दरौली, बिहार के सिवान जिले में स्थित एक अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित विधानसभा क्षेत्र है. यह सीट दरौली, गुठनी और अंदर प्रखंडों को शामिल करती है और जिले के पश्चिमी सिरे पर, उत्तर प्रदेश की सीमा के निकट स्थित है. यह इलाका घाघरा बेसिन के उपजाऊ मैदानों में आता है, जहां कृषि मुख्य जीविका का साधन है. धान, गेहूं और मौसमी सब्जियों की खेती यहां व्यापक रूप से होती है. इसके अलावा, बहुत से घर ऐसे हैं जो अपने परिजनों द्वारा अन्य राज्यों से भेजी गई कमाई (रेमिटेंस) पर निर्भर हैं.
दरौली की कनेक्टिविटी भी उल्लेखनीय है. यह सिवान शहर से लगभग 30 किमी पूर्व में और उत्तर प्रदेश के बलिया से लगभग 40 किमी पश्चिम में स्थित है. छपरा यहां से करीब 70 किमी दक्षिण-पूर्व में है, जबकि राज्य की राजधानी पटना लगभग 150 किमी दूर है.
दरौली विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1951 में सामान्य सीट के रूप में हुई थी, लेकिन 2008 के परिसीमन के बाद इसे अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित घोषित किया गया. अब तक यहां कुल 17 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं, जिसमें 2020 का चुनाव भी शामिल है.
राजनीतिक रूप से, दरौली पर वामपंथी ताकतों का खासा प्रभाव रहा है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (लिबरेशन) यानी CPI(ML)(L) ने इस सीट से पांच बार जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस ने चार बार जीत हासिल की है. भारतीय जनसंघ और बाद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मिलकर तीन बार जीत दर्ज की है. इसके अलावा जनता पार्टी, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, लोकदल, जनता दल और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भी एक-एक बार इस सीट पर कब्जा जमाया है.
1995 से वामपंथी दल CPI(ML)(L) ने इस क्षेत्र में प्रभावशाली प्रदर्शन किया है और 2015 व 2020 में लगातार जीत हासिल की है. 2010 में जब यह सीट आरक्षित हुई, तब भी पार्टी का प्रभाव बरकरार रहा.
दरौली अब वाम और दक्षिणपंथी ताकतों के बीच एक कड़ा मुकाबला बन चुका है. 2010 में भाजपा के रामायण मांझी ने CPI(ML)(L) को 7,006 वोटों से हराया था. इसके बाद 2015 और 2020 में सत्यदेव राम ने CPI(ML)(L) के प्रत्याशी के तौर पर क्रमशः 9,584 और 12,119 वोटों से जीत हासिल की. हालांकि ये अंतर पार्टी की मजबूती तो दर्शाते हैं, लेकिन वर्चस्व की स्थिति नहीं बनाते. भाजपा अब भी एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी बनी हुई है.
2024 के लोकसभा चुनाव में, जदयू ने दरौली विधानसभा क्षेत्र में बढ़त हासिल की, जिससे एनडीए को आगामी 2025 के विधानसभा चुनाव में नई उम्मीद मिली है.
2020 के विधानसभा चुनाव में दरौली में कुल 3,20,063 पंजीकृत मतदाता थे, जिसमें से 50.18% ने मतदान किया. इनमें अनुसूचित जाति के मतदाता लगभग 46,377 (14.49%), अनुसूचित जनजाति के मतदाता 14,531 (4.54%), और मुस्लिम मतदाता करीब 20,484 (6.4%) थे. यह क्षेत्र पूरी तरह ग्रामीण है- यहां कोई भी शहरी मतदाता नहीं है.
2024 के आम चुनाव तक मतदाता संख्या बढ़कर 3,23,945 हो गई, लेकिन चुनाव आयोग के अनुसार, 2020 की मतदाता सूची के 3,431 मतदाता बाहर प्रवास कर चुके थे.
2020 के चुनाव में आधे से ज्यादा मतदाता मतदान से दूर रहे. ऐसे में भाजपा और उसके सहयोगी दलों के लिए सबसे बड़ी चुनौती यही होगी कि वे इन गैर-हाजिर मतदाताओं को 2025 में मतदान केंद्र तक लाएं. यदि ऐसा हुआ, तो CPI(ML)(L) के लिए यह दशक की सबसे कठिन चुनावी लड़ाई साबित हो सकती है, जहां राजद के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन में वह एक प्रमुख दल के रूप में चुनाव लड़ेगी.
दरौली का आगामी विधानसभा चुनाव न केवल वाम और दक्षिणपंथ के बीच टकराव को दिखाएगा, बल्कि यह भी तय करेगा कि बिहार की ग्रामीण राजनीति में किसका वर्चस्व आगे रहेगा.
(अजय झा)
BSP
JSP
LJPRV
SBSP
CPI(ML)(L)
IND
Nota
NOTA
Ramayan Manjhi
BJP
Nota
NOTA
Sheo Kumar Manjhi
IND
Kumar Shashi Ranjan
PP
बिहार विधानसभा चुनावों के एग्जिट पोल बताते हैं कि चिराग पासवान से जिस तरह की सफलता की उम्मीद थी वो दिखाई नहीं दे रही है. चुनावों के पहले तक खुद को मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की तरह प्रोजेक्ट कर रहे चिराग कहीं फंस तो नहीं गए हैं?
Bihar Election Result News LIVE Updates: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों की मतगणना शुक्रवार, 14 नवंबर को सुबह 8 बजे से शुरू होगी. इस बार दो चरणों में मतदान हुआ था. 243 सीटों वाले विधानसभा चुनाव में बहुमत के लिए 122 सीटों की जरूरत है. प्रशासन ने सभी जिलों में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए हैं.
आरजेडी एलएलसी सुनील सिंह ने मतगणना को लेकर विवादित और भड़काऊ बयान दिया है. इसको लेकर बिहार डीजीपी विनय कुमार के आदेश पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. वहीं आरजेडी ने बचाव करते हुए कहा है कि बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है.
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बिहार एग्जिट पोल पर कांग्रेस नेता राजेश ठाकुर ने गुस्सा जताया है. उन्होनें कहा 'चुनाव परिणामों को लेकर कई दबाव और मजबूरियां होती हैं, जिससे एक्जिट पोल में बढ़त दिखाना जरूरी हो जाता है. हालांकि हजारों से कम सैंपल के आधार पर निर्णय लेना उचित नहीं है. कई सर्वे ऐसे भी हैं जो महागठबंधन की बढ़त को दर्शाते हैं.'
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महिला वोटर्स की बढ़ती भागीदारी ने चुनावी परिदृश्य को बदल दिया है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं का मतदान प्रतिशत 71.78% है जो पुरुषों के 62.98% से 9 प्रतिशत अधिक है. कई जिलों में महिलाओं ने पुरुषों से 14 प्रतिशत से अधिक मतदान किया है, जिसमें सुपौल, किशनगंज और मधुबनी प्रमुख हैं.
जेडीयू नेता नीरज कुमार ने मतगणना कीतारीख पर बयान दिया है. उन्होनें सभी राजनीतिक दलों के अभिकर्ताओं से अपील की है कि वे समय पर पहुंचें ताकि प्रक्रिया सुचारू रूप से हो सके. बिहार के घटक दलों के उम्मीदवारों ने संगठनिक तैयारी पूरी कर ली है ताकि मतगणना समय पर हो और यह बिहार के विकास में सहायक साबित हो.
बिहार विधानसभा चुनाव के रिजल्ट से पहले दोनो सभी दल अपनी जीत का दावा ठोक रहे है. ऐसे में बीजेपी नेता तरुण चुघ ने एनडीए की विनिंग रेशियो पर बात की है. चुघ ने कहा कि दो बटा तीन बहुमत से NDA की वापसी निश्चित है. इस बहुमत से जंगल राज, दादागिरी राज और माफिया राज का अंत होगा.
बीजेपी नेता ने एग्जिट पोल पर बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार की जोड़ी पर बात की है. उन्होनें कहा बिहार में नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की जोड़ी को जनता का भरपूर आशीर्वाद मिल रहा है. जनता ने खुले दिल से इस जोड़ी का समर्थन किया है.
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