बिहार के मधुबनी जिले में स्थित बाबूबरही विधानसभा क्षेत्र में बाबूबरही और लदनियां प्रखंडों के साथ खजौली प्रखंड की सात ग्राम पंचायतें शामिल हैं. यह क्षेत्र वर्ष 1977 में लदनियां विधानसभा क्षेत्र के विघटन के बाद अस्तित्व में आया. तब से अब तक यहां 12 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं, जिनमें 2003 का उपचुनाव भी शामिल है. बाबूबरही, झंझारपुर लोकसभा सीट के छह
विधानसभा क्षेत्रों में से एक है.
बाबूबरही का राजनीतिक सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है. यहां कभी भी कोई एक दल स्थायी रूप से हावी नहीं हो पाया. अब तक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने चार बार जीत दर्ज की है, जबकि जनता दल (यूनाइटेड) ने तीन बार सफलता हासिल की. कांग्रेस और पूर्ववर्ती जनता दल को दो-दो बार जीत मिली है, वहीं 1977 में हुए पहले चुनाव में जनता पार्टी विजयी रही.
इस सीट से जुड़े दिग्गज नेता देव नारायण यादव का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है. वे 1952 में बिहार की पहली मंत्रिपरिषद के सदस्य रहे और 1995 से 2000 तक विधानसभा अध्यक्ष भी बने. उन्होंने बाबूबरही से चार बार जीत हासिल की-1977 में जनता पार्टी, 1990 और 1995 में जनता दल, तथा 2000 में राजद के टिकट पर. उनके निधन के बाद 2003 में उपचुनाव हुआ.
जदयू ने हाल के वर्षों में यहां मज़बूत पकड़ बनाई है. पार्टी ने 2015 और 2020 दोनों विधानसभा चुनाव जीते. 2020 में जदयू की मीना कुमारी ने राजद के उमाकांत यादव को 11,488 वोटों से हराया. उमाकांत यादव इससे पहले तीन बार (2003, फरवरी 2005 और 2010) राजद प्रत्याशी के रूप में जीत चुके थे.
2015 में जदयू के कपिल देव कमत ने लोजपा के विनोद कुमार सिंह को 20,267 वोटों से हराया था. जदयू की ताक़त लोकसभा चुनावों में भी दिखी, जब उसने बाबूबरही क्षेत्र में 2019 में 61,199 और 2024 में 34,232 वोटों की बढ़त बनाई.
2020 विधानसभा चुनाव में बाबूबरही में कुल 3,14,309 पंजीकृत मतदाता थे. इनमें 44,789 अनुसूचित जाति (14.25%) और 35,516 मुस्लिम मतदाता (11.30%) शामिल थे. यादव समुदाय सबसे बड़ा मतदाता समूह है, जिनकी संख्या 45,574 (14.50%) थी. दिलचस्प बात यह है कि अब तक हुए 12 चुनावों में से 8 बार यादव प्रत्याशी ने ही जीत दर्ज की है.
पूरा क्षेत्र ग्रामीण है और यहां कोई शहरी मतदाता नहीं है. 2020 में 61.01% मतदान हुआ, जो हाल के वर्षों का सबसे अधिक रहा. 2024 तक मतदाताओं की संख्या बढ़कर 3,21,752 हो गई, हालांकि 2020 के मुकाबले 3,948 मतदाता पलायन कर चुके थे. युवाओं का रोजगार की तलाश में बाहर जाना यहां की बड़ी समस्या बनी हुई है.
बाबूबरही, मधुबनी जिला मुख्यालय से करीब 35 किमी, दरभंगा से 45 किमी और झंझारपुर से 25 किमी की दूरी पर स्थित है. नज़दीकी रेलवे स्टेशन खजौली में है, जो लगभग 15 किमी दूर है. राज्य की राजधानी पटना यहां से लगभग 180 किमी दक्षिण-पश्चिम दिशा में है.
जदयू की लगातार जीत और लोकसभा चुनावों में मजबूत प्रदर्शन को देखते हुए, 2025 विधानसभा चुनावों में पार्टी को राजद-गठबंधन पर स्पष्ट बढ़त हासिल मानी जा रही है.
(अजय झा)