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Nokha Vidhan Sabha Election Results Live: नोखा विधानसभा सीट के नतीजे सामने आए, JD(U) ने RJD को दी शिकस्त
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बिहार के रोहतास जिले में स्थित नोखा एक छोटा प्रखंड है, जो कैमूर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. यह जिला मुख्यालय सासाराम से 23 किमी, डेहरी-ऑन-सोन से 25 किमी और कैमूर जिले के मुख्यालय भभुआ से 40 किमी दूर स्थित है. इसके आसपास विक्रमगंज, नासरीगंज और दाऊदनगर जैसे कस्बे भी हैं.
नोखा उपजाऊ सोन नदी के बेसिन में बसा है. यहां की मिट्टी जलोढ़ (alluvial) है, जबकि कैमूर पठार की तलहटी के पास कुछ हिस्से पथरीले भी हैं. यहां की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से चावल मिलों पर आधारित है, जो दशकों से परबॉयल्ड (उबले हुए) चावल का उत्पादन करती रही हैं और इस क्षेत्र को चावल उत्पादन का प्रमुख केंद्र बनाती हैं.
ऐतिहासिक घटनाओं का विस्तृत दस्तावेजीकरण भले ही कम हो, लेकिन कृषि और औद्योगिक योगदान हमेशा उल्लेखनीय रहा है. ब्रिटिश शासनकाल में किसानों पर नील की खेती थोप दी गई थी. टिंकठिया प्रथा के तहत किसानों को अपनी एक-तिहाई जमीन पर नील बोने के लिए मजबूर किया जाता था. 1857 के विद्रोह के दौरान इन शोषणकारी व्यवस्थाओं से तंग आकर नोखा के किसानों ने भी बड़े पैमाने पर आंदोलन में भाग लिया.
2011 की जनगणना के अनुसार, नोखा प्रखंड का क्षेत्रफल 166 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें 152.55 वर्ग किमी ग्रामीण और 13.45 वर्ग किमी शहरी क्षेत्र शामिल है. कुल जनसंख्या 1,73,327 थी, जिसमें 27,302 शहरी और 1,46,025 ग्रामीण आबादी थी. जनसंख्या घनत्व 1,044 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी था और लिंगानुपात 913 महिलाएं प्रति 1,000 पुरुष दर्ज किया गया. साक्षरता दर 60.03 प्रतिशत रही, जिसमें पुरुषों में 68.42% और महिलाओं में मात्र 50.84% साक्षर थीं.
नोखा विधानसभा क्षेत्र की कुल आबादी लगभग 1.98 लाख है. यह सामान्य सीट है, लेकिन इसमें अनुसूचित जाति के मतदाता लगभग 22% हैं (मुख्यतः चमार और दुसाध उपजाति), अनुसूचित जनजाति 1.2% (मुख्यतः पहाड़ी क्षेत्रों में चेऱो जनजाति) और मुस्लिम मतदाता लगभग 8% हैं.
जातीय समीकरण में भूमिहार (25%) सबसे प्रभावशाली समूह हैं, जो परंपरागत रूप से भाजपा के समर्थक माने जाते हैं. यदुवंशी (18%) आरजेडी के साथ मजबूती से जुड़े रहते हैं, जबकि कुशवाहा (12%) आमतौर पर भाजपा-जदयू गठबंधन के साथ रहते हैं.
नोखा प्रखंड मुख्यतः ग्रामीण है और यहां स्वास्थ्य व शिक्षा ढांचा बेहद कमजोर है. पूरे प्रखंड में सिर्फ एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है. उच्च शिक्षा के लिए छात्रों को सासाराम या डेहरी-ऑन-सोन जाना पड़ता है. खराब और गड्ढों से भरी सड़कों के कारण यह यात्रा और भी चुनौतीपूर्ण हो जाती है.
नोखा 1951 से विधानसभा क्षेत्र के रूप में अस्तित्व में है और अब तक 17 चुनाव देख चुका है. इनमें से कांग्रेस 6 बार, भाजपा 4 बार, जनता पार्टी 3 बार, जबकि जनता दल और राजद ने 2-2 बार जीत दर्ज की है.
2015 में राजद ने भाजपा को हराकर यहां पकड़ बनाई. 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद ने वामपंथी दल सीपीआई (एमएल)(एल) के साथ गठबंधन कर एनडीए विरोधी मतों को एकजुट किया और बड़ी जीत हासिल की. 2024 लोकसभा चुनाव में भी सीपीआई (एमएल)(एल) ने यहां बढ़त बनाकर अपनी पकड़ और मजबूत दिखाई.
2020 के विधानसभा चुनाव में नोखा में 2,90,458 पंजीकृत मतदाता थे, जिनमें से केवल 13.19% शहरी थे. 2024 तक यह संख्या बढ़कर 2,99,197 हो गई. लेकिन 2020 में लगभग 48.74% मतदाताओं ने मतदान नहीं किया, जो एनडीए के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. यदि एनडीए को यहां दोबारा पकड़ बनानी है तो उसे इस निष्क्रिय मतदाता वर्ग को अपने पक्ष में लाना होगा.
(अजय झा)
Nagendra Chandravanshi
JD(U)
Krishna Kabir
LJP
Akhileshwar Prasad Singh
RLSP
Arti Devi
JVKP
Nota
NOTA
S. Sheer Jahan
IND
Shashi Kant Gupta
BAAP
Anita Yadav
JAP(L)
Kamlesh Kumar Mishra
BSLP
Raushan Chaudhary
RSSD
Ranjan Kumar Choudhary
JDP(D)
Surendra Pandey
NCP
Anirudh Kumar
PPI(D)
Dharmendra Kumar Singh
RSMD
Jawar Ansari
BMF
बिहार विधानसभा चुनाव की गूंज यूपी की सियासी जमीन पर भी सुनाई पड़ रही है. इसकी वजह यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ बिहार में एनडीए को जिताने के लिए मशक्कत कर रहे थे तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने महागठबंधन के लिए पूरी ताकत झोंक दी. ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार का यूपी कनेक्शन क्या है?
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