बिहार के मधुबनी जिले में स्थित बिस्फी विधानसभा क्षेत्र मधुबनी लोकसभा सीट का हिस्सा है. इसमें बिस्फी प्रखंड के सभी पंचायत और रहिका प्रखंड की 12 ग्राम पंचायतें शामिल हैं. यह क्षेत्र मिथिला की सांस्कृतिक परंपरा से गहराई से जुड़ा हुआ है. 14वीं शताब्दी के प्रसिद्ध मैथिली कवि विद्यापति का यह जन्मस्थान माना जाता है. इसके अलावा बिस्फी का संबंध प्राचीन
विद्वानों जैसे याज्ञवल्क्य और चंद्रेश्वर ठाकुर से भी रहा है, जिससे यह क्षेत्र मैथिली बौद्धिक परंपरा का प्रमुख केंद्र माना जाता है.
बिस्फी विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1967 में हुई थी और अब तक यहां 14 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. इस दौरान भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने 5 बार, कांग्रेस ने 4 बार, राजद और निर्दलीय उम्मीदवारों ने 2-2 बार जीत दर्ज की है. वर्ष 2020 में पहली बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने यहां जीत हासिल की, जब पार्टी उम्मीदवार हरिभूषण ठाकुर ने राजद प्रत्याशी फैयाज़ अहमद को 10,282 वोटों से हराया. फैयाज़ अहमद इससे पहले 2010 और 2015 में जीत चुके थे.
बिस्फी में लगभग एक-तिहाई वोटर मुस्लिम समुदाय से आते हैं, जो पारंपरिक रूप से भाजपा का समर्थन नहीं करते. इसके बावजूद भाजपा की जीत को राजनीतिक रूप से बेहद अहम माना गया. 2024 लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने बिस्फी विधानसभा क्षेत्र में राजद पर 6,783 वोटों की बढ़त बनाई, हालांकि यह 2019 की तुलना में काफी कम रही, जब पार्टी को 59,775 वोटों की लीड मिली थी.
2020 विधानसभा चुनाव में बिस्फी में कुल 3,28,098 पंजीकृत मतदाता थे, जिनमें 1,01,710 मुस्लिम वोटर (31%) और 36,156 अनुसूचित जाति वोटर (11.02%) शामिल थे. यह पूरी तरह ग्रामीण क्षेत्र था, जहां शहरी मतदाता शून्य रहे. उस चुनाव में सबसे अधिक मतदान प्रतिशत 54.63% दर्ज हुआ. 2024 तक मतदाताओं की संख्या बढ़कर 3,36,583 हो गई, जबकि लगभग 3,848 मतदाता इस बीच स्थानांतरित हो गए.
भौगोलिक दृष्टि से बिस्फी बाढ़-ग्रस्त मिथिला क्षेत्र में स्थित है. यह समतल और उपजाऊ भूमि है, जहां कृषि मुख्य व्यवसाय है. धान, गेहूं और दालें प्रमुख फसलें हैं, लेकिन सिंचाई की कमी के कारण किसान अब भी मानसून पर निर्भर रहते हैं. सड़क, स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र जैसी सार्वजनिक सुविधाएं पर्याप्त रूप से विकसित नहीं हो पाई हैं. रोजगार के अभाव में यहां के युवा अक्सर मौसमी पलायन करते हैं.
बिस्फी, मधुबनी जिला मुख्यालय से लगभग 10 किमी, दरभंगा से 25 किमी, पटना से 165 किमी, सीतामढ़ी से 54 किमी, समस्तीपुर से 75 किमी और मुज़फ्फरपुर से लगभग 86 किमी दूर स्थित है.
हाल के वर्षों में भाजपा ने बिस्फी में मजबूत पकड़ बनाई है, लेकिन 2025 में जीतना आसान नहीं होगा. राजद गठबंधन कड़ी टक्कर दे रहा है. चुनाव आयोग द्वारा कराई गई विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया (SIR) भी मतदाताओं की सोच को प्रभावित कर सकती है. ऐसे में कहा जा सकता है कि आने वाला विधानसभा चुनाव बिस्फी में बेहद कड़ा और रोमांचक मुकाबला साबित होगा.
(अजय झा)