बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में स्थित मीनापुर विधानसभा क्षेत्र एक सामान्य श्रेणी का निर्वाचन क्षेत्र है, जो वैशाली लोकसभा सीट का हिस्सा है. इसमें मीनापुर प्रखंड के साथ-साथ बोचहां प्रखंड के गरहा, झपहन, काफेन चौधरी, नरकटिया, नरमा, पतियासा और रामपुर जयपाल ग्राम पंचायतें शामिल हैं. यह इलाका गंगा के मैदानी क्षेत्र में स्थित है और पूरी तरह ग्रामीण
प्रकृति का है, जहां उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी धान, गेहूं, मक्का और गन्ने जैसी फसलों की भरपूर पैदावार देती है. छोटे स्तर पर डेयरी और मौसमी सब्ज़ियों की खेती भी लोगों की आय का सहायक स्रोत है. इस क्षेत्र में कोई भी नगरीय जनगणना नगर नहीं है.
मीनापुर विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1951 में हुई थी और अब तक यहां 17 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. 1951 से 1972 के बीच कांग्रेस पार्टी ने पांच बार यह सीट जीती. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने इस क्षेत्र से तीन बार- फरवरी 2005, 2015 और 2020 में- जीत दर्ज की, जिनमें से तीनों बार राजीव कुमार उर्फ मुन्ना यादव विजयी रहे. जनता दल और जनता दल (यूनाइटेड) ने दो-दो बार यह सीट जीती है, जबकि उनके पूर्ववर्ती रूपों- जनता पार्टी, लोकदल और संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी- ने एक-एक बार सफलता पाई. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और एक निर्दलीय प्रत्याशी ने भी एक-एक बार यह सीट जीती है.
2020 में इस क्षेत्र में कुल पंजीकृत मतदाता 2,74,475 थे. उपलब्ध जनगणना और मतदाता सूची के विश्लेषण के अनुसार, अनुसूचित जाति की जनसंख्या लगभग 46,524 (16.95 प्रतिशत) थी, जबकि मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 29,094 (10.6 प्रतिशत) रही. 2024 लोकसभा चुनाव तक मतदाताओं की संख्या बढ़कर 2,77,197 हो गई. 2020 विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत 65.28 रहा.
मीनापुर विधानसभा क्षेत्र ने हमेशा गठबंधन-आधारित चुनावी समीकरणों को दर्शाया है. 2010 में जदयू के दिनेश प्रसाद ने राजद को हराकर सीट जीती थी. लेकिन 2015 में जब जदयू ने भाजपा से नाता तोड़ महागठबंधन (राजद-नीत गठबंधन) में प्रवेश किया, तो यह सीट राजद को दे दी गई. जदयू के समर्थन और मतों के हस्तांतरण से मुन्ना यादव ने भाजपा के अजय कुमार को 23,940 मतों से हराया.
2020 में भी राजद ने यह सीट बरकरार रखी, लेकिन यह जीत एनडीए के विभाजन की वजह से मानी गई, न कि राजद के जनाधार में वृद्धि के कारण. लोजपा ने एनडीए से अलग होकर अपना उम्मीदवार उतारा और 43,496 वोट हासिल किए, जबकि जदयू को 44,506 वोट मिले। इन दोनों का संयुक्त मत राजद के 60,018 मतों से अधिक था, जो इस बात का संकेत था कि बंटा हुआ एनडीए राजद की जीत का कारण बना.
मीनापुर में लोकसभा चुनावों के नतीजे विधानसभा की तस्वीर को और जटिल बनाते हैं. 2014 से अब तक लोजपा ने मीनापुर क्षेत्र में लगातार प्रभाव दिखाया है. 2024 के आम चुनावों में लोजपा ने यहां 20,883 वोटों की बढ़त दर्ज की. अब जब लोजपा पुनः एनडीए में लौट आई है, तो 2025 के विधानसभा चुनावों में राजद के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति बन सकती है. यदि एनडीए वोटों का समुचित ध्रुवीकरण कर पाती है, तो यह सीट उसके पक्ष में जा सकती है.
मीनापुर, मुजफ्फरपुर ज़िला मुख्यालय से लगभग 18 किलोमीटर उत्तर में स्थित है. यह हाजीपुर से करीब 65 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम तथा पटना से लगभग 80 किलोमीटर उत्तर में है. नजदीकी नगरों में बोचहां (12 किमी पूर्व), कांटी (15 किमी पश्चिम), और मोतीपुर (25 किमी उत्तर) शामिल हैं. सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन मुजफ्फरपुर में है, जबकि हाजीपुर और समस्तीपुर से बेहतर रेल कनेक्टिविटी उपलब्ध है. एनएच-28 और अन्य प्रमुख सड़कों के माध्यम से मीनापुर का जुड़ाव मुजफ्फरपुर और आसपास के क्षेत्रों से बना हुआ है.
हालांकि कनेक्टिविटी और शिक्षा के क्षेत्र में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है, फिर भी यह क्षेत्र आज भी मौसमी बाढ़, सीमित स्वास्थ्य सुविधाओं और सिंचाई की समस्याओं से जूझ रहा है.
(अजय झा)