बिहार के वैशाली जिले में स्थित महनार एक उप-मंडल है, जो एक महत्वपूर्ण व्यावसायिक केंद्र के रूप में जाना जाता है. यहां के थोक और खुदरा बाजार मुख्य रूप से अनाज, वस्त्र और अन्य आवश्यक वस्तुओं के व्यापार में सक्रिय रहते हैं. बुढ़ी गंडक नदी और गंगा के निकट होने के कारण यहां की समतल जमीन कृषि के लिए बेहद उपयुक्त है.
अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि, व्यापार और लघु उद्योगों पर आधारित है. धान, गेहूं, मक्का और दालों की भरपूर खेती होती है. इसके साथ ही केले, आम और लीची के बागानों से भी यहां की अर्थव्यवस्था को अच्छा योगदान मिलता है.
नगर की भौगोलिक स्थिति इसे कई शहरी केंद्रों के समीप रखती है, जिससे उत्पादों के लिए बाजार आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं. जिला मुख्यालय हाजीपुर महनार से 39 किलोमीटर दूर है, जबकि समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर और राज्य की राजधानी पटना 40 से 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं.
महनार विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1951 में हुई थी. यह हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र के छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. इस क्षेत्र में महनार प्रखंड के 50 गांव और 14 ग्राम पंचायतें शामिल हैं, साथ ही जंदाहा प्रखंड की 19 ग्राम पंचायतें भी इसमें आती हैं.
1952 और 1957 में कांग्रेस की दो शुरुआती जीत और 2010 में भाजपा की एकमात्र जीत को छोड़ दें तो यह क्षेत्र समाजवादी दलों का गढ़ रहा है. अब तक की 17 में से 14 बार समाजवादी विचारधारा वाले दलों ने यहां जीत दर्ज की है. संयुक्त समाजवादी पार्टी, जनता पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड) और लोक जनशक्ति पार्टी ने दो-दो बार, जबकि प्रजा समाजवादी पार्टी, सोशलिस्ट पार्टी, सोशलिस्ट पार्टी-लोहिया, लोक दल, जनता दल और राष्ट्रीय जनता दल ने एक-एक बार जीत हासिल की है.
2015 में RJD की पहली जीत LJP के कारण संभव हो पाई, जब LJP ने एनडीए से अलग होकर राज्यभर में जेडीयू के खिलाफ उम्मीदवार खड़े किए. 2020 के चुनाव में जेडीयू को 55,774 वोट, LJP को 31,315 वोट मिले, जबकि RJD ने 61,721 वोटों के साथ 7,947 वोटों से जीत दर्ज की.
हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव परिणामों ने RJD की 2020 की जीत को एक संयोग साबित कर दिया, क्योंकि एनडीए में वापसी कर चुके चिराग पासवान (LJP-रामविलास) ने महनार विधानसभा क्षेत्र में 33,214 वोटों की बड़ी बढ़त दर्ज की.
पिछले चार विधानसभा चुनावों में महनार ने लगातार चार अलग-अलग दलों को मौका दिया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि मतदाता किसी एक पार्टी के प्रति स्थायी निष्ठा नहीं रखते. यह प्रवृत्ति RJD समेत सभी दलों के लिए एक चेतावनी संकेत है.
2020 के विधानसभा चुनाव में महनार में कुल 3,03,945 पंजीकृत मतदाता थे, जिनमें 65,470 (21.54%) अनुसूचित जाति और 19,452 (6.4%) मुस्लिम मतदाता थे. 2024 के लोकसभा चुनावों में यह संख्या बढ़कर 3,13,325 हो गई, हालांकि चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार 2020 के बाद से 3,103 मतदाता बाहर चले गए हैं.
महनार में पिछले तीन चुनावों में मतदान प्रतिशत 55% से कम रहा है, जिससे यह निष्कर्ष निकलता है कि मतदाताओं में चुनावों के प्रति अपेक्षाकृत उदासीनता है. यह चुनाव आयोग के लिए एक चुनौती है, लेकिन राजनीतिक दलों के लिए एक अवसर भी है, जो वे निष्क्रिय मतदाताओं को सक्रिय कर के परिणाम को अपने पक्ष में मोड़ सकते हैं.
(अजय झा)