JD(U)
BSP
INC
JSP
IND
Nota
NOTA
IND
CPI
IND
LSP(L)
RSANP
IND
RJSBP
Kargahar Chunav Results Live: करगहर निर्वाचन क्षेत्र का रिजल्ट घोषित, Bashisth Singh ने 35676 वोटों के अंतर से दर्ज की जीत
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Kargahar Chunav Results Live: करगहर सीट पर JD(U) का वर्चस्व, 35365 वोटों के विशाल अंतर से BSP को पछाड़ा
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करगहर, बिहार के रोहतास जिले के सासाराम अनुमंडल का एक प्रखंड है, जो पूरी तरह से ग्रामीण क्षेत्र है. इसमें कोई बड़ा शहरी केंद्र नहीं है. इस प्रखंड में कुल 257 गांव हैं, जिनमें से 198 आबाद और 59 निर्जन हैं. इसका सबसे नजदीकी शहर जिला मुख्यालय सासाराम है.
भारतीय जनगणना 2011 के अनुसार, करगहर में लिंगानुपात 908 महिलाएं प्रति 1000 पुरुष था, जो रोहतास के ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे कम था. हालांकि, 0-6 वर्ष के आयु वर्ग में यह अनुपात कुछ संतुलित होता दिख रहा है. इस समूह में 1000 लड़कियों पर 918 लड़कों का अनुपात दर्ज किया गया.
शिक्षा की दृष्टि से यह क्षेत्र अभी भी चुनौतियों का सामना कर रहा है. यहां की कुल साक्षरता दर 73.71 प्रतिशत है, लेकिन इसमें भी लिंग के आधार पर बड़ा अंतर दिखाई देता है. पुरुषों में साक्षरता दर 73.71% जबकि महिलाओं में केवल 60.92% है.
इतिहास की बात करें तो, करगहर की पहचान लंबे समय तक सासाराम से जुड़ी रही है. न केवल भौगोलिक रूप से, बल्कि राजनीतिक रूप से भी. इस क्षेत्र को 2008 में परिसीमन के बाद अलग विधानसभा क्षेत्र का दर्जा मिला और 2010 में पहली बार यहां चुनाव हुआ.
राजनीतिक परिदृश्य की बात करें तो, यहां जनता दल (यूनाइटेड) ने 2010 और 2015 में क्रमशः 13,197 और 12,907 वोटों के अंतर से लगातार दो बार जीत दर्ज की. शुरुआत में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने यह सीट सहयोगी दलों- 2010 में कांग्रेस और 2015 में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, को दी, लेकिन अपेक्षित सफलता नहीं मिलने के बाद 2020 में खुद के प्रत्याशी को मैदान में उतारा और 4,083 वोटों के मामूली अंतर से जीत दर्ज की.
हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव में करगहर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को 3,035 वोटों की बढ़त मिली, जिससे यह संकेत मिलता है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में मुकाबला काफी कड़ा रहने वाला है.
यह सीट सामान्य श्रेणी की है और सासाराम (अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित) लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है. मतदाता संरचना की बात करें तो, अनुसूचित जातियों की भागीदारी लगभग 20.41% और मुस्लिम मतदाता करीब 6.4% हैं. क्षेत्र पूर्णतः ग्रामीण है और यहां कोई शहरी मतदाता नहीं है. 2020 के चुनावों में कुल 3,24,906 पंजीकृत मतदाताओं में से 59.85 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. 2024 के लोकसभा चुनाव में यह आंकड़ा बढ़कर 3,29,466 तक पहुंच गया.
कुल मिलाकर, करगहर न सिर्फ एक सामाजिक और शैक्षिक चुनौतियों वाला क्षेत्र है, बल्कि आगामी राजनीतिक भविष्य की दृष्टि से भी एक महत्वपूर्ण और रोचक मुकाबले का गवाह बनने जा रहा है.
(अजय झा)
Bashisht Singh
JD(U)
Uday Pratap Singh
BSP
Rakesh Kumar Singh
LJP
Neeraj Shukla
IND
Rinku Kumari
IND
Sima Kumari
JAP(L)
Arvind Kumar Singh
IND
Narad Seth
RSSD
Kamal Singh
IND
Paramhans Tiwari
IND
Lal Dhari Singh
IND
Ramashankar Tiwari
IND
Nota
NOTA
Deepak Kumar
IND
Vindyachal Devi
BSLP
Saurab Tiwari
BLRP
Shailesh Kumar
BAAP
Mohammad Shakil Ansari
SYVP
Ravi Patel
RJLP(S)
Sanjay Choubey
RJNP
बिहार विधानसभा चुनाव की गूंज यूपी की सियासी जमीन पर भी सुनाई पड़ रही है. इसकी वजह यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ बिहार में एनडीए को जिताने के लिए मशक्कत कर रहे थे तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने महागठबंधन के लिए पूरी ताकत झोंक दी. ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार का यूपी कनेक्शन क्या है?
