JD(U)
RJD
Nota
NOTA
IND
JSP
SUCI
BSP
IND
Bihar Election Result 2025 Live: बिहारीगंज विधानसभा सीट पर JD(U) को दोबारा मिली जीत
Bihariganj Vidhan Sabha Result Live: बिहार इलेक्शन रिजल्ट अपडेट्स कैसे चेक करें?
Bihar Assembly Election Results 2025 Live: दिग्गज कैंडिडेट्स के क्या हैं हाल?
Bihar Election Results Live: बिहार चुनाव में राजनीतिक गठबंधनों का प्रदर्शन कैसा है?
Bihariganj Vidhan Sabha Result Live: बिहारीगंज में JD(U) कैंडिडेट Niranjan Kumar Mehta निकले सबसे आगे
Bihariganj Election Results 2025 Live: बिहारीगंज सीट पर उलटफेर! RJD भारी अंतर से पीछे
बिहारीगंज बिहार के मधेपुरा जिले में स्थित एक सामान्य श्रेणी की विधानसभा सीट है. इसे 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिशों के तहत एक अलग निर्वाचन क्षेत्र के रूप में स्थापित किया गया था और यह मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. यह विधानसभा क्षेत्र बिहारीगंज और ग्वालपाड़ा प्रखंडों के साथ-साथ उदाकिशुनगंज और मुरलीगंज प्रखंडों के चुनिंदा ग्राम पंचायतों को भी शामिल करता है.
2020 में बिहारीगंज में कुल 3,08,766 पंजीकृत मतदाता थे, जिनमें 53,231 (17.24%) अनुसूचित जाति, 5,126 (1.66%) अनुसूचित जनजाति और 26,863 (8.70%) मुस्लिम मतदाता शामिल थे. 2024 के लोकसभा चुनाव तक यह संख्या बढ़कर 3,32,862 हो गई, भले ही चुनाव आयोग ने इस दौरान 4,436 मतदाताओं के पलायन की सूचना दी थी. यह क्षेत्र मुख्यतः ग्रामीण है, जहां केवल 5.81 प्रतिशत शहरी मतदाता हैं. बिहारीगंज को एक "सूचित क्षेत्र" (Notified Area) के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जो गांव से बड़ा होता है लेकिन पूर्ण रूप से विकसित नगर नहीं होता.
2010 में स्थापना के बाद से बिहारीगंज विधानसभा क्षेत्र में जनता दल (यूनाइटेड) का वर्चस्व रहा है. जेडीयू ने अब तक यहां हुई तीनों विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज की है. 2010 में रेणु कुमारी, 2015 और 2020 में निरंजन कुमार मेहता ने जीत हासिल की. 2020 के चुनाव में निरंजन मेहता ने कांग्रेस प्रत्याशी सुभाषिनी बुंदेला को 18,711 वोटों से हराया था. जेडीयू ने लोकसभा चुनावों में भी इस सीट पर बढ़त बनाए रखी है, जिसमें 2024 के चुनाव में पार्टी ने राजद पर 36,496 वोटों (18.42 प्रतिशत) की निर्णायक बढ़त हासिल की.
बिहारीगंज मधेपुरा जिले के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में स्थित है, जो जिला मुख्यालय से लगभग 41 किलोमीटर और सहरसा से 62 किलोमीटर दूर है. यह बरौनी–कटिहार रेलवे लाइन पर स्थित है और यहां का रेलवे स्टेशन उत्तर बिहार के सबसे पुराने स्टेशनों में से एक है. इसके आस-पास के प्रमुख शहरों में मुरलीगंज (12 किमी), ग्वालपाड़ा (9 किमी) और पूर्णिया (58 किमी) आते हैं, जबकि राजधानी पटना यहां से लगभग 270 किमी दूर है. यह इलाका कोसी नदी बेसिन का हिस्सा है, जिसकी उपजाऊ समतल ज़मीन पर मौसम के अनुसार बाढ़ का प्रभाव कृषि और आधारभूत ढांचे पर पड़ता है.
