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CPI(ML)(L)
IND
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IND
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Bihar Election Result 2025 Live: पिपरा विधानसभा सीट पर JD(U) को दोबारा मिली जीत
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बिहार के सुपौल जिले में स्थित पिपरा विधानसभा क्षेत्र सुपौल लोकसभा सीट के छह खंडों में से एक है. इसे पूर्वी चंपारण जिले के पिपरा विधानसभा क्षेत्र से भ्रमित नहीं करना चाहिए, क्योंकि दोनों अलग-अलग सीटें हैं.
पिपरा विधानसभा क्षेत्र का गठन वर्ष 2008 में हुआ और अब तक यहां तीन विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. 2010 में हुए पहले चुनाव में जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) ने जीत दर्ज की थी. 2015 में राजद (आरजेडी) ने यह सीट जीती, जब जेडीयू विपक्षी गठबंधन में शामिल होकर यह सीट राजद के हिस्से में छोड़ दी थी. 2020 में जेडीयू ने एक बार फिर सीट अपने नाम की.
2010 में जेडीयू की सुजाता देवी ने 14,686 वोटों से जीत हासिल की. 2015 में आरजेडी के यदुवंश कुमार यादव ने भाजपा के विश्व मोहन कुमार को 36,369 वोटों से हराया. वहीं 2020 में जेडीयू के रामबिलास कमत ने आरजेडी उम्मीदवार बने विश्व मोहन कुमार को 19,245 वोटों से शिकस्त दी.
पिपरा की राजनीति का एक दिलचस्प पहलू यह है कि अब तक किसी भी पार्टी ने लगातार तीन चुनावों में एक ही उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है. विश्व मोहन कुमार का राजनीतिक सफर भी काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है. उन्होंने 2009 में जेडीयू उम्मीदवार के रूप में सुपौल लोकसभा सीट जीती थी, लेकिन बाद में भाजपा और फिर राजद के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़े.
जेडीयू की पकड़ पिपरा में लगातार मजबूत मानी जाती है. 2009 से अब तक हर लोकसभा चुनाव में जेडीयू इस खंड में आगे रही है. 2024 के संसदीय चुनावों में जेडीयू ने आरजेडी पर 36,774 वोटों की बढ़त बनाई. हालांकि यह बढ़त 2019 की 53,833 से कम रही, लेकिन विपक्ष के लिए अब भी चुनौतीपूर्ण है.
2020 विधानसभा चुनाव में पिपरा में 2,89,160 पंजीकृत मतदाता थे, जिनमें 48,289 मुस्लिम मतदाता (16.70%) और 42,362 अनुसूचित जाति मतदाता (14.65%) शामिल थे. यादव समुदाय सबसे प्रभावशाली समूह है, जिनकी संख्या 45,108 (15.60%) है. यह पूरी तरह ग्रामीण सीट है, जहां 2020 में 62.93% मतदान हुआ. 2024 में मतदाताओं की संख्या बढ़कर 3,11,628 हो गई.
पिपरा का भूभाग समतल और बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का हिस्सा है. कोसी नदी इस क्षेत्र से होकर बहती है, जो कृषि के लिए महत्वपूर्ण है लेकिन बाढ़ का खतरा भी बढ़ाती है. धान, मक्का और जूट यहां की प्रमुख फसलें हैं. कृषि आधारित उद्योगों और अन्य रोजगार अवसरों की कमी के कारण यहां से बड़ी संख्या में युवाओं का पलायन होता है.
पिपरा का बुनियादी ढांचा अब भी काफी कमजोर है. सड़कें जर्जर हैं और सार्वजनिक सेवाएं सीमित हैं. शिक्षा और स्वास्थ्य संस्थान मौजूद हैं, लेकिन संसाधन और कर्मचारियों की कमी से प्रभावित हैं. कम साक्षरता और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी जीवन स्तर को प्रभावित करती है.
पिपरा, सुपौल जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है. आसपास के प्रमुख कस्बों में मधेपुरा (40 किमी), सहरसा (50 किमी), बनमंखी (60 किमी) और पूर्णिया (70 किमी) शामिल हैं. राज्य की राजधानी पटना यहां से करीब 200 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में है.
पिपरा विधानसभा क्षेत्र 2025 के चुनावों में भी जेडीयू के पक्ष में जाता दिख रहा है. लगातार लोकसभा चुनावों में बढ़त और विधानसभा में स्थिर वोट अंतराल जेडीयू को विपक्ष पर बढ़त दिलाते हैं.
(अजय झा)
Vishwa Mohan Kumar
RJD
Shakuntala Prasad
LJP
Mahendra Sah
JAP(L)
Raju Kumar
PSS
Rajesh Kumar
PP
Amit Kumar Singh
IND
Ranjeet Paswan
BHNP
Om Prakash Roy
NCP
Manoj Kumar Mandal
PBP
Chandra Kishor Yadav
IND
Gautam Kumar
JDR
Asif Kamal
RWMP
Mahan Kumar
SKVP
Amlesh Kumar Jha
AIFB
Ranjit Kumar Paswan
SMP
Arjun Sharma
RPI(R)
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