CPI(ML)(L)
JD(U)
IND
JSP
BSP
Nota
NOTA
IND
IND
LJD
IND
IND
IND
JGJP
IND
Karakat Vidhan Sabha Chunav Result: Arun Singh ने काराकाट विधानसभा सीट पर लहराया परचम
Karakat Vidhan Sabha Result Live: बिहार इलेक्शन रिजल्ट अपडेट्स कैसे चेक करें?
Karakat Vidhan Sabha Chunav Result Live: काराकाट विधानसभा क्षेत्र में CPI(ML)(L) और JD(U) के बीच नजदीकी मुकाबला!
Karakat Assembly Election Result Live: CPI(ML)(L) उम्मीदवार 73793 वोट पाकर सबसे आगे, कौन दूसरे नंबर पर? जानिए काराकाट सीट का हाल
Bihar Assembly Election Results 2025 Live: दिग्गज कैंडिडेट्स के क्या हैं हाल?
Karakat Vidhan Sabha Chunav Result Live: काराकाट विधानसभा क्षेत्र में CPI(ML)(L) और JD(U) के बीच नजदीकी मुकाबला!
बिहार के रोहतास जिले के बिक्रमगंज अनुमंडल में स्थित काराकट एक ब्लॉक है, जिसकी भौगोलिक स्थिति और ऐतिहासिक विरासत दोनों ही इसे खास बनाते हैं. काराकट से लगभग 15 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम दिशा में सोन नदी बहती है, जो इस क्षेत्र की भूमि को उपजाऊ बनाती है. यहां की उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी में चावल और गेहूं समेत कई फसलों की भरपूर खेती होती है. नजदीकी शहरों में डेहरी-ऑन-सोन (20 किलोमीटर), जिला मुख्यालय सासाराम (35 किलोमीटर), और बिक्रमगंज (50 किलोमीटर) प्रमुख हैं.
इतिहास की दृष्टि से करकट का क्षेत्र प्राचीन मगध साम्राज्य (छठी–चौथी शताब्दी ई.पू.), मौर्य साम्राज्य (तीसरी शताब्दी ई.पू.), गुप्त साम्राज्य (चौथी–छठी शताब्दी ई.) और पाल वंश (आठवीं–बारहवीं शताब्दी ई.) के अधीन रहा है. बारहवीं शताब्दी के बाद यह क्षेत्र खरवार और चेरो जैसे आदिवासी शासकों के नियंत्रण में आया, जिन्होंने बाहरी आक्रमणों का विरोध किया. सोलहवीं शताब्दी में यह शेरशाह सूरी के अधीन चला गया, जिनकी राजधानी सासाराम ही थी.
सूरी वंश के पतन के बाद काराकट सीधे मुगलों के शासन में आ गया. 1764 की बक्सर की लड़ाई के बाद यह ईस्ट इंडिया कंपनी के अधीन चला गया. मुगल काल से ही यहां जमींदारी व्यवस्था का प्रचलन शुरू हो गया था. जगदीशपुर के बाबू कुंवर सिंह के प्रभाव के कारण, काराकट के गांवों ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लिया.
2011 की जनगणना के अनुसार, काराकट ब्लॉक का क्षेत्रफल 202 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें कुल जनसंख्या 2,09,284 थी. जनसंख्या घनत्व 1,036 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर था और लिंगानुपात 1,000 पुरुषों पर 919 महिलाएं था. कुल 143 गांवों में 31,555 घर थे, जिनमें से 47 गांवों की आबादी 1,000 से कम थी और 47 गांवों की जनसंख्या 1,000 से 1,999 के बीच थी. काराकट की साक्षरता दर 61.64% थी, जिसमें पुरुष साक्षरता 71.13% और महिला साक्षरता 51.33% थी.
काराकट विधानसभा क्षेत्र के रूप में 1967 में स्थापित हुआ था. यह सामान्य श्रेणी की सीट है और काराकट लोकसभा क्षेत्र के छह विधानसभा खंडों में से एक है. अब तक हुए 14 विधानसभा चुनावों में, माले (लिबरेशन) के अरुण सिंह कुशवाहा ने चार बार जीत दर्ज की है. संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, कांग्रेस, जनता पार्टी और जनता दल ने दो-दो बार और जेडीयू व राजद ने एक-एक बार सीट जीती है.
अरुण सिंह कुशवाहा ने 2020 के विधानसभा चुनाव में एक दशक बाद जीत हासिल की जब उनकी पार्टी ने राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन से गठबंधन किया. उन्होंने भाजपा के राजेश्वर राज को 18,189 वोटों से हराया. हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव में माले उम्मीदवार की बढ़त केवल 6,599 वोटों की रही, जिससे भाजपा को उम्मीद है कि यदि वह अपने एनडीए सहयोगियों को एकजुट रख सके तो काराकट में पहली जीत हासिल कर सकती है.