इंडिया टुडे ने चुनाव आयोग के डेटा की गहराई से जांच की और पाया कि SIR और चुनाव नतीजों के बीच कोई सीधा या समझ में आने वाला पैटर्न दिखता ही नहीं. हर बार जब एक ट्रेंड बनता लगता है, तुरंत ही एक दूसरा आंकड़ा उसे तोड़ देता है. बिहार चुनाव में NDA ने 83% सीटें जीतीं, पर SIR से जुड़े नतीजे अलग कहानी कहते हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में एक दिलचस्प पैटर्न सामने आया है. जहां सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से जीती गई पांचों सीटें NDA के खाते में गईं, वहीं बेहद कम मार्जिन वाली सीटों पर अलग-अलग दलों की जीत दर्ज हुई. चुनावी आंकड़े बताते हैं कि भारी अंतर वाली सीटों पर NDA का दबदबा स्पष्ट दिखा जबकि कम अंतर वाली सीटों पर मुकाबला बेहद करीबी रहा.
jamui result shreyasi singh: जमुई विधानसभा सीट से दूसरी बार श्रेयसी ने राजद के मोहम्मद शमसाद आलम को 54 हजार वोटों से हराकर जीत हासिल की हैं.
बिहार चुनाव में महागठबंधन का प्रदर्शन बुरी तरह फ्लॉप रहा और RJD-कांग्रेस गठबंधन सिर्फ 35 सीटों पर सिमट गया. इसकी बड़ी वजहें थीं- साथी दलों के बीच लगातार झगड़ा और भरोसे की कमी, तेजस्वी को सीएम चेहरा बनाने का विवादास्पद फैसला, राहुल-तेजस्वी की कमजोर ट्यूनिंग और गांधी परिवार का फीका कैंपेन.
बिहार चुनाव 2025 में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद महागठबंधन बुरी तरह पिछड़ गया और आरजेडी अपने इतिहास की बड़ी हारों में से एक झेल रही है. इससे तेजस्वी यादव के नेतृत्व, रणनीति और संगठन पर गंभीर सवाल उठे हैं.
Kargahar Vidhan Sabha Chunav Result: रोहतास की करगहर विधानसभा सीट पर जन सुराज ने भोजपुरी सुपर स्टार रितेश पांडे को चुनाव मैदान में उतारा, लेकिन ये कोशिश कामयाब नहीं हुई. यहां से जेडीयू के बशिष्ठ सिंह ने 35676 वोटों से जीत दर्ज की है. इस सीट पर दूसरे नंबर पर बीएसपी के उदय प्रताप सिंह रहे.
प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में भोजपुरी गायक रितेश पांडे का नाम है. रितेश को पार्टी ने करगहर सीट से उम्मीदवार बनाया है. गोपालगंज जिले की भोरे सीट से प्रीति किन्नर जन सुराज की उम्मीदवार होंगी.
बिहार में चुनावों की घोषणा हो चुकी है, और इस बार भोजपुरी सितारों का राजनीतिक दलों में दबदबा देखा जा रहा है. पवन सिंह, खेसारी लाल यादव, मैथिली ठाकुर, रितेश पांडे और चेतना झा जैसे बड़े नाम चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. पवन सिंह का नाम बीजेपी के टिकट पर आरा से जुड़ रहा है, जबकि खेसारी लाल यादव की पत्नी आरजेडी से सारण की माझी सीट से लड़ सकती हैं. रितेश पांडे और चेतना झा जन सुराज पार्टी से चुनाव लड़ेंगे. पवन सिंह 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सात सीटें हारने का कारण बने थे.
बसपा की इस रणनीति से साफ है कि पार्टी बिहार में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए मजबूत और प्रभावशाली उम्मीदवारों पर दांव लगा रही है. इन उम्मीदवारों के चयन में स्थानीय प्रभाव, सामाजिक समीकरण और क्षेत्रीय लोकप्रियता को ध्यान में रखा गया है.