| Gender | Male |
| Age | 38 |
| State | BIHAR |
| Constituency | GAURA BAURAM |
अफ़ज़ल अली खान बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में आरजेडी उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं. उनकी उम्र 38 साल है और उनकी शैक्षिक योग्यता Post Graduate है. उन पर दर्ज केसों की संख्या (3) है. उनकी कुल संपत्ति 1.4Crore रुपये है, जबकि उन पर 0 रुपये की देनदारी है.
Serious IPC Counts
Education
Cases
self profession
| Property details | 2025 |
|---|---|
| Total Assets | 1.4Crore |
| Movable Assets | 39.1Lac |
| Immovable Assets | 1.1Crore |
| Liabilities | 0 |
| Self Income | 0 |
| Total Income | 0 |
बिहार विधानसभा चुनाव की गूंज यूपी की सियासी जमीन पर भी सुनाई पड़ रही है. इसकी वजह यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ बिहार में एनडीए को जिताने के लिए मशक्कत कर रहे थे तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने महागठबंधन के लिए पूरी ताकत झोंक दी. ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार का यूपी कनेक्शन क्या है?
इंडिया टुडे ने चुनाव आयोग के डेटा की गहराई से जांच की और पाया कि SIR और चुनाव नतीजों के बीच कोई सीधा या समझ में आने वाला पैटर्न दिखता ही नहीं. हर बार जब एक ट्रेंड बनता लगता है, तुरंत ही एक दूसरा आंकड़ा उसे तोड़ देता है. बिहार चुनाव में NDA ने 83% सीटें जीतीं, पर SIR से जुड़े नतीजे अलग कहानी कहते हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में एक दिलचस्प पैटर्न सामने आया है. जहां सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से जीती गई पांचों सीटें NDA के खाते में गईं, वहीं बेहद कम मार्जिन वाली सीटों पर अलग-अलग दलों की जीत दर्ज हुई. चुनावी आंकड़े बताते हैं कि भारी अंतर वाली सीटों पर NDA का दबदबा स्पष्ट दिखा जबकि कम अंतर वाली सीटों पर मुकाबला बेहद करीबी रहा.
jamui result shreyasi singh: जमुई विधानसभा सीट से दूसरी बार श्रेयसी ने राजद के मोहम्मद शमसाद आलम को 54 हजार वोटों से हराकर जीत हासिल की हैं.
बिहार चुनाव में महागठबंधन का प्रदर्शन बुरी तरह फ्लॉप रहा और RJD-कांग्रेस गठबंधन सिर्फ 35 सीटों पर सिमट गया. इसकी बड़ी वजहें थीं- साथी दलों के बीच लगातार झगड़ा और भरोसे की कमी, तेजस्वी को सीएम चेहरा बनाने का विवादास्पद फैसला, राहुल-तेजस्वी की कमजोर ट्यूनिंग और गांधी परिवार का फीका कैंपेन.
दरभंगा के गौरा-बौराम विधानसभा सीट पर गुरुवार को मतदान है. वोटिंग से पहले वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी ने इस सीट से चुनाव लड़ रहे अपने भाई संतोष सहनी को हटा लिया है और आरजेडी प्रत्याशी अफजल अली खान को समर्थन का ऐलान कर दिया है. मुकेश सहनी ने ऐसे ही कदम पीछे नहीं खींचे हैं?
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को होना है. उससे दो दिन पहले दरभंगा जिले की गौरा-बौराम सीट पर बड़ा उलटफेर देखने को मिला है. वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने अपने भाई संतोष सहनी को चुनावी मैदान से हटा लिया है और राजद के बागी अफजल अली खान को समर्थन देने का ऐलान किया है.
बिहार विधानसभा चुनाव के बीच आरजेडी ने सख्त कदम उठाते हुए गौरा बौराम सीट से अपने प्रत्याशी अफजल अली खान को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया. यह सीट गठबंधन के तहत वीआईपी को दी गई थी, लेकिन अफजल ने नामांकन वापस नहीं लिया.
उत्तर बिहार में भारी बारिश के कारण आरजेडी नेता तेजस्वी यादव का हेलीकॉप्टर निर्धारित जगह पर नहीं उतर सका. उन्हें गौरा बौराम में उतरना पड़ा. खराब मौसम के चलते बिहारीगंज और आलमनगर की उनकी चुनावी सभाएं रद्द करनी पड़ीं.
दरभंगा की गौरा बौराम सीट पर चुनावी घमासान तेज हो गया है, जहां RJD और VIP के बीच सीट बंटवारे को लेकर अजीब स्थिति पैदा हो गई है. इस बीच स्थानीय लोगों से चुनावी माहौल पर बात की गई जहां महिलाओं ने अपनी राय रखी. एक महिला ने कहा कि 'यहां पर कोई नहीं आता न ही कुछ करता है.'