JD(U)
CPI(M)
IND
JSP
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ASP(K)
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IND
BSP
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SBSP
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IND
Manjhi Vidhan Sabha Election Results Live: मांझी विधानसभा सीट के नतीजे सामने आए, JD(U) ने CPI(M) को दी शिकस्त
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Manjhi Election Results 2025 Live: मांझी सीट पर उलटफेर! CPI(M) भारी अंतर से पीछे
बिहार के सारण जिले में स्थित मांझी विधानसभा क्षेत्र, महाराजगंज लोकसभा सीट का एक हिस्सा है. इसकी स्थापना 1951 में हुई थी और यह एक सामान्य वर्ग की सीट है. इसमें जलालपुर प्रखंड पूरी तरह शामिल है, जबकि मांझी प्रखंड की 18 और बनियापुर प्रखंड की 3 ग्राम पंचायतें भी इसका हिस्सा हैं.
मांझी विधानसभा क्षेत्र जिले के सबसे पुराने निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है और इसने समय-समय पर राजनीतिक बदलावों को करीब से देखा है. शुरुआती दशकों में यहां कांग्रेस का दबदबा रहा, जिसमें गिरीश तिवारी और रमेश्वर दत्त शर्मा जैसे नेता सामने आए. इसके बाद जनता पार्टी, जदयू और निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी अपना असर छोड़ा. 2020 में यहां पहली बार माकपा (CPI-M) ने जीत दर्ज की, जिसे राजद-कांग्रेस-वाम गठबंधन के तहत यह सीट दी गई थी.
मांझी क्षेत्र गंगा और घाघरा नदियों के संगम पर स्थित है. यह क्षेत्र उपजाऊ लेकिन बाढ़ग्रस्त भी है. यहां की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है. धान, दालें और सरसों प्रमुख फसलें हैं. पूरा क्षेत्र ग्रामीण है, कोई शहरी जनसंख्या नहीं है. मांझी प्रखंड-स्तरीय कस्बा है जो छपरा (25 किमी), सिवान (35 किमी), और उत्तर प्रदेश के बलिया (40 किमी) से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है. सीतलपुर रेलवे स्टेशन से रेल सुविधा मिलती है, जबकि राज्य की राजधानी पटना यहां से लगभग 90 किमी दूर है.
1951 से अब तक मांझी में 17 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. इनमें कांग्रेस ने 7 बार, जदयू ने 3 बार, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी और निर्दलीयों ने 2-2 बार, जबकि जनता पार्टी, जनता दल और माकपा ने 1-1 बार जीत दर्ज की है.
2020 के चुनाव में माकपा के डॉ. सत्येन्द्र यादव ने 78,122 वोटों के साथ जीत हासिल की. निर्दलीय उम्मीदवार राणा प्रताप सिंह को 52,736 वोट मिले और जदयू की माधवी कुमारी 34,266 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं. यह जीत वाम दलों के लिए ऐतिहासिक रही, जो महागठबंधन की संयुक्त रणनीति का परिणाम थी.
2020 में इस क्षेत्र में कुल 3,02,479 पंजीकृत मतदाता थे. इनमें अनुसूचित जाति (SC) के मतदाता 12.64% (38,233), अनुसूचित जनजाति (ST) 3.61% (10,919) और मुस्लिम मतदाता लगभग 8.9% (26,921) थे. मतदान प्रतिशत 52.26% रहा, जो 2015 के मुकाबले थोड़ा अधिक था.
जातिगत दृष्टिकोण से यह क्षेत्र खंडित है. राजपूत सबसे बड़ी जाति समूह हैं, इसके बाद मुस्लिम, यादव (अहीर), भूमिहार, कुर्मी और ब्राह्मण आते हैं. एससी मतदाताओं की भी अहम भूमिका है. 2020 में वाम दलों की जीत पिछड़े और वंचित तबकों की एकजुटता से संभव हो सकी, जिसे गठबंधन के समर्थन ने और मजबूत किया.
2024 के लोकसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या बढ़कर 3,09,472 हो गई. चुनाव आयोग के अनुसार, 2020 के बाद 5,217 मतदाता क्षेत्र से बाहर चले गए. इस बार मतदान प्रतिशत 53.48% रहा. जबकि एनडीए को 2020 में विधानसभा सीट पर हार मिली थी, 2024 लोकसभा चुनाव में एनडीए को मांझी विधानसभा क्षेत्र में 4,866 वोटों की बढ़त मिली. इससे एनडीए को आगामी 2025 विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद बंधी है.
2025 के चुनावों को देखते हुए, माकपा जहां अपनी स्थिति बचाने की कोशिश में जुटेगी, वहीं भाजपा-नेतृत्व वाला एनडीए इस सीट को फिर से पाने की कोशिश करेगा. चूंकि 2020 में जदयू प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे, इसलिए संभावना है कि एनडीए इस बार यह सीट भाजपा या लोजपा जैसे किसी अन्य सहयोगी को दे सकता है. यह सीट एनडीए के लिए अभी भी पूरी तरह से खोई हुई नहीं मानी जा सकती.
