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वास्तु शास्त्र

वास्तु शास्त्र

वास्तु शास्त्र

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) भारतीय सभ्यता की एक प्राचीन और समृद्ध परंपरा है, जिसे घर, भवन, मंदिर और अन्य निर्माणों के लिए दिशाओं और ऊर्जा संतुलन के आधार पर एक वैज्ञानिक प्रणाली माना जाता है. यह शब्द दो भागों से मिलकर बना है, "वास्तु" (स्थल या स्थान) और "शास्त्र" (विज्ञान). यानी वास्तु शास्त्र का अर्थ है "निर्माण की वैज्ञानिक विधि".

वास्तु शास्त्र का मुख्य उद्देश्य है प्राकृतिक तत्वों – पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश का संतुलित उपयोग करते हुए एक ऐसा स्थान तैयार करना जो निवासियों को सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य और मानसिक शांति प्रदान कर सके. इसे सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा के सिद्धांतों पर आधारित माना जाता है.

आज की तेज रफ्तार और शहरी जीवनशैली में भी वास्तु शास्त्र का महत्व बना हुआ है. भवन निर्माण, फ्लैट डिजाइन, ऑफिस सेटअप और इंटीरियर डिजाइन में वास्तु के सिद्धांतों को ध्यान में रखा जा रहा है. इससे लोगों को स्वास्थ्य, मनोबल और व्यवसायिक उन्नति में मदद मिलने का विश्वास है.
 

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