JD(U)
RJD
JSP
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NOTA
IND
IND
BSP
IND
JSJD
IND
BPJM
Jagdishpur Chunav Results Live: जगदीशपुर निर्वाचन क्षेत्र का रिजल्ट घोषित, Sribhagwan Singh Kushwaha ने 18193 वोटों के अंतर से दर्ज की जीत
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यह बहुत कम ही होता है कि कोई स्थान किसी ऐसे व्यक्ति के लिए जाना जाए जिसकी मृत्यु 167 वर्ष पहले हो गई हो. लेकिन जगदीशपुर, जो बिहार के भोजपुर जिले का एक उपखंड है, आज भी वीर कुंवर सिंह की बहादुरी के लिए याद किया जाता है. अगर कुंवर सिंह को इस कहानी से हटा दिया जाए, तो केवल एक ऐसा क्षेत्र बचता है जो अब भी बुनियादी विकास के लिए संघर्ष कर रहा है.
कुंवर सिंह, जो 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख योद्धा और जगदीशपुर रियासत के शासक थे, की वीरता को अंग्रेजों ने भी माना. ब्रिटिश शासन के अधीन दानापुर छावनी में तैनात भारतीय सैनिकों की कमान संभालने वाले 79 वर्षीय इस बुजुर्ग योद्धा की कल्पना कीजिए. जब एक ब्रिटिश गोली ने उनकी बाईं कलाई को घायल कर दिया, तो उन्होंने तुरंत तलवार से अपना हाथ काट डाला ताकि संक्रमण न फैले. एक वर्ष बाद, उम्र संबंधी बीमारियों के कारण उनका निधन हुआ, लेकिन उन्होंने भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूतों में अपना नाम अमर कर लिया. आज उनका एक भव्य प्रतिमा जगदीशपुर किले के सामने स्थित है, जो उनके पुराने निवास स्थान के रूप में जगदीशपुर राज की गौरवशाली गाथा सुनाती है.
कुंवर सिंह के पूर्वज उज्जैन के परमार या उज्जैनिया राजपूत थे, जिन्होंने बिहार के गंगा मैदानों तक अपने साम्राज्य का विस्तार कर चुके चेरो वंश को हराकर जगदीशपुर रियासत की स्थापना की थी. जगदीशपुर का नाम भगवान विष्णु के एक नाम "जगदीश" से लिया गया माना जाता है.
जगदीशपुर जिला मुख्यालय आरा से लगभग 35 किलोमीटर, राज्य की राजधानी पटना से लगभग 70 किलोमीटर, बक्सर से करीब 60 किलोमीटर और उत्तर प्रदेश के वाराणसी से लगभग 150 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है. इसके उत्तर में गंगा और पास में सोन नदी बहती है, जो इस क्षेत्र की कृषि समृद्धि में योगदान देती हैं.
जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1951 में हुई थी और यह आरा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. इसमें जगदीशपुर, बिहिया और शाहपुर ब्लॉक शामिल हैं. यह उपखंड कुल 323.13 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला है. 2011 की जनगणना के अनुसार, इस उपखंड की जनसंख्या 2,63,959 थी, जिसमें लिंग अनुपात प्रति 1000 पुरुषों पर 909 महिलाएं था. जनसंख्या घनत्व 1,024 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी था और साक्षरता दर 56.25% थी. इसमें पुरुष साक्षरता 65.75% और महिला साक्षरता 45.81% थी, जो एक गंभीर लिंग असमानता को दर्शाता है.
2011 में, उपखंड के 79 गांवों में सभी को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध था. इनमें से 69 गांवों में स्कूल, 30 में प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएं, 55 में पक्की सड़कें और 35 में बिजली थी. कुल भूमि का 81.5% भाग कृषि योग्य था, और इसमें से 83% भूमि सिंचित थी.
2020 के विधानसभा चुनावों में, जगदीशपुर क्षेत्र में 14.99% अनुसूचित जाति और 5.4% मुस्लिम मतदाता थे. यह क्षेत्र मुख्य रूप से ग्रामीण है, जहां केवल 7.82% शहरी मतदाता हैं. पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 2020 में 3,08,746 थी, जो 2024 के लोकसभा चुनाव में बढ़कर 3,13,785 हो गई. 2020 में मतदान प्रतिशत मात्र 54.52% रहा.
1952 से अब तक हुए 16 विधानसभा चुनावों में जगदीशपुर के मतदाताओं ने मुख्य रूप से मध्यम-वाम झुकाव वाली पार्टियों को प्राथमिकता दी है. कांग्रेस ने इस सीट पर चार बार जीत दर्ज की, जबकि राजद और जदयू (सामता पार्टी सहित) ने तीन-तीन बार. दो बार निर्दलीय उम्मीदवारों ने और एक-एक बार प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, लोकदल, इंडियन पीपुल्स फ्रंट और जनता दल ने जीत दर्ज की. हाल के वर्षों में यह क्षेत्र नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव जैसे पूर्व सहयोगियों के बीच प्रतिद्वंद्विता का केंद्र बन गया है. नीतीश कुमार की पार्टी ने यहां लगातार तीन बार जीत हासिल की, लेकिन राजद ने 2010, 2015 और 2020 में विजय हासिल की.
2020 में नीतीश कुमार और चिराग पासवान के बीच टकराव के कारण पासवान की एलजेपी ने एनडीए छोड़ दी, जिससे इस सीट पर गठबंधन को बड़ा नुकसान हुआ. जदयू ने आधिकारिक उम्मीदवार उतारा, जबकि एलजेपी ने अपना प्रत्याशी खड़ा किया, जो दूसरे स्थान पर रहा. यदि दोनों पार्टियों के वोटों को जोड़ दिया जाए, तो वे राजद के कुल वोटों से अधिक होते.
