बथनाहा विधानसभा क्षेत्र बिहार के सीतामढ़ी जिले में स्थित है. यह सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है. इसका गठन 1967 में हुआ था और अब तक यहां 14 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. इस क्षेत्र में बथनाहा और मजोरगंज प्रखंडों के साथ सोनबरसा प्रखंड की 10 पंचायतें (बाघा, खप खोपराहा, मारपा, कनौली, कचोर, भुतही, मधेसरा, घुरघुरा, हनुमान नगर और बिशनपुर
गोन्ही) शामिल हैं. यह विधानसभा सीट सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है.
बथनाहा कस्बा जिला मुख्यालय सीतामढ़ी से लगभग 12 किमी उत्तर और राज्य की राजधानी पटना से करीब 160 किमी उत्तर में स्थित है. यह सड़क मार्ग से रीगा (15 किमी दक्षिण-पूर्व), सुरसंड (22 किमी पूर्व), बाजपट्टी (30 किमी दक्षिण-पश्चिम) और बैरगनिया (35 किमी उत्तर-पश्चिम) से जुड़ा हुआ है. इसके अलावा, यह मुजफ्फरपुर (70 किमी दक्षिण-पश्चिम), मधुबनी (50 किमी दक्षिण-पूर्व) और समस्तीपुर (110 किमी) से भी जुड़ा है. नेपाल सीमा के पास जलेश्वर कस्बा यहां से लगभग 25 किमी उत्तर-पूर्व में है.
क्षेत्र मुख्य रूप से ग्रामीण और कृषि आधारित है. धान, मक्का और दलहन यहां की प्रमुख फसलें हैं. बागमती और लखनदेई जैसी नदियों से आने वाली बाढ़ हर साल चुनौती बनी रहती है. रोजगार के सीमित अवसरों के कारण यहां से बड़ी संख्या में लोग अन्य राज्यों और शहरों की ओर पलायन करते हैं.
बथनाहा की राजनीति में समय-समय पर अलग-अलग दलों का दबदबा रहा है. 1967 के पहले चुनाव में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी ने जीत दर्ज की. इसके बाद 1969 से 1985 तक लगातार पांच बार कांग्रेस ने कब्जा जमाया. जनता दल ने 1990 और 1995 में जीत हासिल की, जबकि 2000 में राजद ने यह सीट जीती. 2005 के फरवरी और अक्टूबर दोनों चुनावों में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) विजयी रही.
2010 से यह सीट भाजपा के कब्जे में है. भाजपा ने लगातार तीन चुनाव (2010, 2015 और 2020) जीते हैं. 2020 में भाजपा उम्मीदवार अनिल कुमार ने कांग्रेस के संजय राम को 46,818 वोटों से हराया. यह जीत 2010 और 2015 की तुलना में कहीं अधिक अंतर से थी.
2020 में इस सीट पर कुल 3,07,230 मतदाता पंजीकृत थे, जिनमें 46,484 (15.13%) अनुसूचित जाति और 42,704 (13.90%) मुस्लिम मतदाता शामिल थे. शहरी मतदाताओं की संख्या शून्य रही. मतदान प्रतिशत 55.70% दर्ज किया गया. 2024 लोकसभा चुनाव तक मतदाताओं की संख्या बढ़कर 3,25,980 हो गई. चुनाव आयोग के अनुसार, 2020 की मतदाता सूची से 4,048 लोगों का पलायन दर्ज हुआ, हालांकि वास्तविक संख्या और अधिक मानी जा रही है.
2024 लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन के तहत जेडीयू प्रत्याशी देवेश चंद्र ठाकुर ने बथनाहा से बढ़त हासिल की. विधानसभा और लोकसभा दोनों स्तरों पर 2009 से एनडीए का लगातार दबदबा रहा है. ऐसे में 2025 के चुनाव में राजद गठबंधन के लिए चुनौती बड़ी होगी. विपक्ष को मजबूत उम्मीदवार खड़ा करने के साथ-साथ उन 44% मतदाताओं तक पहुंच बनानी होगी, जिन्होंने 2020 में मतदान से परहेज किया था.
(अजय झा)