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दिल्ली ब्लास्ट: शाहीन से पूछताछ में बड़ा खुलासा, क्लीनिक और अस्पताल बने थे आतंकी मॉड्यूल का कवर

दिल्ली बम धमाके की जांच में NIA ने अपना शिकंजा और कड़ा कर दिया है. गिरफ्तार डॉक्टर शाहीन सहित सात आरोपितों को विभिन्न राज्यों के पांच शहरों में ले जाकर पूछताछ तेज कर दी गई है. जांच एजेंसी का फोकस अब उस हाई-प्रोफाइल डॉक्टर नेटवर्क पर है, जो 'कवर प्रोफेशन' के जरिए आतंकियों को लॉजिस्टिक, फाइनेंशियल और शेल्टर सपोर्ट दे रहा था. कई शहरों में OGW और सपोर्ट मॉड्यूल के तार तेजी से सामने आ रहे हैं.

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दिल्ली धमाके पर आरोपी शाहीन का बड़ा खुलासा (Photo- ITG)
दिल्ली धमाके पर आरोपी शाहीन का बड़ा खुलासा (Photo- ITG)

दिल्ली ब्लास्ट से जुड़े आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश करने में जुटी NIA ने अपनी जांच कई राज्यों तक फैला दी है. सूत्रों के मुताबिक बीती रात एजेंसी डॉक्टर शाहीन को फरीदाबाद लेकर आई, जहां उसके पुराने संपर्कों, सपोर्ट सिस्टम और संभावित ठिकानों की गहन जांच की गई. NIA ने जिन पांच शहरों लखनऊ, कानपुर, सहारनपुर, फरीदाबाद और जम्मू-कश्मीर को 'कोर ज़ोन' बनाया है, वहां अब हाई-इंटेंसिटी रेड और इंटेलिजेंस ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं.

अब OGW पर कसेगा शिकंजा

जांच एजेंसी को शक है कि दिल्ली धमाके के पीछे सिर्फ ऑपरेशनल मॉड्यूल ही नहीं, बल्कि एक 'डॉक्टर नेटवर्क' भी काम कर रहा था, जो अपनी पहचान छुपाने के लिए अस्पतालों, क्लीनिकों और मेडिकल सेटअप को कवर की तरह इस्तेमाल करता था. यह नेटवर्क उच्च शिक्षित व्यक्तियों पर आधारित था, जो लो एक्सपोजर और हाई एक्सपर्टीज मॉडल पर काम करते थे ताकि किसी सुरक्षा एजेंसी को संदेह न हो.

डॉक्टर शाहीन और अन्य आरोपितों से पूछताछ में NIA को पता चला कि UP और हरियाणा के कई शहरों में उनसे जुड़े OGW (Over Ground Workers) सक्रिय थे. इन OGW ने आतंकी मॉड्यूल को लॉजिस्टिक सपोर्ट, शेल्टर, वाहन और फाइनेंस मुहैया कराया था. इसी कारण अब NIA स्थानीय सहयोगियों पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है.

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मेडिकल इंस्टीट्यूट को आतंकी बनाते थे कवर

सहारनपुर में बरामद वाहनों की फोरेंसिक जांच पूरी कर ली गई है, वहीं कानपुर में किराए के मकानों, संभावित सेफ-हाउस और संदिग्ध मेडिकल इंस्टीट्यूट की तलाश जारी है. सूत्रों के अनुसार, चैट, कॉल डेटा और डिजिटल फुटप्रिंट ने साफ किया है कि यह आतंक नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ था.

NIA मॉड्यूल की 'B टीम' यानी वो लोग जो धमाके में सीधे शामिल नहीं थे लेकिन साजिश, छुपाने और सपोर्ट में सक्रिय थे उनकी पहचान कर चुकी है. इन व्यक्तियों पर सबसे बड़ा एक्शन जल्द देखने को मिल सकता है.

एजेंसी अब नेटवर्क को चरणों में तोड़ रही है. डॉक्टरों और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े कई संदिग्धों से पूछताछ आगे भी जारी रहेगी. शुरुआती जांच के अनुसार, आतंकी गतिविधियों को आम मेडिकल पेशे के पीछे छुपाया जाता था ताकि किसी तरह का संदेह न हो.

 

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