औराई विधानसभा क्षेत्र बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में स्थित एक सामान्य वर्ग का निर्वाचन क्षेत्र है. यह क्षेत्र पूरी औराई प्रखंड और इसके समीपवर्ती कटरा प्रखंड के 16 ग्राम पंचायतों को सम्मिलित करता है. यह इलाका मुजफ्फरपुर शहर के उत्तर में स्थित है और गंडक तथा बागमती नदियों की बाढ़ प्रभावित घाटियों में आता है. यहां की उपजाऊ भूमि और अनेक छोटी जल
धाराएं धान, मक्का और सब्जियों की खेती को पोषित करती हैं, जिससे कृषि यहां की प्रमुख आजीविका है.
औराई क्षेत्र सड़क मार्ग से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित मुजफ्फरपुर से जुड़ा हुआ है. यह क्षेत्र जिले की उत्तरी सीमा तक फैला हुआ है और पूर्वी चंपारण की सीमा के निकट स्थित है. इसके अतिरिक्त, सीतामढ़ी लगभग 45 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में, दरभंगा 65 किलोमीटर पूर्व में और समस्तीपुर 70 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है. मोतिहारी, औराई से 75 किलोमीटर उत्तर में और राज्य की राजधानी पटना लगभग 95 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है.
औराई विधानसभा क्षेत्र का गठन वर्ष 1967 में हुआ था और तब से अब तक यहां कुल 15 बार चुनाव हो चुके हैं, जिनमें वर्ष 2009 का उपचुनाव भी शामिल है. इस सीट पर अब तक जनता पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) ने तीन-तीन बार जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस, जनता दल, बीजेपी और आरजेडी ने दो-दो बार जीत हासिल की है. संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी ने भी एक बार इस सीट पर विजय प्राप्त की थी. यह विविध चुनावी इतिहास यह दर्शाता है कि औराई की जनता ने स्थायी राजनीतिक निष्ठा के बजाय समय-समय पर बदलती परिस्थितियों और समीकरणों के आधार पर मतदान किया है.
2009 के उपचुनाव के बाद से बीजेपी के राम सुरत राय और आरजेडी के सुरेंद्र कुमार यादव प्रमुख प्रतिद्वंद्वी बनकर उभरे हैं. दोनों ने चार लगातार चुनावों में से दो-दो बार जीत हासिल की है. यादव ने 2009 में उपचुनाव में पहली बार जीत दर्ज की थी, लेकिन 2010 में राम सुरत राय ने उन्हें 11,741 मतों से हराया. 2015 में जब जदयू और बीजेपी का गठबंधन टूटा, तब आरजेडी ने इस मौके का लाभ उठाकर सीट अपने पक्ष में कर ली और यादव ने राय को 10,825 वोटों से हराया. लेकिन 2020 में राम सुरत राय ने जोरदार वापसी करते हुए 47,866 वोटों के रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की. यह औराई निर्वाचन क्षेत्र के इतिहास की सबसे बड़ी जीत थी.
2020 के विधानसभा चुनावों में औराई में कुल 3,10,614 पंजीकृत मतदाता थे. इनमें मुस्लिम मतदाता 17.90% (55,599) और अनुसूचित जाति के मतदाता 11.23% (34,882) थे. यह एक पूर्णतः ग्रामीण क्षेत्र है, जिसमें कोई शहरी मतदाता पंजीकृत नहीं है. 2024 के लोकसभा चुनाव तक यह संख्या बढ़कर 3,20,357 हो गई.
2024 के आम चुनाव में औराई क्षेत्र में बीजेपी के राज भूषण चौधरी ने कांग्रेस उम्मीदवार अजय निषाद पर 36,200 वोटों की बढ़त हासिल की. अजय निषाद, जो पहले बीजेपी से दो बार मुजफ्फरपुर से सांसद रह चुके थे, को इस बार टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया. यह परिणाम न केवल निषाद के लिए व्यक्तिगत झटका था, बल्कि यह संकेत भी था कि क्षेत्र में बीजेपी की पकड़ अब भी मजबूत बनी हुई है.
2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए औराई सीट एक बार फिर से हाई-वोल्टेज मुकाबले का गवाह बनने वाली है. बीजेपी-नीत एनडीए इस बार पहले से अधिक एकजुट नजर आ रही है, जबकि नए राजनीतिक खिलाड़ी भी सीमाओं पर अपने लिए जगह तलाश रहे हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बीजेपी इस बार औराई में लगातार जीत का क्रम बना पाएगी या फिर यह सीट एक बार फिर विपक्षी दलों के पक्ष में झुक जाएगी.
औराई की राजनीति का यह उतार-चढ़ाव इस बात का प्रमाण है कि मतदाता यहां बदलाव के प्रति हमेशा सजग रहे हैं और आने वाला चुनाव भी इसी प्रवृत्ति की अगली कड़ी साबित हो सकता है.
(अजय झा)