कोहरा (Fog) एक दिखने वाला एयरोसोल है जिसमें पृथ्वी की सतह पर या उसके आस-पास हवा में शामिल पानी की छोटी बूंदें या बर्फ के क्रिस्टल होते हैं. कोहरे को एक प्रकार का निचला बादल माना जा सकता है जो आमतौर पर स्ट्रेटस जैसा दिखता है. कोहरा तब दिखता है जब जलवाष्प यानी जब पानी अपने गैसीय रूप में Condense होता है. Condensation (संघनन) के दौरान, जल वाष्प के अणु (Molecules) हवा में लटकने वाली छोटी तरल पानी की बूंदों (Water Droplets) को बनाने के लिए जुड़ते हैं (Formation of Fog). कोहरा धुंध के समान होता है, लेकिन धुंध की तुलना में कम पारदर्शी होता है (Fog like Mist).
कोहरा कई तरह से बन सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि ठंडा करने के कारण Condensation (संघनन) कैसे हुआ.
दिल्ली एनसीआर इस वक्त घने कोहरे की चादर से पूरी तरह ढकी हुई है. इंडिया गेट और आसपास की सभी इमारतें कोहरे में लिपटी हुई नजर आ रही हैं. मौसम विभाग ने दिल्ली के कई जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है.
कोहरे का असर रेल यात्राओं पर साफ देखा जा सकता है. कोहरे के कारण दर्जनों ट्रेनें देरी से चल रही हैं, जिस कारण लोगों को ठंड में घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. राजधानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें भी कई घंटे की देरी से चल रही हैं.
दिल्ली-NCR में घने कोहरे से विजिबिलिटी 100 मीटर से कम हो गई है. AQI 387 तक पहुंच गया है. कई इलाकों में 400 पार है. फ्लाइट और ट्रांसपोर्ट प्रभावित हुए हैं. IMD ने येलो अलर्ट जारी किया है.
उत्तर भारत में घने कोहरे के कारण दिल्ली IGI एयरपोर्ट पर CAT III ऑपरेशन शुरू किया गया, जिससे कई फ्लाइट्स लेट हुईं. इंडिगो, स्पाइसजेट और दिल्ली एयरपोर्ट ने यात्रियों को फ्लाइट स्टेटस चेक करने और देरी के लिए तैयार रहने की सलाह दी.
आज विशेष में बात कोहराम की.. कोहराम जो मचा है कोहरे से... नॉर्थ इंडिया के ज्यादातर शहर भीषण प्रदूषण की ही नहीं, बल्कि कोहरे की भी चपेट में हैं. कोहरे का असर फ्लाइट्स पर और ट्रेन्स पर भी पड़ रहा है और सबसे ज्यादा डर ये है कि कोहरे की वजह से हादसे बहुत हो रहे हैं. खास तौर पर एक्सप्रेस वे पर चलना जानलेवा बना हुआ है. दो दिन पहले ही बड़ा हादसा हुआ था. लेकिन परेशान करने वाली बात ये है कि अगले कुछ दिनों तक कोहरे का कहर यूं ही जारी रहेगा.
दिल्ली-NCR में 2025 के प्रदूषण पर पर्यावरण मंत्री ने संसद में कहा एक भी 'सीवियर+' दिन नहीं रहा है. लेकिन दिसंबर में दिल्ली AQI 461, नोएडा में 466 तक पहुंचा था. GRAP-4 लागू है. WFH और ऑनलाइन क्लास की सलाह दी गई है. औसत सुधरा है लेकिन सर्दी में संकट गहरा गया है. स्वास्थ्य पर खतरा है.
ठंड के मौसम में दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण और धुंध ने लोगों की जिंदगी को काफी प्रभावित कर रखा है. हर दिन हवा में मौजूद मात्रा इतनी अधिक होती है कि वायु की गुणवत्ता बेहद खराब हो जाती है. इंडिया गेट से लेकर अक्षरधाम और ताजमहल जैसे प्रमुख स्थलों तक धुंध की मोटी चादर ने उनकी स्पष्टता को कम कर दिया है. धूप की कमी के कारण वायु में अस्वास्थ्यकर पदार्थों का स्तर बढ़ता जा रहा है. यह केवल दिल्ली की समस्या नहीं बल्कि पूरे एनसीआर और आसपास के कई जिलों में फैली हुई है.
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण और GRAP-4 के चलते 18 दिसंबर से बिना वैध PUC पेट्रोल-डीजल पर रोक लगी. बॉर्डर पर सख्ती बढ़ी, कोहरे से यातायात और खेल गतिविधियां भी प्रभावित हुईं.
लखनऊ में भारत-दक्षिण अफ्रीका टी-20 मैच घने कोहरे व स्मॉग से रद्द हो गया. शशि थरूर ने तंज कसा कि मैच तिरुवनंतपुरम में रखते तो खेल होता, जहां AQI सिर्फ 68 है. उत्तर भारत में सर्दियों में कम तापमान, वेस्टर्न डिस्टर्बेंस व प्रदूषण से घना कोहरा बनता है. दक्षिण भारत में समुद्री प्रभाव से मौसम गरम व साफ रहता है.