अब जब ये दोनों पार्टियां फिर से भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हो गई हैं, तो 2024 के लोकसभा चुनाव में जगदीशपुर क्षेत्र की स्थिति उनके लिए चिंता का कारण हो सकती है. आरा लोकसभा सीट के जगदीशपुर खंड में, राजद समर्थित भाकपा (माले-लिबरेशन) ने भाजपा से 20,172 वोटों की बढ़त हासिल की है.
(अजय झा)
Sribhagwan Singh Kushwaha
LJP
Shushumlata Kushwaha
JD(U)
Anil Kumar Singh
IND
Shyam Nandan
BSP(A)
Dinesh Kumar Singh
JAP(L)
Binod Kumar
IND
Haribansh Pandit
IND
Sachchindanand Singh
JNP
Narendra Pratap Singh
IND
Amarjeet Kumar
JPJD
Nota
NOTA
Rana Pratap Singh
BSLP
Hira Lal Singh
IND
Mohammad Sagir Ahmad
JTLP
Narayan Singh
VPI
Rajeshwar Singh
PSS
Gopal Jee Singh
JD(S)
Jitendra Kumar
STBP
बिहार विधानसभा चुनाव की गूंज यूपी की सियासी जमीन पर भी सुनाई पड़ रही है. इसकी वजह यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ बिहार में एनडीए को जिताने के लिए मशक्कत कर रहे थे तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने महागठबंधन के लिए पूरी ताकत झोंक दी. ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार का यूपी कनेक्शन क्या है?
इंडिया टुडे ने चुनाव आयोग के डेटा की गहराई से जांच की और पाया कि SIR और चुनाव नतीजों के बीच कोई सीधा या समझ में आने वाला पैटर्न दिखता ही नहीं. हर बार जब एक ट्रेंड बनता लगता है, तुरंत ही एक दूसरा आंकड़ा उसे तोड़ देता है. बिहार चुनाव में NDA ने 83% सीटें जीतीं, पर SIR से जुड़े नतीजे अलग कहानी कहते हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में एक दिलचस्प पैटर्न सामने आया है. जहां सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से जीती गई पांचों सीटें NDA के खाते में गईं, वहीं बेहद कम मार्जिन वाली सीटों पर अलग-अलग दलों की जीत दर्ज हुई. चुनावी आंकड़े बताते हैं कि भारी अंतर वाली सीटों पर NDA का दबदबा स्पष्ट दिखा जबकि कम अंतर वाली सीटों पर मुकाबला बेहद करीबी रहा.
jamui result shreyasi singh: जमुई विधानसभा सीट से दूसरी बार श्रेयसी ने राजद के मोहम्मद शमसाद आलम को 54 हजार वोटों से हराकर जीत हासिल की हैं.
बिहार चुनाव में महागठबंधन का प्रदर्शन बुरी तरह फ्लॉप रहा और RJD-कांग्रेस गठबंधन सिर्फ 35 सीटों पर सिमट गया. इसकी बड़ी वजहें थीं- साथी दलों के बीच लगातार झगड़ा और भरोसे की कमी, तेजस्वी को सीएम चेहरा बनाने का विवादास्पद फैसला, राहुल-तेजस्वी की कमजोर ट्यूनिंग और गांधी परिवार का फीका कैंपेन.
बिहार चुनाव 2025 में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद महागठबंधन बुरी तरह पिछड़ गया और आरजेडी अपने इतिहास की बड़ी हारों में से एक झेल रही है. इससे तेजस्वी यादव के नेतृत्व, रणनीति और संगठन पर गंभीर सवाल उठे हैं.
बिहार चुनाव के नतीजों ने साबित कर दिया कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की 'वोटर अधिकार यात्रा' राजनीतिक तौर पर कोई असर नहीं छोड़ पाई. जिस-जिस रूट से यह यात्रा गुज़री, वहां महागठबंधन लगभग साफ हो गया और एनडीए ने भारी जीत दर्ज की. कांग्रेस का दावा था कि यात्रा वोट चोरी के खिलाफ थी, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह महागठबंधन की चुनावी जमीन मजबूत करने की कोशिश थी, जो पूरी तरह असफल रही.
बिहार चुनाव में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन पर पार्टी के भीतर निराशा है. शशि थरूर ने 'गंभीर आत्मनिरीक्षण' की मांग की, जबकि अन्य नेताओं ने हार का कारण संगठन की कमजोरी, गलत टिकट वितरण और जमीनी हकीकत से कटे कुछ नेताओं को बताया.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सीमांचल क्षेत्र की पांच सीटों पर AIMIM ने अपनी मजबूत उपस्थिति को जारी रखा है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बहादुरगंज, कोचा धामन, अमौर और बाबसी जैसी महत्वपूर्ण सीटों पर जनता ने AIMIM को दोबारा जीत दी है. अमौर सीट पर पार्टी के एकमात्र विधायक अख्तरुल इमान ने सफलता पाई जो जनता के भरोसे और पार्टी संगठन की कड़ी मेहनत का परिणाम है.
बिहार चुनाव में एनडीए की शानदार जीत पर चिराग पासवान ने अपने विचार साझा किए. उन्होंने बताया कि बिहार के लोगों ने सही समय पर सही फैसला लिया, और डबल इंजन सरकार ने विकास की राह को मजबूत किया. उन्होंने चुनावी रणनीति, गठबंधन की भूमिका और राजनीतिक चुनौतियों पर भी खुलकर बात की.