बिहार के मिथिला क्षेत्र में स्थित रोसड़ा समस्तीपुर जिले के बुढ़ी गंडक नदी के किनारे बसा हुआ एक महत्वपूर्ण उपविभागीय शहर है. यह शहर समस्तीपुर और बेगूसराय जिलों की सीमा पर स्थित है. समस्तीपुर जिला मुख्यालय से 32 किलोमीटर पूर्व और बिहार की राजधानी पटना से 109 किलोमीटर पश्चिम में स्थित रोसड़ा के निकटवर्ती शहरों में दलसिंहसराय, समस्तीपुर, मुंगेर,
मुजफ्फरपुर और बेगूसराय शामिल हैं.
यहां की स्थानीय भाषाओं में मैथिली, हिंदी और उर्दू प्रमुख रूप से बोली जाती हैं. हालांकि रोसड़ा एक ग्रामीण क्षेत्र है, फिर भी इसकी साक्षरता दर 76.35 प्रतिशत है, जो कि बिहार की औसत साक्षरता दर 61.8 प्रतिशत से कहीं अधिक है.
बुढ़ी गंडक नदी के व्यापारिक मार्ग पर स्थित होने और उपजाऊ मैदानों के चलते रोसड़ा एक समृद्ध कृषि क्षेत्र भी है. यहां के प्रमुख फसलों में तंबाकू, मक्का, चावल, गेहूं, गन्ना, आम और लीची शामिल हैं. इन कृषि उत्पादों के चलते यह क्षेत्र व्यापारिक गतिविधियों का एक प्रमुख केंद्र बना हुआ है.
रोसड़ा विधानसभा सीट अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के लिए आरक्षित है. यह सीट पहले एक लोकसभा क्षेत्र भी हुआ करती थी, जिसे 2008 में परिसीमन के दौरान समाप्त कर दिया गया. अब यह समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र के छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक है.
1951 में स्थापित रोसड़ा विधानसभा सीट पर अब तक 17 सामान्य चुनाव और एक उपचुनाव हो चुके हैं. कांग्रेस पार्टी ने यहां पांच बार जीत हासिल की है, और 2015 में अंतिम बार इस सीट पर विजयी रही. 1962 और 1967 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी और संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी ने कांग्रेस के जीत के क्रम को तोड़ा था. बीजेपी ने तीन बार जीत दर्ज की है. लोकदल, जनता दल और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को दो-दो बार सफलता मिली है, जबकि जेडीयू और एक निर्दलीय उम्मीदवार ने एक-एक बार जीत हासिल की है.
यहां के मतदाताओं में लगभग 19.53 प्रतिशत अनुसूचित जाति और लगभग 9.2 प्रतिशत मुस्लिम समुदाय के हैं. रोसड़ा क्षेत्र मुख्य रूप से ग्रामीण है, जहां 2020 में कुल 3,30,203 पंजीकृत मतदाताओं में से 93.61 प्रतिशत गांवों में निवास करते थे. शहरी मतदाता मात्र 6.4 प्रतिशत थे. उस साल मतदान प्रतिशत सिर्फ 55.1 रहा. 2024 लोकसभा चुनावों में मतदाताओं की संख्या बढ़कर 3,36,479 हो गई.
2020 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के बीरेंद्र कुमार ने कांग्रेस के नागेन्द्र कुमार पासवान को 35,744 वोटों के बड़े अंतर से हराया. यह जीत खास इसलिए थी क्योंकि उस समय एलजेपी एनडीए से बाहर होकर अपना प्रत्याशी मैदान में उतार चुकी थी, फिर भी बीजेपी ने जीत दर्ज की. अब जबकि एलजेपी फिर से एनडीए का हिस्सा है, बीजेपी की राह पहले से कहीं अधिक आसान नजर आ रही है.
2024 लोकसभा चुनाव के नतीजों ने इस धारणा को और बल दिया है. एलजेपी (रामविलास) की उम्मीदवार शंभवी चौधरी ने समस्तीपुर लोकसभा सीट पर शानदार जीत दर्ज की और रोसड़ा समेत सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त हासिल की. इन परिणामों के बाद बीजेपी को पूरा भरोसा है कि वह 2025 के विधानसभा चुनाव में भी रोसड़ा सीट पर अपनी पकड़ बरकरार रख पाएगी.
(अजय झा)