JD(U)
RJD
JSP
IND
Nota
NOTA
IND
IND
RJVP
BHDRP
JGJP
Cheria-Bariarpur Election Results 2025 Live: चेरिया बरियारपुर विधानसभा सीट पर JD(U) ने फहराया परचम, जानें प्रत्याशी Abhishek Anand को मिली कितनी बड़ी जीत
Cheria-Bariarpur Election Results Live: चेरिया बरियारपुर विधानसभा सीट पर जबर्दस्त मुकाबला, वोटों का अंतर महज 4119 ! जानें लेटेस्ट अपडेट
Bihar Assembly Election Results 2025 Live: दिग्गज कैंडिडेट्स के क्या हैं हाल?
Cheria-Bariarpur Vidhan Sabha Chunav Result Live: बिहार के कोसी क्षेत्र में पार्टियों/गठबंधनों का प्रदर्शन कैसा है?
Cheria-Bariarpur Election Result 2025 Live: चेरिया बरियारपुर का रिजल्ट जानना है? यहां मिलेगा हर अपडेट
Bihar Election Results Live: बिहार चुनाव में राजनीतिक गठबंधनों का प्रदर्शन कैसा है?
बिहार के बेगूसराय जिले में स्थित चेरिया-बरियारपुर एक सामुदायिक विकास खंड है, जो मध्य गंगा के मैदानों में आता है. इसका भौगोलिक स्वरूप नीचा है, जिससे यह इलाका हर साल मानसून के दौरान बाढ़ की चपेट में आ जाता है. बुढ़ी गंडक, करेह और बागमती जैसी नदियों के उफान पर आने से यहां जलभराव आम बात है. हालांकि, इस बाढ़ के कारण यहां की मिट्टी बेहद उपजाऊ हो जाती है, जिससे कृषि इस क्षेत्र की मुख्य आजीविका बन गई है.
चेरिया-बरियारपुर, जिला मुख्यालय बेगूसराय से 22 किलोमीटर दूर स्थित है. इसके आसपास के प्रमुख शहरों में रोसड़ा (30 किमी), दलसिंहसराय (40 किमी), मोकामा (45 किमी), समस्तीपुर (55 किमी) और खगड़िया (60 किमी) शामिल हैं. राज्य की राजधानी पटना यहां से 120 किलोमीटर दूर है.
विधानसभा क्षेत्र के रूप में चेरिया-बरियारपुर का गठन 1977 में हुआ और यह बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र के सात विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. यह क्षेत्र चेरिया-बरियारपुर और चौराही ब्लॉकों के साथ-साथ नवकोठी ब्लॉक के पश्चिम पहसारा और महेशवारा पंचायतों को भी सम्मिलित करता है.
यहां अब तक 11 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं और हर बार परिणाम बदलते रहे हैं. 1977 और 1985 में कांग्रेस विजयी रही, 1990 और 1995 में जनता दल, फरवरी और अक्टूबर 2005 में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा), 2010 और 2015 में जनता दल (यूनाइटेड), और 2000 व 2020 में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने जीत हासिल की. 1980 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) ने यहां एकमात्र जीत दर्ज की थी.
2020 के चुनाव में राजद ने दो दशक के अंतराल के बाद जोरदार वापसी की और 40,897 वोटों के विशाल अंतर से सीट पर कब्जा जमाया. राजद की खास बात यह रही कि जब भी उसने यह सीट जीती, भारी अंतर से जीती. 2000 में 35,154 वोटों से और 2020 में 40,897 वोटों से जीत हासिल की थी. वहीं, फरवरी और अक्टूबर 2005 के दोनों चुनावों में वह महज 533 और 506 वोटों के मामूली अंतर से हार गई.
2010 और 2015 में राजद ने इस सीट से चुनाव नहीं लड़ा और गठबंधन के तहत अन्य दलों को समर्थन दिया, जिससे जदयू को अवसर मिला. 2010 में जदयू ने 1,061 वोटों के मामूली अंतर से जीत दर्ज की, जबकि 2015 में महागठबंधन के तहत राजद के समर्थन से 29,736 वोटों के बड़े अंतर से सीट बरकरार रखी.
लोजपा, जिसने 2005 में दो बार यह सीट जीती थी, 2010 में महज 1,061 वोटों से हार गई. हालांकि, 2000 में राजद की जीत में लोजपा की कोई खास भूमिका नहीं रही थी. उस समय जदयू और लोजपा के कुल वोट मिलाकर भी राजद के 68,363 वोटों से बहुत पीछे थे.
2020 में चेरिया-बरियारपुर में कुल 2,49,251 पंजीकृत मतदाता थे, जो सभी ग्रामीण क्षेत्र से थे. इनमें से 16.74% मतदाता अनुसूचित जातियों से थे और 10.90% मुस्लिम मतदाता थे. यह क्षेत्र बिहार के अन्य हिस्सों की तुलना में आम तौर पर अधिक मतदान प्रतिशत दर्ज करता है. 2020 में यहां 60.90% मतदान हुआ, जो 2015 के 59.85% से थोड़ा अधिक था. 2024 के लोकसभा चुनावों में मतदाताओं की संख्या बढ़कर 2,71,391 हो गई.
हालांकि 2024 में बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र के तहत एनडीए को चेरिया-बरियारपुर खंड में 9,957 वोटों की बढ़त मिली, लेकिन यह क्षेत्र अक्सर विधानसभा और लोकसभा चुनावों में अलग-अलग रुझान दिखाता रहा है. 2019 के आम चुनावों में भाजपा ने इस क्षेत्र में 52,045 वोटों की भारी बढ़त हासिल की थी, लेकिन अगले ही वर्ष विधानसभा चुनाव में जदयू को भारी हार का सामना करना पड़ा, जबकि वह भाजपा के समर्थन से चुनाव लड़ रही थी.