बिहारीगंज की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित है. धान, गेहूं, मक्का और दालें प्रमुख फसलें हैं. कुछ क्षेत्रों में जूट और गन्ने की भी खेती की जाती है. बिहारीगंज आसपास के गांवों के लिए एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र है, जहां कपड़ा व्यवसाय और कृषि उत्पादों की खरीद-बिक्री स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देती है. हालांकि, रोजगार की तलाश में बड़े शहरों की ओर पलायन आम है, लेकिन छोटे पैमाने के उद्योग और शैक्षणिक संस्थान स्थानीय रोज़गार के नए अवसर प्रदान कर रहे हैं.
इतिहास में बिहारीगंज को पहले "निशंकपुर कोढ़ा" के नाम से जाना जाता था. मध्यकाल में यह क्षेत्र सेन वंश के अधीन था. 16वीं सदी में कोसी नदी की मुख्य धारा, जिसे स्थानीय भाषा में "हाहा धार" कहा जाता है, इस क्षेत्र से होकर बहती थी. उस समय करीब 2 किलोमीटर दूर "गमैलबा गोला" नामक एक बाजार विकसित हुआ था, जो जूट, चावल और गेहूं के व्यापार के लिए प्रसिद्ध था.
जैसे-जैसे बिहार 2025 के विधानसभा चुनाव की ओर बढ़ रहा है, बिहारीगंज में जेडीयू की स्थिति मजबूत बनी हुई है. पार्टी की लगातार चुनावी जीत और क्षेत्र में उसकी जमीनी पकड़ उसे विपक्ष के मुकाबले बढ़त देती है. उल्लेखनीय है कि यहां यादव मतदाता महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इनकी संख्या लगभग 64,570 है, जो कुल मतदाताओं का करीब 19.40 प्रतिशत है. हालांकि, राज्य में राजद को यादवों की पार्टी के रूप में देखा जाता है, लेकिन बिहारीगंज में यादव समुदाय का समर्थन जेडीयू के पक्ष में ही रहा है.
यदि राजद नेतृत्व वाला विपक्षी गठबंधन यहां से जेडीयू को चुनौती देना चाहता है, तो उसे स्थानीय स्तर पर प्रभावशाली प्रत्याशी उतारने और नई रणनीति के साथ चुनावी मैदान में उतरने की जरूरत होगी. अन्यथा, बिहारीगंज में जेडीयू को हराना एक मुश्किल चुनौती बना रहेगा.
(अजय झा)
Subhashini Bundela Alias Subhashini Sharad Yadav
INC
Vijay Kumar Singh
LJP
Prabhash Kumar
JAP(L)
Shakuntala Devi
SYVP
Sumit Kumar Alias Sumitranandan Swami
RJLP(S)
Vijay Prabhat
PSS
Anila Devi
IND
Shankar Kumar
LSP(L)
Nota
NOTA
Pankaj Kumar Jayswal
SUCI
Dharmendra Kumar
JP (S)
Rajeev Rangan Bharti
AKP
Om Kumar
BMAP
Arun Kumar Hembram
IND
Mohan Kumar
RSSD
Md Masum Raja
BRD
Aniruddh Mehta
IND
Pramod Kumar Nirala
JGJP
Jayant Yadav
PP
Kaushal Kumar
BJKD(D)
Sadanand Paswan
IND
Kamlashwari Das
IND
बिहार विधानसभा चुनाव की गूंज यूपी की सियासी जमीन पर भी सुनाई पड़ रही है. इसकी वजह यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ बिहार में एनडीए को जिताने के लिए मशक्कत कर रहे थे तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने महागठबंधन के लिए पूरी ताकत झोंक दी. ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार का यूपी कनेक्शन क्या है?
