बड़हरिया, बिहार के सीवान जिले में स्थित एक प्रमुख ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र है. यह क्षेत्र पचरुखी प्रखंड और बड़हरिया प्रखंड के 23 ग्राम पंचायतों को सम्मिलित करता है. गंडक नदी की सहायक नदियों से पोषित यह क्षेत्र गंगा के उपजाऊ मैदानों में स्थित है, जहां कृषि मुख्य आर्थिक आधार है. यहां के किसान मुख्य रूप से धान, गेहूं और दलहन की खेती करते हैं. इसके अलावा, व्यापार और अन्य राज्यों में काम करने वाले परिजनों से प्राप्त रेमिटेंस भी कई परिवारों की आय का स्रोत है.
निकटतम रेलवे स्टेशन जिला मुख्यालय सीवान में स्थित है, जो लगभग 15 किलोमीटर दूर है. उत्तर में गोपालगंज 40 किलोमीटर तथा दक्षिण-पूर्व में छपरा 50 किलोमीटर की दूरी पर है. उत्तर प्रदेश के देवरिया और बलिया क्रमशः 70 और 85 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं. राज्य की राजधानी पटना यहां से लगभग 145 किलोमीटर दूर है. हालांकि बड़हरिया में कोई बड़ा शहरी केंद्र नहीं है, लेकिन हाल के वर्षों में सार्वजनिक आधारभूत ढांचे में धीरे-धीरे सुधार देखा गया है.
बड़हरिया विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1951 में हुई थी. हालांकि, 1972 के विधानसभा चुनावों के बाद यह क्षेत्र समाप्त कर दिया गया और तीन दशक तक अस्तित्व से बाहर रहा. 2008 की परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद इसे फिर से स्थापित किया गया. 1952 में हुए उपचुनाव समेत अब तक यहां कुल 10 बार चुनाव हो चुके हैं.
शुरुआती वर्षों में कांग्रेस का प्रभाव यहां मजबूत था, जिसने 1951 से 1957 तक लगातार तीन बार जीत हासिल की. हालांकि, 1957 के बाद कांग्रेस की विजयगाथा थम गई और मतदाताओं ने वैकल्पिक विचारधाराओं को अपनाना शुरू कर दिया. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने दो बार जीत दर्ज की, जबकि प्रजा सोशलिस्ट पार्टी और भारतीय जनसंघ (जो आगे चलकर बीजेपी बनी) ने भी एक-एक बार सीट पर कब्जा किया.
2010 में पुनः स्थापित होने के बाद जनता दल (यूनाइटेड) ने इस क्षेत्र में दो बार (2010 और 2015) जीत हासिल की. 2010 में 14,583 और 2015 में 21,121 वोटों के अंतर से उसने जीत दर्ज की. लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद ने 3,559 वोटों के मामूली अंतर से यह सीट छीन ली. इसमें लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) की भूमिका निर्णायक रही, जिसने एनडीए से अलग होकर अपना उम्मीदवार खड़ा किया. हालांकि एलजेपी को सिर्फ 5,065 वोट मिले और उसकी जमानत जब्त हो गई, फिर भी उसने जदयू की हार सुनिश्चित कर दी.
2020 के चुनाव में बड़हरिया में कुल 3,01,921 पंजीकृत मतदाता थे, जिनमें से 57.15 प्रतिशत ने मतदान किया. इसमें लगभग 74,574 मुस्लिम मतदाता (24.7%) थे. अनुसूचित जातियों के 35,566 (11.78%) और अनुसूचित जनजातियों के 5,465 (1.81%) मतदाता थे. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग ने मतदाता संख्या 3,15,304 बताई, जिसमें से 2,681 मतदाता 2020 की सूची से बाहर हो चुके थे.
2024 के लोकसभा चुनावों में बड़हरिया में राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव देखने को मिला. एलजेपी के फिर से एनडीए में लौटने के बाद जदयू ने मजबूती से वापसी की. 2020 के विधानसभा चुनावों में जहां राजद और उसके सहयोगी सीपीआई (एमएल) (लिबरेशन) ने सीवान की छह में से पांच सीटों पर बढ़त बनाई थी, वहीं 2024 में जदयू ने पांच सीटों पर बढ़त बनाई और एक सीट पर एक निर्दलीय उम्मीदवार आगे रहा. बड़हरिया में राजद तीसरे स्थान पर खिसक गया, जदयू और निर्दलीय उम्मीदवार हिना साहब (पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी) से पीछे रह गया.
2025 के आगामी विधानसभा चुनावों में बड़हरिया एक बार फिर जोरदार मुकाबले का गवाह बन सकता है. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज की संभावित एंट्री दोनों प्रमुख गठबंधनों के वोट बैंक में सेंध लगा सकती है और समीकरणों को पूरी तरह बदल सकती है.
