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Goh Assembly Election Result Live: RJD उम्मीदवार 93243 वोट पाकर सबसे आगे, कौन दूसरे नंबर पर? जानिए गोह सीट का हाल
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Bihar Assembly Election Results 2025 Live: दिग्गज कैंडिडेट्स के क्या हैं हाल?
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बिहार के औरंगाबाद जिले के दाउदनगर अनुमंडल के अंतर्गत आने वाला गोह प्रखंड, भले ही एक स्वतंत्र ऐतिहासिक पहचान न रखता हो, फिर भी इसकी भूमि मौर्य और गुप्त साम्राज्यों के गौरवशाली अतीत की साक्षी रही है. शेरशाह सूरी के प्रभाव में आने के बाद यह क्षेत्र ऐतिहासिक महत्व से और भी समृद्ध हुआ. भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम (1857) में हालांकि गोह की भूमिका निष्क्रिय रही, क्योंकि यहां के ज़मींदारों ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का साथ दिया.
फिर भी, गोह ने अपने भविष्य को स्वयं संवारने में कोई कसर नहीं छोड़ी. भले ही औद्योगिकीकरण इस क्षेत्र से काफी हद तक दूर रहा हो, लेकिन सोन नदी और उसकी सहायक नदियों से सिंचित उर्वर भूमि ने यहां की स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती से थामे रखा. धान, गेहूं और दलहन इस क्षेत्र की प्रमुख फसलें हैं. कृषि के अतिरिक्त, बांस से बनी हस्तकला और मिट्टी के बर्तन निर्माण में भी लोग संलग्न हैं.
2011 की जनगणना के अनुसार, गोह प्रखंड की कुल जनसंख्या 2,34,400 थी, और जनसंख्या घनत्व 768 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर था. यहां लगभग 34,717 घर हैं और लिंगानुपात 1000 पुरुषों पर 922 महिलाओं का है.
साक्षरता के मामले में गोह पिछड़ा हुआ क्षेत्र है. साक्षरता दर मात्र 53.66 प्रतिशत रही, जिसमें पुरुषों की साक्षरता दर 63.20 प्रतिशत और महिलाओं की 43.32 प्रतिशत दर्ज की गई. यह प्रखंड कुल 158 गांवों में फैला हुआ है, जिनमें से 113 गांवों की जनसंख्या 2,000 से कम है.
राजनीतिक दृष्टिकोण से देखें तो गोह विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1951 में हुई थी और यह काराकाट लोकसभा सीट के छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. अब तक यहां 16 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं, जिनमें कांग्रेस, भाकपा और जद(यू)/समता पार्टी ने चार-चार बार जीत दर्ज की है. सोशलिस्ट पार्टी, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, भाजपा और राजद ने एक-एक बार सीट जीती है.
2020 के विधानसभा चुनाव में राजद ने पहली बार यह सीट बड़े अंतर से जीती. भाजपा के मौजूदा विधायक मनोज कुमार शर्मा को राजद के भीम कुमार सिंह ने 35,618 मतों से पराजित किया. 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए की ओर से आरएलएम प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने काराकाट से चुनाव लड़ा, लेकिन वे तीसरे स्थान पर रहे. सीपीआई(एमएल)(लिबरेशन) के उम्मीदवार राजा राम सिंह कुशवाहा ने जीत हासिल की. भोजपुरी गायक और अभिनेता पवन सिंह, जो भाजपा छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़े, दूसरे स्थान पर रहे.
सैद्धांतिक रूप से, अगर एनडीए के आधिकारिक और बागी उम्मीदवारों के वोट मिल जाते, तो यह सीट एनडीए के खाते में जा सकती थी. वोटों के विभाजन का फायदा राजा राम सिंह कुशवाहा को मिला, खासकर गोह विधानसभा क्षेत्र में, जहां उन्होंने उपेन्द्र कुशवाहा और पवन सिंह दोनों से बढ़त ली.
अब भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती एनडीए को एकजुट रखना और सभी सहयोगियों से अधिकृत उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार कराना है. यदि यह रणनीति सफल होती है, तो एनडीए गोह की सीट फिर से हासिल कर सकता है.
यद्यपि यह एक सामान्य वर्ग की सीट है, फिर भी अनुसूचित जातियों की भागीदारी यहां 20.72 प्रतिशत है, जबकि मुस्लिम मतदाता लगभग 8.4 प्रतिशत हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव में गोह में 3,08,689 पंजीकृत मतदाता थे, जिनमें से 59.92 प्रतिशत ने मतदान किया. 2024 के लोकसभा चुनाव तक यह संख्या बढ़कर 3,17,251 हो गई.
(अजय झा)
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