दिल्ली और आसपास के इलाकों में घने कोहरे और स्मॉग से जनजीवन प्रभावित है और AQI 356 दर्ज किया गया. वहीं, उत्तर भारत के कई राज्यों में कोहरे का अलर्ट है. उड़ानें और ट्रेनें प्रभावित हुई हैं. हालांकि, दिन में हवाओं से हालात सुधरने की उम्मीद जताई गई है.
आगरा से नोएडा को जोड़ने वाले यमुना एक्सप्रेस-वे पर हादसे में एक दर्जन से ज्यादा लोग जिंदा जल गए जबकि 70 से ज्यादा जख्मी है. पुलिस प्रशासन का दावा है कि हादसा घने कोहरे की वजह से हुआ, लेकिन जिम्मेदारों के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं कि घने कोहरे के बावजूद टैफिक का मैनेजमेंट क्यों नहीं था? एक्सप्रेसवे के नाम पर मोटा टैक्स तो वसूला जाता है लेकिन सुविधाओं के नाम पर टैक्स चुकाने वाला खाली हाथ क्यों हैं? देखें 10 तक.
उत्तर भारत में ठंड उतनी तेज़ नहीं है लेकिन कोहरे का प्रभाव बढ़ गया है. यमुना एक्सप्रेस वे पर एक भयानक हादसा हुआ. इस दुर्घटना में 13 लोगों की जान चली गई और 70 से अधिक लोग घायल हुए. हादसा इतना गंभीर था कि कई वाहन एक के बाद एक टकराए और इसके बाद आग लग गई. चश्मदीदों ने बताया कि यह दृश्य ऐसा था जैसे कोई बड़ा बम ब्लास्ट हुआ हो.
उत्तर भारत में ठंड अभी इतनी भीषण नहीं है, लेकिन कोहरे का कहर शुरू हो गया है. कोहरे की वजह से आज सुबह-सुबह यमुना एक्सप्रेस वे पर एक भीषण हादसा हुआ, जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई. हादसा इतना भयानक था कि एक के बाद एक वाहन आपस में टकराते गए और फिर आग लगती चली गई. सवाल यही है कि ऐसा कोई सिस्टम क्यों नहीं बना जिससे ये हादसे टाले जाएं या कम किए जाएं. देखें विशेष.
ठंड और कोहरे से रेलवे की रफ्तार पड़ी धीमी, कई ट्रेनें लेट, सड़क यातायात पर भी असर
सर्दियों में उत्तर भारत में घना कोहरा छा जाता है, जो रात में जमीन के ठंडा होने से हवा की नमी के छोटे कणों से बनता है. प्रदूषण इसे और घना बनाता है. इससे हवाई उड़ानें रद्द, सड़क दुर्घटनाएं बढ़ती हैं. फसलों को पाला नुकसान पहुंचता है.
उत्तरी भारत के कई एयरपोर्टों की तरह दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) पर भी घने कोहरे के कारण उड़ानों पर गहरा असर पड़ा. एयरपोर्ट प्रशासन ने बताया कि रनवे की विजिबिलिटी कम के कारण लगभग 228 फ्लाइट्स रद्द कर दी गईं हैं.
IMD के मुताबिक, दिल्ली, यूपी, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत में 16 से 20 दिसंबर के बीच सुबह के समय घना कोहरा छाए रहने की संभावना है. इससे दृश्यता कम होगी और सड़क, रेल तथा हवाई यातायात प्रभावित हो सकती है.
दिल्ली एनसीआर में जारी घने कोहरे ने हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सभी परिवहन सेवाओं को प्रभावित किया है. इंडिगो ने भी इसकी चेतावनी दी है. मौसम विभाग का कहना है कि यह स्थिति सप्ताहभर बनी रहेगी, साथ ही ठंड में भी वृद्धि होगी. बाराखंबा रोड, सरदार पटेल रोड और पंडित पंत रोड जैसी जगहों पर दृश्यता कम होने के कारण वाहन चालकों को विशेष सावधानी बरतनी होगी.
दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक हो गया है और घना कोहरा भी छाया हुआ है. विमान, ट्रेन और बस सेवाओं पर इसका बड़े पैमाने पर प्रभाव पड़ा है. अक्षरधाम के पास विजिबिलिटी बहुत कम है और कई इलाकों में धुंध ने आवाजाही को प्रभावित किया है. वायु सेवाओं को लेकर भी अलर्ट जारी किया गया है.
Delhi में घने कोहरे की वजह से भारत मौसम विज्ञान विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया
कोहरे की वजह से सड़कों पर गाड़ियों की रफ्तार धीमी पड़ी है. रेल यातायात और सामान्य जनजीवन पर असर दिखाई दिया. कई इलाकों में आलम यह रहा कि सुबह 10 बजे तक भी कोहरा पूरी तरह नहीं छंट पाया, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा.