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बिहार के पूर्वी भाग में कोसी नदी के किनारे बसा सहरसा, के नाम की उत्पत्ति संस्कृत शब्द ‘सहस्रधारा’ से हुई है, जिसका अर्थ है-‘हजार धाराओं की भूमि’. यह नाम कोई अतिशयोक्ति नहीं, क्योंकि सहरसा तीन प्रमुख नदियों- कोसी, बागमती और गंडक से प्रभावित एक समतल, उपजाऊ मैदान है.
कोसी नदी को यूं ही ‘बिहार का शोक’ नहीं कहा जाता. हर साल मानसून के दौरान यह नदी विकराल रूप धारण कर लेती है, जिससे लगभग 21,000 वर्ग किलोमीटर उपजाऊ जमीन जलमग्न हो जाती है. इससे न सिर्फ ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता है, बल्कि हर साल भारी जान-माल की क्षति भी होती है.
बागमती नदी समय-समय पर अपने तटबंध तोड़कर दिशा बदलती है और निचले इलाकों में भारी मात्रा में सिल्ट जमा कर देती है. वहीं, गंडक नदी जिले के दक्षिणी भाग से होकर बहती है.
बाढ़ के कारण पुल बह जाते हैं, सड़कें कट जाती हैं. पुल बह जाते हैं, सड़कें कट जाती हैं. बाढ़ जहां एक ओर बुनियादी ढांचे को नष्ट करती है, वहीं दूसरी ओर यह मिट्टी को उपजाऊ भी बनाती है. यही कारण है कि सहरसा मक्का और मखाना उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है. हर साल यहां से दो लाख मीट्रिक टन से अधिक मक्का दुनिया भर में निर्यात किया जाता है.
सहरसा मिथिला क्षेत्र का हिस्सा है, जहां मुख्यतः मैथिली और हिंदी भाषाएं बोली जाती हैं. यह बिहार का 15वां सबसे बड़ा शहर है, हालांकि यहां की औसत साक्षरता दर मात्र 54.57% है, जो चिंता का विषय है.
सहरसा विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1957 में हुई थी और तब से अब तक यहां 16 चुनाव हो चुके हैं. शुरुआती वर्षों में यह क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ रहा, लेकिन समय के साथ यहां भाजपा का प्रभाव बढ़ा. पिछले पांच चुनावों में से चार में भाजपा विजयी रही है. 2015 में राजद ने एक बार भाजपा को हराया था.
राजद और जनता दल ने इस क्षेत्र से दो बार जीत दर्ज की है, जबकि जनता पार्टी और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी ने एक-एक बार प्रतिनिधित्व किया है.
2008 की परिसीमन प्रक्रिया के बाद सहरसा की स्वतंत्र लोकसभा सीट समाप्त कर दी गई और इसे मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र में शामिल कर लिया गया. स्थानीय लोगों के अनुसार, यह निर्णय राजनीतिक प्रतिशोध का परिणाम था. क्योंकि जब सहरसा के मतदाताओं ने राजद को नकार दिया, तब केंद्र की कांग्रेस सरकार ने राजद के कहने पर यह बदलाव किया.
हालांकि, विडंबना यह है कि मधेपुरा अब जदयू का गढ़ बन चुका है. 2008 के बाद से जदयू ने यहां तीन बार लोकसभा चुनाव जीते हैं, जबकि राजद को केवल एक बार 2014 में सफलता मिली.
2024 के चुनाव में जदयू ने भाजपा के सहयोगी के रूप में सीट बरकरार रखी और सहरसा सहित छह में से पांच विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त हासिल की. इससे भाजपा को 2025 के विधानसभा चुनाव को लेकर काफी उम्मीदें हैं.
सहरसा विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति के मतदाता लगभग 12.05% और मुस्लिम मतदाता करीब 14.6% हैं. यहां ग्रामीण मतदाता 69.46% हैं जबकि शहरी मतदाता 30.54%. 2020 विधानसभा चुनाव में कुल 3,70,962 मतदाता पंजीकृत थे, जिनमें से 61.39% ने मतदान किया. 2024 तक मतदाता संख्या बढ़कर 3,75,772 हो गई.
2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के आलोक रंजन झा ने राजद की लवली आनंद को 19,679 वोटों के अंतर से हराया. लवली आनंद, कुख्यात बाहुबली आनंद मोहन सिंह की पत्नी हैं, जिनका नाम सहरसा-सुपौल क्षेत्र में लंबे समय तक डर का पर्याय बना रहा.