जनसांख्यिकीय दृष्टिकोण से काराकट में लगभग 17.61% अनुसूचित जाति के मतदाता हैं, जबकि मुस्लिम मतदाता लगभग 8.6% हैं. यह मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्र है, जहां केवल 11.13% मतदाता शहरी हैं. 2020 विधानसभा चुनाव में यहां 328,648 पंजीकृत मतदाताओं में से 52.28% ने मतदान किया था. 2024 लोकसभा चुनाव में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या बढ़कर 337,162 हो गई.
(अजय झा)
Rajeshwar Raj
BJP
Amit Kumar Singh
RJLP(S)
Malti Singh
RLSP
Nota
NOTA
Hare Ram Singh
IND
Banshidhar Singh
IND
Ashok Kumar Singh
IND
Umesh Kumar
JAP(L)
Sweta Singh
IND
Binay Kumar
IND
Dharmendra Kumar Ram
IND
Baban Singh
IND
Lal Bahadur Yadav
SUCI
Karakat Vidhansabha Chunav Result 2025: काराकाट सीट से पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह हार गईं. सीपीआई माले के डॉक्टर अरुण कुमार ने 2836 वोट से जीत हासिल की है. वहीं, जेडीयू के महाबली सिंह को 71 हजार 321 वोट मिले और ज्योति सिंह को 23 हजार 469 वोट मिले .
पावर स्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति भी काराकाट से चुनाव लड़ रही हैं. वो निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरी हैं. ज्योति को कैंपेन के दौरान निजी जिंदगी को लेकर भावुक होते देखा जा रहा है.
बिहार विधानसभा चुनाव में काराकाट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहीं पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने अपने राजनीतिक सफर और निजी जीवन पर करते हुए कहा कि सुलह की कोशिशों के दौरान जब उन्होंने प्रतिष्ठित लोगों से गुहार लगाई तो उन्हें निराशा हाथ लगी. उन्होंने बताया कि एनडीए और महागठबंधन, दोनों से टिकट की कोशिश नाकाम होने के बाद उन्होंने निर्दलीय लड़ने का फैसला किया.
भोजपुरी स्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने काराकाट सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर राजनीति में कदम रख दिया है. उनके मैदान में उतरने से भोजपुरी इंडस्ट्री में हलचल मच गई है. बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की 122 सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया आज पूरी हो गई.
भोजपुरी पावर स्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह असमंसजस की स्थिति में पड़ गई हैं. उनकी निजी जिंदगी में तो उथल-पुथल चल ही रही थी लेकिन अब उनकी राजनीतिक राह भी मुश्किलों से भरी है. ज्योति जो भी करती हैं पब्लिकली ऐलान करती हैं. उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट के जरिए पूछा है कि वो चुनाव लड़ें या नहीं.
पवन सिंह ने बिहार विधानसभा चुनाव न लड़ने का ऐलान कर विवादों को टालने की कोशिश की है, लेकिन आगे का प्लान भी तैयार लगता है. संभव है, पवन सिंह की जगह उनकी मां चुनाव मैदान में दिखें, लेकिन वो भी अस्थाई व्यवस्था होगी, ऐसी खबरें आ रही हैं.
बिहार में एनडीए के भीतर सीट बंटवारे को लेकर गहमागहमी तेज हो गई है, जिसमें उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) केंद्र में है. चर्चा है कि कुशवाहा की पार्टी को मधुबनी, बाजपट्टी, दिनारा और काराकाट जैसे इलाकों में सीटें मिल सकती हैं. सुजीत झा के अनुसार, ‘उपेन्द्र कुशवाहा का ये अपना फार्मूला था कि जो उनकी सीटें हैं, वो उन इलाकों में होनी चाहिए जहां उनका प्रभाव है’.
भोजपुरी स्टार पवन सिंह ने ऐलान किया है कि वह बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, जिसके बाद सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है. यह फैसला उनकी पत्नी ज्योति सिंह और जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर की मुलाकात के ठीक बाद आया, जिससे पारिवारिक विवाद के राजनीतिक रूप लेने की अटकलें लगाई जा रही थीं.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों के ऐलान के बाद भी सियासी गलियारों में सस्पेंस बरकरार है. तेजस्वी यादव, प्रशांत किशोर और चिराग पासवान इसके मुख्य केंद्र है. तेजस्वी दो सीटों से चुनाव लड़ सकते है, जिसमें राघोपुर के साथ फुलपरास या काराकाट सीट शामिल है. इसकी वजह राघोपुर से प्रशांत किशोर के चुनाव लड़ने की संभावना मानी जा रही है.
बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए की जीत की भरोसा जताया और पिछले लोकसभा चुनाव में अपने दल के प्रदर्शन को बेहतर बताया. उन्होंने कराकत लोकसभा सीट पर बीजेपी नेताओं के फैसले पर सवाल उठाया.