BSP
JSP
AAP
RJD
JD(U)
JGJP
IND
IND
IND
IND
IND
Nota
NOTA
Shyam Bahadur Singh
JD(U)
Birabahadur Singh
LJP
Bandana Devi
RLSP
Nota
NOTA
Muzaffer Imam
IND
Ranjeet Kumar Singh
IND
Ashraf Ali
IND
Rizwan Ahmad
IND
Anil Kumar Giri
IND
Mantu Kumar
IND
Ashok Kumar Kushwaha
AKP
Mumtaj Alam
BPCP
Mohammad Tausif
IND
Umesh Kumar Singh
IND
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना शुक्रवार सुबह 8 बजे से शुरू होगी और जनता बताएगी कि बिहार का मुस्तकबिल उसने किस गठबंधन के हाथ में दिया है. चुनाव परिणामों के पहले ही सभी पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों की जीत का दावा कर रही हैं.
बेगूसराय में राजद जिलाध्यक्ष मोहित यादव पर फेसबुक लाइव में डीएम पर लूट और मतगणना में धांधली के आरोप लगाने के बाद एफआईआर दर्ज हुई है. उन्होंने वीडियो में हजारों समर्थकों से मतगणना केंद्र पहुंचने की अपील की थी. सीओ रवि शंकर के आवेदन पर साइबर थाने में आईटी एक्ट और आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे कल आने वाले हैं लेकिन उससे पहले सियासत गरमा गई है. RJD और महागठबंधन ने आरोप लगाया है कि अगर काउंटिंग रुकी तो हालात नेपाल जैसे हो जाएंगे. वहीं लगातार काउंटिंग में धांधली की आशंका जताई जा रही है. NDA ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि यह हार की खीज है.
Bihar Election Result News LIVE Updates: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों की मतगणना शुक्रवार, 14 नवंबर को सुबह 8 बजे से शुरू होगी. इस बार दो चरणों में मतदान हुआ था. 243 सीटों वाले विधानसभा चुनाव में बहुमत के लिए 122 सीटों की जरूरत है. प्रशासन ने सभी जिलों में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए हैं.
बिहार विधानसभा चुनावों के एग्जिट पोल बताते हैं कि चिराग पासवान से जिस तरह की सफलता की उम्मीद थी वो दिखाई नहीं दे रही है. चुनावों के पहले तक खुद को मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की तरह प्रोजेक्ट कर रहे चिराग कहीं फंस तो नहीं गए हैं?
आरजेडी एलएलसी सुनील सिंह ने मतगणना को लेकर विवादित और भड़काऊ बयान दिया है. इसको लेकर बिहार डीजीपी विनय कुमार के आदेश पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. वहीं आरजेडी ने बचाव करते हुए कहा है कि बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है.
बिहार एग्जिट पोल पर बात करते हुए कांग्रेस नेता राजेश ठाकुर ने बड़ा दावा कर दिया. उन्होनें कहा कि महागठबंधन सरकार बनाने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है और तेजस्वी यादव राज्य के अगले मुख्यमंत्री बनने वाले हैं.
बिहार एग्जिट पोल पर कांग्रेस नेता राजेश ठाकुर ने गुस्सा जताया है. उन्होनें कहा 'चुनाव परिणामों को लेकर कई दबाव और मजबूरियां होती हैं, जिससे एक्जिट पोल में बढ़त दिखाना जरूरी हो जाता है. हालांकि हजारों से कम सैंपल के आधार पर निर्णय लेना उचित नहीं है. कई सर्वे ऐसे भी हैं जो महागठबंधन की बढ़त को दर्शाते हैं.'
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महिला वोटर्स की बढ़ती भागीदारी ने चुनावी परिदृश्य को बदल दिया है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं का मतदान प्रतिशत 71.78% है जो पुरुषों के 62.98% से 9 प्रतिशत अधिक है. कई जिलों में महिलाओं ने पुरुषों से 14 प्रतिशत से अधिक मतदान किया है, जिसमें सुपौल, किशनगंज और मधुबनी प्रमुख हैं.
जेडीयू नेता नीरज कुमार ने मतगणना कीतारीख पर बयान दिया है. उन्होनें सभी राजनीतिक दलों के अभिकर्ताओं से अपील की है कि वे समय पर पहुंचें ताकि प्रक्रिया सुचारू रूप से हो सके. बिहार के घटक दलों के उम्मीदवारों ने संगठनिक तैयारी पूरी कर ली है ताकि मतगणना समय पर हो और यह बिहार के विकास में सहायक साबित हो.