(अजय झा)
Lovely Anand
RJD
Kishor Kumar
IND
Ranjit Kumar Rana
IND
Nota
NOTA
Siyaram Paswan
IND
Birendra Kumar
IND
Ranjan Priyadarshi
JAP(L)
Bidhan Chandra Jha
NCP
Amar Kant Vats Urf Sohan Jha
JVKP
Rajesh Kumar Jha
PP
Kamal Deo Sharma
LJP(S)
Amit Kumar
IND
Krishna Shekhar
SJDD
Vimlesh Kumar Singh
NJP
बदलाव के मुद्दे के बीच भी अगर कोई सबसे बड़ा एनडीए का खेवनहार है तो वह महिला वोटर यानि नारी शक्ति है जो जातीय समीकरण से हटकर नीतीश और मोदी के नाम पर आज भी मजबूती से खड़ी है.
प्रियंका गांधी ने बिहार के सहारसा में रैली कर पीएम मोदी और नीतीश सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार, अग्निपथ योजना और वोटर लिस्ट से 65 लाख नाम हटाने को लेकर सरकार को घेरा. प्रियंका ने कहा, 'बिहार अब दिल्ली से चल रहा है.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सोमवार को सहरसा में चुनावी रैली में छठ पर्व के लिए अपमानजनक बात करने वालों को जमकर घेरा. उन्होंने इशारों में ही यह तंज कसा कि कांग्रेस और राजद के शाही परिवारों के पास राम मंदिर जाने का समय नहीं है, लेकिन वे विदेशी त्योहार खूब सेलिब्रेट कर रहे हैं.
बिहार के सहरसा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महागठबंधन पर घुसपैठियों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला है. अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा, 'अब कांग्रेस के नेताओं ने आरजेडी की लुटिया डुबाने की सुपारी ले ली है.' उन्होंने दावा किया कि 'ये दल घुसपैठियों के लिए यात्राएं निकालते हैं लेकिन अयोध्या में राम मंदिर जाने का समय नहीं निकालते.'
बिहार के सहरसा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए आरजेडी और कांग्रेस पर 'जंगलराज', घुसपैठ और विकास की अनदेखी को लेकर तीखे हमले किए. पीएम मोदी ने कहा, 'आरजेडी ने कांग्रेस की कनपटी पर कट्टा रखकर मुख्यमंत्री के उम्मीदवारी का वो जो हथियार था ना, वो भी चोरी कर लिया.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहरसा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए आरजेडी और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला और बिहार में 'जंगलराज' के दिनों की याद दिलाई. पीएम मोदी ने कहा, 'हमारे सहरसा के बहादुर डीएसपी सत्यपाल सिंह जी जंगलराज वालों को ठीक कर रहे थे, उन पर नकेल कस रहे थे, लेकिन इसकी कीमत उनको अपनी जान देकर चुकानी पड़ी.'
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिहार के चुनावी दंगल में उतरते ही सियासी पारा चढ़ा दिया है. दानापुर और सहरसा की रैलियों में उन्होंने बुर्का विवाद को हवा देते हुए विपक्ष पर बड़ा हमला बोला और महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर मचे घमासान पर भी तंज कसा.
बिहार के चुनावी दंगल में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एंट्री के साथ ही सियासी पारा चढ़ गया है. दानापुर और सहरसा में रैलियां कर योगी ने जहां एनडीए के प्रचार अभियान को धार दी, वहीं बुर्के की आड़ में फर्जी वोटिंग का आरोप लगाकर एक नई बहस छेड़ दी है. एक तरफ बीजेपी योगी के जरिए हिंदुत्व और लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दे पर आरजेडी को घेर रही है, तो वहीं दूसरी ओर महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर खींचतान जारी है.
बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार अब और तेज हो गया है क्योंकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज से मैदान में उतर रहे हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ आज बिहार के दानापुर और सहरसा में दो चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे. वहीं, गृह मंत्री अमित शाह भी आज से तीन दिवसीय बिहार दौरे पर रहेंगे.
पलायन रोको-नौकरी दो पदयात्रा पर निकले कांग्रेस के युवा नेता कन्हैया कुमार ने सहरसा के एक दुर्गा मंदिर पहुंचे थे. यहां पर उन्होंने एक सभा को भी संबोधित किया था. इस बाद स्थानीय युवकों ने गंगाजल से इस मंदिर का 'शुद्धिकरण' किया है.