(अजय झा)
Rana Pratap Singh
IND
Madhavi Singh
JD(U)
Om Prakash Prasad
RLSP
Vijay Pratap Singh
IND
Saurabh Kumar Pandey
LJP
Saurabh Sunny
IND
Shankar Sharma
IND
Ravi Ranjan Singh
RJJP
Ram Narayan Yadav
IND
Sujit Puri
IND
Shaikh Naushad
ASP(K)
Nota
NOTA
Atul Bhaskar
IND
Vinod Kumar Manjhi
IND
Raj Kumar Tiwari
BJKD(D)
Kamal Nayan Pathak
NCP
Manjhi Vidhan Sabha Chunav Results Updates: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मांझी विधानसभा सीट पर कौन नया विधायक बनेगा, इसका फैसला हो गया है. मांझी सीट से जेडीयू के रणधीर कुमार सिंह 9787 वोट से जीत गए हैं. उन्होंने CPIM के डॉ सत्येंद्र यादव को हरा दिया है. डॉ सत्येंद्र यादव को 58668 वोट मिलें हैं. बता दें कि इस सीट पर 6 नवंबर को पहले चरण में मतदान संपन्न हुआ था.
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को मिली प्रचंड जीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते कहा कि साथियों, कांग्रेस के सहयोगी दल अब समझने लगे हैं कि कांग्रेस की नकारात्मक राजनीति से सभी एक साथ नुकसान में हैं. बिहार चुनाव के दौरान भी कहा गया था कि कांग्रेस अपने नामदारों के साथ चुनाव में खुद और साथ ही दूसरों को डुबो रही है.
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को मिली प्रचंड जीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय पहुंचे. इस दौरान भारी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता वहां मौजूद थे. कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बिहार के लोगों ने तो बिल्कुल गर्दा उड़ा दिया. देखें उनके संबोधन के अंश.
बिहार में NDA की बंपर जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दिल्ली के बीजेपी दफ्तर पहुंचने वाले हैं, जहां कार्यकर्ता उत्साहित हैं. बिहार में मुख्यमंत्री पद को लेकर बहस जारी है, लेकिन बीजेपी कार्यकर्ताओं का मानना है कि इस बार मुख्यमंत्री बीजेपी के होंगे. चिराग पासवान युवा नेता के रूप में उभर रहे हैं और उन्होंने बिहार फर्स्ट व बिहारी फर्स्ट के नारे को लोकप्रिय बनाया है.
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों का विश्लेषण करते हुए कहा गया है कि महिलाओं को दस हजार रुपए नकद दिए जाने और जनता दल यूनाइटेड के मजबूत प्रदर्शन ने बीजेपी को बहुमत दिलाने में मदद की. राजद के वादे पूरे नहीं हो पाए और महागठबंधन कमजोर दिखा. सीमांचल में ओवैसी फैक्टर भी बढ़ा जबकि प्रशांत किशोर की पार्टी पिछड़ गई। गठबंधन में सीट शेयरिंग और एकजुटता की कमी साफ नजर आई.
चिराग पासवान की पार्टी Lok Janshakti Party (Ram Vilas) ने एक बार फिर सफलता का परचम लहराया है. उन्होंने न केवल लोकसभा चुनावों में 100 प्रतिशत सफलता हासिल की बल्कि हाल के विधानसभा चुनावों में भी शानदार प्रदर्शन किया है. अपने परिवार के साथ जश्न मनाते हुए, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अपनी वफादारी और विश्वास स्पष्ट रूप से व्यक्त किया.
बीजेपी प्रवक्ता कुंतल कृष्णन ने बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत पर बात की. उन्होंने बताया कि बिहार की जनता ने पांचवीं बार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए को भारी बहुमत दिया है. मुख्यमंत्री का चयन विधानमंडल दल और गठबंधन नेताओं की बैठक के बाद किया जाएगा. कुंतल कृष्णन ने नीतिश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कही और स्पष्ट किया कि संवैधानिक प्रक्रिया के अनुसार विधायक दल ही मुख्यमंत्री चुनता है.
बिहार में राज्य चुनाव रुझानों में NDA ने ऐतिहासिक बढ़त बना ली है जो लगभग 206 सीटों के आस-पास है. यह पहले के चुनाव, खासकर 2010 के आंकड़ों से मेल खाता है जहां NDA ने बड़ी जीत हासिल की थी. वर्तमान रुझान यह संकेत देते हैं कि NDA आगामी परिणामों में भी मजबूती से विजयी होकर पंद्रह साल पहले की जीत दोहरा सकता है.
सह प्रभारी केशव प्रसाद मौर्या का बिहार की ऐतिहासिक जीत में महत्वपूर्ण योगदान रहा है. ऐसे में उन्होनें बिहार में NDA की ऐतिहासिक जीत पर बात की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति बिहार वासियों का गहरे भरोसे को इस सफलता का मुख्य कारण जनता ने उन पर विश्वास जताया जिन्होंने देश और बिहार के लिए अपना सब कुछ समर्पित किया.
बिहार के चुनाव नतीजों में एनडीए को भारी बढ़त है. वहीं, महागठबंधन से आरजेडी प्रदेश में तीसरी बड़ी पार्टी बनती नजर आ रही है और कांग्रेस पिछले बार जिन सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब हुई थी, उनपर भी उसे झटका लगने के रुझान आ रहे हैं. कांग्रेस को बिहार में क्यों मिला बड़ा झटका? देखें पार्टी प्रवक्ता डॉली शर्मा का जवाब.