इंडिया टुडे ने चुनाव आयोग के डेटा की गहराई से जांच की और पाया कि SIR और चुनाव नतीजों के बीच कोई सीधा या समझ में आने वाला पैटर्न दिखता ही नहीं. हर बार जब एक ट्रेंड बनता लगता है, तुरंत ही एक दूसरा आंकड़ा उसे तोड़ देता है. बिहार चुनाव में NDA ने 83% सीटें जीतीं, पर SIR से जुड़े नतीजे अलग कहानी कहते हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में एक दिलचस्प पैटर्न सामने आया है. जहां सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से जीती गई पांचों सीटें NDA के खाते में गईं, वहीं बेहद कम मार्जिन वाली सीटों पर अलग-अलग दलों की जीत दर्ज हुई. चुनावी आंकड़े बताते हैं कि भारी अंतर वाली सीटों पर NDA का दबदबा स्पष्ट दिखा जबकि कम अंतर वाली सीटों पर मुकाबला बेहद करीबी रहा.
jamui result shreyasi singh: जमुई विधानसभा सीट से दूसरी बार श्रेयसी ने राजद के मोहम्मद शमसाद आलम को 54 हजार वोटों से हराकर जीत हासिल की हैं.
बिहार चुनाव में महागठबंधन का प्रदर्शन बुरी तरह फ्लॉप रहा और RJD-कांग्रेस गठबंधन सिर्फ 35 सीटों पर सिमट गया. इसकी बड़ी वजहें थीं- साथी दलों के बीच लगातार झगड़ा और भरोसे की कमी, तेजस्वी को सीएम चेहरा बनाने का विवादास्पद फैसला, राहुल-तेजस्वी की कमजोर ट्यूनिंग और गांधी परिवार का फीका कैंपेन.
बिहार चुनाव 2025 में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद महागठबंधन बुरी तरह पिछड़ गया और आरजेडी अपने इतिहास की बड़ी हारों में से एक झेल रही है. इससे तेजस्वी यादव के नेतृत्व, रणनीति और संगठन पर गंभीर सवाल उठे हैं.
बिहार चुनाव के नतीजों ने साबित कर दिया कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की 'वोटर अधिकार यात्रा' राजनीतिक तौर पर कोई असर नहीं छोड़ पाई. जिस-जिस रूट से यह यात्रा गुज़री, वहां महागठबंधन लगभग साफ हो गया और एनडीए ने भारी जीत दर्ज की. कांग्रेस का दावा था कि यात्रा वोट चोरी के खिलाफ थी, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह महागठबंधन की चुनावी जमीन मजबूत करने की कोशिश थी, जो पूरी तरह असफल रही.
बिहार चुनाव में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन पर पार्टी के भीतर निराशा है. शशि थरूर ने 'गंभीर आत्मनिरीक्षण' की मांग की, जबकि अन्य नेताओं ने हार का कारण संगठन की कमजोरी, गलत टिकट वितरण और जमीनी हकीकत से कटे कुछ नेताओं को बताया.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सीमांचल क्षेत्र की पांच सीटों पर AIMIM ने अपनी मजबूत उपस्थिति को जारी रखा है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बहादुरगंज, कोचा धामन, अमौर और बाबसी जैसी महत्वपूर्ण सीटों पर जनता ने AIMIM को दोबारा जीत दी है. अमौर सीट पर पार्टी के एकमात्र विधायक अख्तरुल इमान ने सफलता पाई जो जनता के भरोसे और पार्टी संगठन की कड़ी मेहनत का परिणाम है.
बिहार चुनाव में एनडीए की शानदार जीत पर चिराग पासवान ने अपने विचार साझा किए. उन्होंने बताया कि बिहार के लोगों ने सही समय पर सही फैसला लिया, और डबल इंजन सरकार ने विकास की राह को मजबूत किया. उन्होंने चुनावी रणनीति, गठबंधन की भूमिका और राजनीतिक चुनौतियों पर भी खुलकर बात की.