार बेरोजगारी और विकास के मुद्दों पर उनकी चुप्पी ने राजनीतिक दलों की धड़कनें बढ़ा दी हैं. यह चुनाव महिला मतदाताओं के बदलते रुख का गवाह बन सकता है.
बिहार चुनाव में वोटिंग के बाद अब सबकी निगाहें नतीजों पर हैं, जहां बंपर मतदान ने राजनीतिक दलों की धड़कनें बढ़ा दी हैं. इस चुनाव में मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच दिखा, जिसमें नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की साख दांव पर है. एक पैनलिस्ट ने कहा, 'माना जा रहा है कि महिलाएं जब निकलती है तो कहीं ना कहीं नीतीश कुमार और एनडीए के पक्ष में ही वोट करने के लिए जो है महिलाएं निकलती हैं'.
बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के दौरान लखीसराय में जमकर बवाल हुआ, जिसमें उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा और आरजेडी के विधान पार्षद अजय कुमार सिंह आमने-सामने आ गए. बूथ पर समर्थकों को वोट देने से रोके जाने की शिकायत पर पहुंचे डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने आरजेडी नेता पर शराब पीकर गुंडागर्दी करने का आरोप लगाते हुए कहा, 'राजद का गुंडा दारु पीके हंगामा कर रहा है'.
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में रिकॉर्ड 64.66% मतदान दर्ज किया गया, जिसमें 121 सीटों पर बंपर वोटिंग हुई. महिला मतदाताओं की भूमिका किंगमेकर के तौर पर देखी जा रही है. खेसारी लाल यादव ने रोजगार को राम मंदिर से जोड़ते हुए सवाल उठाए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के चुनावी वादों पर भी चर्चा हुई. डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के काफिले पर लखीसराय में हमला हुआ, जिसका आरोप आरजेडी समर्थकों पर लगा. मुस्लिम बहुल सीटों पर भी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला.
बिहार में पहले चरण के चुनाव के दौरान कई जगहों पर हिंसा और हंगामे की खबरें सामने आईं. लखीसराय में उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने आरोप लगाया कि आरजेडी कार्यकर्ताओं ने उनके काफिले पर हमला किया. विजय सिन्हा ने कहा, 'मेरे काफिले पर गोबर फेका गया'. उन्होंने आरजेडी पर लखीसराय के बूथ नंबर 404 और 405 पर बूथ कैप्चरिंग की कोशिश करने और मतदाताओं को धमकाने का भी आरोप लगाया.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में बंपर वोटिंग हुई, लेकिन मतदान के दौरान कई जगहों पर हिंसा और बवाल भी देखने को मिला. सबसे बड़ी घटना लखीसराय में हुई जहां उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा के काफिले पर हमला किया गया, जिसके लिए उन्होंने आरजेडी को जिम्मेदार ठहराया. विजय सिन्हा ने कहा, 'मेरे काफिले पर गोबर फेंका गया, यह जंगलराज जैसा है और ऐसे राजद के गुंडों पर प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए.' वहीं, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने दावा किया कि बढ़े हुए मतदान का फायदा एनडीए को मिलेगा और गठबंधन पहले चरण में लगभग 100 सीटें जीत रहा है.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में रिकॉर्ड तोड़ मतदान दर्ज किया गया, जिसमें शाम 5 बजे तक 60% से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इस भारी मतदान पर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसे 'प्रो-इंकम्बेंसी' वोट बताते हुए एनडीए की बड़ी जीत का दावा किया, जबकि विपक्ष ने इसे बदलाव के लिए जनता का जनादेश बताया. पहले चरण के मतदान के दौरान उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा के निर्वाचन क्षेत्र लखीसराय में भारी बवाल देखने को मिला.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में रिकॉर्ड तोड़ मतदान दर्ज किया गया, जिसमें शाम 5 बजे तक 60% से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इस भारी मतदान पर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसे 'प्रो-इंकम्बेंसी' वोट बताते हुए एनडीए की बड़ी जीत का दावा किया, जबकि विपक्ष ने इसे बदलाव के लिए जनता का जनादेश बताया.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में 121 सीटों पर बंपर वोटिंग हुई और शाम 5 बजे तक 60.13% मतदान दर्ज किया गया. इस दौरान लखीसराय में उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा के काफिले पर कथित तौर पर आरजेडी समर्थकों द्वारा हमला किया गया, जिसमें पत्थरबाजी और कीचड़ फेंकने की घटना सामने आई. उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा, 'NDA सत्ता में आ रही है...इनकी छाती पर बुलडोजर चलेगा'.