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Baniapur Chunav Results Live: बनियापुर निर्वाचन क्षेत्र का रिजल्ट घोषित, Kedar Nath Singh ने 15436 वोटों के अंतर से दर्ज की जीत
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बिहार के सारण जिले के पश्चिमी हिस्से में स्थित बनियापुर विधानसभा क्षेत्र एक सामान्य श्रेणी की सीट है और यह महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. 2008 के परिसीमन आदेश के अनुसार, यह बनियापुर (कारही, मणिकपुरा और लौवा कला ग्राम पंचायतों को छोड़कर) और मसरख प्रखंडों को सम्मिलित करता है. यह पूरी तरह ग्रामीण क्षेत्र है, जिसमें शहरी मतदाता नहीं हैं.
बनियापुर का भू-भाग समतल और उपजाऊ है, जो गंडक नहर प्रणाली और मौसमी धाराओं द्वारा आकार लेता है. यह क्षेत्र गंगा के मैदानी इलाके में आता है और यहां की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित है. धान, गेहूं, मक्का और दालें प्रमुख फसलें हैं, जबकि कुछ हिस्सों में गन्ना और सब्जियों की भी खेती की जाती है. क्षेत्र में बड़े उद्योगों का अभाव है, लेकिन छोटे चावल मिल, ईंट भट्ठे और कृषि व्यापार केंद्र सीमित रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं. साप्ताहिक हाट (बाजार)- विशेषकर बनियापुर और मसरख- स्थानीय व्यापार के प्रमुख केंद्र हैं.
बनियापुर कस्बा जिला मुख्यालय छपरा से लगभग 35 किमी पश्चिम में स्थित है. इसके निकटवर्ती नगरों में मसरख (12 किमी), मढ़ौरा (25 किमी), सिवान (40 किमी) और गोपालगंज (55 किमी) शामिल हैं. राज्य की राजधानी पटना यहां से सड़क मार्ग द्वारा लगभग 100 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित है, जबकि सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन एकमा है, जो लगभग 10 किमी दूर है. राष्ट्रीय राजमार्ग 85 और 101 इस क्षेत्र से होकर गुजरते हैं, जो सारण तथा आस-पास के जिलों से सड़क संपर्क प्रदान करते हैं.
1951 में स्थापित यह सीट अब तक 17 विधानसभा चुनाव देख चुकी है. कांग्रेस ने इसे सात बार, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने तीन बार, जनता पार्टी ने दो बार तथा जनता दल, जनता दल (यूनाइटेड), संयुक्त समाजवादी पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी और एक स्वतंत्र उम्मीदवार ने एक-एक बार जीत हासिल की है. हालांकि समय के साथ सत्ता परिवर्तन होता रहा है, फिर भी यह सीट मुख्यतः समाजवादी और कांग्रेस विचारधाराओं के बीच सिमटी रही है. वामपंथी दलों और भाजपा को अब तक यहां मजबूत आधार नहीं मिल पाया है.
हाल के वर्षों में यह सीट राजद के केदार नाथ सिंह के पास रही है, जिन्होंने 2010, 2015 और 2020 के चुनावों में जीत हासिल की. 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्हें 38.7% वोट प्राप्त हुए और उन्होंने विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के उम्मीदवार को 27,789 मतों के अंतर से हराया. लोजपा उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे, लेकिन उन्होंने एनडीए के वोट बैंक को नुकसान पहुंचाया. कुल मतदान प्रतिशत 52.88% रहा, जो 2015 की तुलना में थोड़ा अधिक था.
2020 की मतदाता सूची के अनुसार, बनियापुर में कुल 3,18,503 पंजीकृत मतदाता थे. इनमें अनुसूचित जातियों के 37,520 मतदाता (11.78%), अनुसूचित जनजातियों के 3,217 मतदाता (1.01%) और मुस्लिम समुदाय के 38,220 मतदाता (12%) शामिल थे. क्षेत्र की सामाजिक संरचना काफी विविध है, जिसमें सिंह (18.4%), राय (11.3%), शाह (9.5%) और महतो (6.7%) जैसे ऊंची जातियों के साथ-साथ पासवान, यादव और अन्य पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग शामिल हैं.
बनियापुर अभी भी कई बुनियादी समस्याओं से जूझ रहा है- जैसे खराब सड़क ढांचा, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और सिंचाई व्यवस्था का अभाव. हाल के वर्षों में बिजलीकरण और विद्यालयों में नामांकन में सुधार हुआ है, लेकिन विशेषकर मसरख प्रखंड से युवाओं का रोजगार के लिए पलायन अब भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है.
