JD(U)
INC
BSP
JSP
SBSP
ASP(K)
Nota
NOTA
SKVP
BHSP
RLJP
JDP(D)
IND
RJSBP
SRSTP
Rajpur (SC) Vidhan Sabha Election Results Live: राजपुर (एससी) विधानसभा सीट के नतीजे सामने आए, JD(U) ने INC को दी शिकस्त
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राजपुर, बिहार के रोहतास जिले में स्थित एक गांव और सामुदायिक विकास खंड है. यह एक विधानसभा क्षेत्र भी है, जिसमें राजपुर (रोहतास जिला) और इटाढ़ी (बक्सर जिला) के ब्लॉक शामिल हैं, साथ ही बक्सर जिले के डुमरांव ब्लॉक के कुछ पंचायतें भी इसमें आती हैं.
यह क्षेत्र मुख्यतः समतल और उपजाऊ मैदानी भागों वाला है, जो कृषि के लिए अनुकूल है. राजपुर सोन नदी के पास स्थित है, जबकि इटाढ़ी गंगा नदी के नजदीक है, जो बक्सर के पास बहती है. निकटवर्ती शहरों में सासाराम, बक्सर, डेहरी-ऑन-सोन, बिक्रमगंज और उत्तर प्रदेश का बलिया शामिल हैं.
2011 की जनगणना के अनुसार, राजपुर ब्लॉक की कुल जनसंख्या 75,213 थी, जिसमें लिंगानुपात 1,000 पुरुषों पर 915 महिलाएं था. साक्षरता दर 75.99% थी, जिसमें पुरुषों की साक्षरता 85.89% और महिलाओं की 65.16% थी. वहीं, इटाढ़ी ब्लॉक की जनसंख्या 1,70,629 थी, जिसमें लिंगानुपात 1,000 पुरुषों पर 937 महिलाएं और साक्षरता दर 68.77% जिसमें पुरुष 79.65% और महिलाएं 57.14% साक्षर हैं.
राजपुर विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है और इसकी स्थापना 1977 में हुई थी. यह बक्सर लोकसभा सीट के छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. 2020 के विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र में 3,24,038 पंजीकृत मतदाता थे, जो 2024 के लोकसभा चुनाव तक बढ़कर 3,40,961 हो गए. 2020 में यहां अनुसूचित जाति के मतदाताओं की हिस्सेदारी 18.9% थी, जबकि मुस्लिम मतदाता 5.4% थे. यह क्षेत्र पूर्णतः ग्रामीण है, शहरी मतदाता बिल्कुल नहीं हैं. उस वर्ष मतदान प्रतिशत 57.02% था.
1977 से अब तक इस क्षेत्र में 11 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं, और मतदाताओं ने किसी भी पार्टी को यह क्षेत्र अपनी मजबूत पकड़ मानने का मौका नहीं दिया. 2005 से शुरू होकर जनता दल (यूनाइटेड) ने इस सीट पर लगातार चार बार जीत दर्ज की. भाजपा और कांग्रेस ने इसे दो-दो बार जीता, जबकि जनता पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) और बहुजन समाज पार्टी ने एक-एक बार जीत हासिल की. 2020 में कांग्रेस के विश्वनाथ राम ने जेडीयू के मौजूदा विधायक संतोष कुमार निराला को 21,204 वोटों से हराया. यह जीत कांग्रेस के लिए ऐतिहासिक रही, क्योंकि पार्टी ने 1980 के बाद पहली बार इस सीट पर विजय पाई थी.
ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस महागठबंधन की ओर से एक बार फिर इस सीट पर चुनाव लड़ेगी. वहीं, सत्ताधारी एनडीए को इस बार रणनीति पर विशेष ध्यान देना होगा. जेडीयू के निराला, जिन्होंने 2010 और 2015 में जीत दर्ज की थी, को 2020 में भारी पराजय का सामना करना पड़ा. अब एनडीए को यह मूल्यांकन करना होगा कि यह हार विधायक निराला के खिलाफ जनमत था या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति नाराजगी, जिनकी लोकप्रियता में उस समय भारी गिरावट आई थी.
बीजेपी ने यह संकेत दिया है कि इस बार वह जेडीयू से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, और राजपुर उन सीटों में शामिल हो सकता है. हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव में राजद ने बक्सर सीट जीती, और बीजेपी, जिसने बक्सर सीट से चुनाव लड़ा था, राजपुर में राजद से पीछे रही.