2025 के विधानसभा चुनावों में चेरिया-बरियारपुर में मुकाबला कड़ा रहने की पूरी संभावना है. जदयू पर यह दबाव बन सकता है कि वह यह सीट भाजपा या लोजपा (रामविलास गुट) के लिए छोड़ दे ताकि उभरते हुए राजद को चुनौती दी जा सके. राजद की मजबूत वापसी और उसके बढ़ते जनाधार को देखते हुए अन्य दलों को रणनीति में बदलाव करना पड़ सकता है.
(अजय झा)
Kumari Manju Verma
JD(U)
Rakhi Devi
LJP
Sudarshan Singh
RLSP
Vatsa Purushottam
IND
Subodh Kumar Jha
BMAP
Sudama Paswan
IND
Ranjeet Yadav
IND
Nota
NOTA
Shambu Kumar Singh
BSLP
Rijwana Khatoon
NCP
Aman Kumar
RJJP
Ankush Kumar Yadav
BP(L)
Madhu Shweta
PP
Mohammad Tamanna
LJD
Mahesh Yadav
JD(S)
Banwari Paswan
BMP
Sumit Kumar
JAP(L)
बिहार विधानसभा चुनाव की गूंज यूपी की सियासी जमीन पर भी सुनाई पड़ रही है. इसकी वजह यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ बिहार में एनडीए को जिताने के लिए मशक्कत कर रहे थे तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने महागठबंधन के लिए पूरी ताकत झोंक दी. ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार का यूपी कनेक्शन क्या है?
इंडिया टुडे ने चुनाव आयोग के डेटा की गहराई से जांच की और पाया कि SIR और चुनाव नतीजों के बीच कोई सीधा या समझ में आने वाला पैटर्न दिखता ही नहीं. हर बार जब एक ट्रेंड बनता लगता है, तुरंत ही एक दूसरा आंकड़ा उसे तोड़ देता है. बिहार चुनाव में NDA ने 83% सीटें जीतीं, पर SIR से जुड़े नतीजे अलग कहानी कहते हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में एक दिलचस्प पैटर्न सामने आया है. जहां सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से जीती गई पांचों सीटें NDA के खाते में गईं, वहीं बेहद कम मार्जिन वाली सीटों पर अलग-अलग दलों की जीत दर्ज हुई. चुनावी आंकड़े बताते हैं कि भारी अंतर वाली सीटों पर NDA का दबदबा स्पष्ट दिखा जबकि कम अंतर वाली सीटों पर मुकाबला बेहद करीबी रहा.
jamui result shreyasi singh: जमुई विधानसभा सीट से दूसरी बार श्रेयसी ने राजद के मोहम्मद शमसाद आलम को 54 हजार वोटों से हराकर जीत हासिल की हैं.
बिहार चुनाव में महागठबंधन का प्रदर्शन बुरी तरह फ्लॉप रहा और RJD-कांग्रेस गठबंधन सिर्फ 35 सीटों पर सिमट गया. इसकी बड़ी वजहें थीं- साथी दलों के बीच लगातार झगड़ा और भरोसे की कमी, तेजस्वी को सीएम चेहरा बनाने का विवादास्पद फैसला, राहुल-तेजस्वी की कमजोर ट्यूनिंग और गांधी परिवार का फीका कैंपेन.
बिहार चुनाव 2025 में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद महागठबंधन बुरी तरह पिछड़ गया और आरजेडी अपने इतिहास की बड़ी हारों में से एक झेल रही है. इससे तेजस्वी यादव के नेतृत्व, रणनीति और संगठन पर गंभीर सवाल उठे हैं.
बिहार चुनाव के नतीजों ने साबित कर दिया कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की 'वोटर अधिकार यात्रा' राजनीतिक तौर पर कोई असर नहीं छोड़ पाई. जिस-जिस रूट से यह यात्रा गुज़री, वहां महागठबंधन लगभग साफ हो गया और एनडीए ने भारी जीत दर्ज की. कांग्रेस का दावा था कि यात्रा वोट चोरी के खिलाफ थी, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह महागठबंधन की चुनावी जमीन मजबूत करने की कोशिश थी, जो पूरी तरह असफल रही.
बिहार चुनाव में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन पर पार्टी के भीतर निराशा है. शशि थरूर ने 'गंभीर आत्मनिरीक्षण' की मांग की, जबकि अन्य नेताओं ने हार का कारण संगठन की कमजोरी, गलत टिकट वितरण और जमीनी हकीकत से कटे कुछ नेताओं को बताया.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सीमांचल क्षेत्र की पांच सीटों पर AIMIM ने अपनी मजबूत उपस्थिति को जारी रखा है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बहादुरगंज, कोचा धामन, अमौर और बाबसी जैसी महत्वपूर्ण सीटों पर जनता ने AIMIM को दोबारा जीत दी है. अमौर सीट पर पार्टी के एकमात्र विधायक अख्तरुल इमान ने सफलता पाई जो जनता के भरोसे और पार्टी संगठन की कड़ी मेहनत का परिणाम है.
बिहार चुनाव में एनडीए की शानदार जीत पर चिराग पासवान ने अपने विचार साझा किए. उन्होंने बताया कि बिहार के लोगों ने सही समय पर सही फैसला लिया, और डबल इंजन सरकार ने विकास की राह को मजबूत किया. उन्होंने चुनावी रणनीति, गठबंधन की भूमिका और राजनीतिक चुनौतियों पर भी खुलकर बात की.