2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने बनियापुर विधानसभा क्षेत्र में 53.56% मतों के साथ बढ़त बनाई, जबकि कांग्रेस को 40.26% वोट मिले. भाजपा की जीत का अंतर 23,400 वोट रहा. इससे यह संकेत मिलता है कि आगामी विधानसभा चुनावों में मुकाबला बेहद रोचक और कड़ा हो सकता है. बनियापुर के मतदाताओं ने आमतौर पर लोकसभा में भाजपा और विधानसभा में राजद को वोट देने की प्रवृत्ति दिखाई है, जिससे दोनों गठबंधनों- एनडीए और विपक्षी महागठबंधन- के लिए यह सीट विशेष महत्व रखती है.
(अजय झा)
Virendra Kumar Ojha
VIP
Tarkeshwar Singh
LJP
Sumit Kumar Gupta
IND
Nota
NOTA
Pushpa Kumari
IND
Sudhir Kumar
IND
Dablu Kumar
IND
Narayan Prasad Yadav
IND
Anil Kumar Ram
JDR
Nawal Kishore Kushwaha
BSP
Chiki Singh
PP
Kameshwar Baitha
JAP(L)
Madan Singh
IND
बिहार विधानसभा चुनाव की गूंज यूपी की सियासी जमीन पर भी सुनाई पड़ रही है. इसकी वजह यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ बिहार में एनडीए को जिताने के लिए मशक्कत कर रहे थे तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने महागठबंधन के लिए पूरी ताकत झोंक दी. ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार का यूपी कनेक्शन क्या है?
इंडिया टुडे ने चुनाव आयोग के डेटा की गहराई से जांच की और पाया कि SIR और चुनाव नतीजों के बीच कोई सीधा या समझ में आने वाला पैटर्न दिखता ही नहीं. हर बार जब एक ट्रेंड बनता लगता है, तुरंत ही एक दूसरा आंकड़ा उसे तोड़ देता है. बिहार चुनाव में NDA ने 83% सीटें जीतीं, पर SIR से जुड़े नतीजे अलग कहानी कहते हैं.
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jamui result shreyasi singh: जमुई विधानसभा सीट से दूसरी बार श्रेयसी ने राजद के मोहम्मद शमसाद आलम को 54 हजार वोटों से हराकर जीत हासिल की हैं.
बिहार चुनाव में महागठबंधन का प्रदर्शन बुरी तरह फ्लॉप रहा और RJD-कांग्रेस गठबंधन सिर्फ 35 सीटों पर सिमट गया. इसकी बड़ी वजहें थीं- साथी दलों के बीच लगातार झगड़ा और भरोसे की कमी, तेजस्वी को सीएम चेहरा बनाने का विवादास्पद फैसला, राहुल-तेजस्वी की कमजोर ट्यूनिंग और गांधी परिवार का फीका कैंपेन.
बिहार चुनाव 2025 में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद महागठबंधन बुरी तरह पिछड़ गया और आरजेडी अपने इतिहास की बड़ी हारों में से एक झेल रही है. इससे तेजस्वी यादव के नेतृत्व, रणनीति और संगठन पर गंभीर सवाल उठे हैं.
बिहार चुनाव के नतीजों ने साबित कर दिया कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की 'वोटर अधिकार यात्रा' राजनीतिक तौर पर कोई असर नहीं छोड़ पाई. जिस-जिस रूट से यह यात्रा गुज़री, वहां महागठबंधन लगभग साफ हो गया और एनडीए ने भारी जीत दर्ज की. कांग्रेस का दावा था कि यात्रा वोट चोरी के खिलाफ थी, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह महागठबंधन की चुनावी जमीन मजबूत करने की कोशिश थी, जो पूरी तरह असफल रही.
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सीमांचल क्षेत्र की पांच सीटों पर AIMIM ने अपनी मजबूत उपस्थिति को जारी रखा है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बहादुरगंज, कोचा धामन, अमौर और बाबसी जैसी महत्वपूर्ण सीटों पर जनता ने AIMIM को दोबारा जीत दी है. अमौर सीट पर पार्टी के एकमात्र विधायक अख्तरुल इमान ने सफलता पाई जो जनता के भरोसे और पार्टी संगठन की कड़ी मेहनत का परिणाम है.
बिहार चुनाव में एनडीए की शानदार जीत पर चिराग पासवान ने अपने विचार साझा किए. उन्होंने बताया कि बिहार के लोगों ने सही समय पर सही फैसला लिया, और डबल इंजन सरकार ने विकास की राह को मजबूत किया. उन्होंने चुनावी रणनीति, गठबंधन की भूमिका और राजनीतिक चुनौतियों पर भी खुलकर बात की.