(अजय झा)
Santosh Kumar Nirala
JD(U)
Sanjay Ram
BSP
Nirbhaya Kumar Nirala
LJP
Ajad Paswan
SBSP
Nota
NOTA
Chhedi Lal Ram
IND
Neelkamal Prasad
IND
Nikunj Kumar Aryan
IND
Hare Ram Prasad
BSLP
Ashok Kumar Ram
BMP
Savinay Kumar
BAAP
Suraj Prakash Ram
SKVP
Ashok Paswan
RJNP
Mohan Ram Rajak
PPI(D)
बिहार विधानसभा चुनाव की गूंज यूपी की सियासी जमीन पर भी सुनाई पड़ रही है. इसकी वजह यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ बिहार में एनडीए को जिताने के लिए मशक्कत कर रहे थे तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने महागठबंधन के लिए पूरी ताकत झोंक दी. ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार का यूपी कनेक्शन क्या है?
इंडिया टुडे ने चुनाव आयोग के डेटा की गहराई से जांच की और पाया कि SIR और चुनाव नतीजों के बीच कोई सीधा या समझ में आने वाला पैटर्न दिखता ही नहीं. हर बार जब एक ट्रेंड बनता लगता है, तुरंत ही एक दूसरा आंकड़ा उसे तोड़ देता है. बिहार चुनाव में NDA ने 83% सीटें जीतीं, पर SIR से जुड़े नतीजे अलग कहानी कहते हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में एक दिलचस्प पैटर्न सामने आया है. जहां सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से जीती गई पांचों सीटें NDA के खाते में गईं, वहीं बेहद कम मार्जिन वाली सीटों पर अलग-अलग दलों की जीत दर्ज हुई. चुनावी आंकड़े बताते हैं कि भारी अंतर वाली सीटों पर NDA का दबदबा स्पष्ट दिखा जबकि कम अंतर वाली सीटों पर मुकाबला बेहद करीबी रहा.
jamui result shreyasi singh: जमुई विधानसभा सीट से दूसरी बार श्रेयसी ने राजद के मोहम्मद शमसाद आलम को 54 हजार वोटों से हराकर जीत हासिल की हैं.
बिहार चुनाव में महागठबंधन का प्रदर्शन बुरी तरह फ्लॉप रहा और RJD-कांग्रेस गठबंधन सिर्फ 35 सीटों पर सिमट गया. इसकी बड़ी वजहें थीं- साथी दलों के बीच लगातार झगड़ा और भरोसे की कमी, तेजस्वी को सीएम चेहरा बनाने का विवादास्पद फैसला, राहुल-तेजस्वी की कमजोर ट्यूनिंग और गांधी परिवार का फीका कैंपेन.
बिहार चुनाव 2025 में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद महागठबंधन बुरी तरह पिछड़ गया और आरजेडी अपने इतिहास की बड़ी हारों में से एक झेल रही है. इससे तेजस्वी यादव के नेतृत्व, रणनीति और संगठन पर गंभीर सवाल उठे हैं.
बिहार चुनाव के नतीजों ने साबित कर दिया कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की 'वोटर अधिकार यात्रा' राजनीतिक तौर पर कोई असर नहीं छोड़ पाई. जिस-जिस रूट से यह यात्रा गुज़री, वहां महागठबंधन लगभग साफ हो गया और एनडीए ने भारी जीत दर्ज की. कांग्रेस का दावा था कि यात्रा वोट चोरी के खिलाफ थी, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह महागठबंधन की चुनावी जमीन मजबूत करने की कोशिश थी, जो पूरी तरह असफल रही.
बिहार चुनाव में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन पर पार्टी के भीतर निराशा है. शशि थरूर ने 'गंभीर आत्मनिरीक्षण' की मांग की, जबकि अन्य नेताओं ने हार का कारण संगठन की कमजोरी, गलत टिकट वितरण और जमीनी हकीकत से कटे कुछ नेताओं को बताया.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सीमांचल क्षेत्र की पांच सीटों पर AIMIM ने अपनी मजबूत उपस्थिति को जारी रखा है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बहादुरगंज, कोचा धामन, अमौर और बाबसी जैसी महत्वपूर्ण सीटों पर जनता ने AIMIM को दोबारा जीत दी है. अमौर सीट पर पार्टी के एकमात्र विधायक अख्तरुल इमान ने सफलता पाई जो जनता के भरोसे और पार्टी संगठन की कड़ी मेहनत का परिणाम है.
बिहार चुनाव में एनडीए की शानदार जीत पर चिराग पासवान ने अपने विचार साझा किए. उन्होंने बताया कि बिहार के लोगों ने सही समय पर सही फैसला लिया, और डबल इंजन सरकार ने विकास की राह को मजबूत किया. उन्होंने चुनावी रणनीति, गठबंधन की भूमिका और राजनीतिक चुनौतियों पर भी खुलकर बात की.